बिहार की चंचला देवी अपने सीने पर नौ कलश रख मां छिन्नमस्तिका मंदिर में साधना में है लीन
मां छिन्नमस्तिका मंदिर रामगढ़ के समीप यज्ञशाला में बिहार के औरंगाबाद से पहुंची एक महिला श्रद्धालु लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।औरंगाबाद जिला अंतर्गत घोड़दौड़ निवासी मुन्ना सिंह की धर्मपत्नी चंचला देवी अपने सीने पर नौ कलश रखकर मां की आराधना में लीन हैं।
रामगढ़। मां छिन्नमस्तिका मंदिर रामगढ़ के समीप यज्ञशाला में बिहार के औरंगाबाद से पहुंची एक महिला श्रद्धालु लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।औरंगाबाद जिला अंतर्गत घोड़दौड़ निवासी मुन्ना सिंह की धर्मपत्नी चंचला देवी अपने सीने पर नौ कलश रखकर मां की आराधना में लीन हैं।
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चंचला के परिजन ने बताया कि चंचला देवी पिछले नौ वर्षों से प्रत्येक नवरात्र में इसी तरह देश के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर सीने पर नौ कलश रखकर पूरे नौ दिनों की कड़ी तपस्या में लीन रहती हैं। इस वर्ष वह मां छिन्नमस्तिका के प्रांगण में साधना करने पहुंची हैं। पूरे नौ दिनों तक एक ही मुद्रा में निर्जला उपवास रहकर मां की कड़ी तपस्या में लीन रहेंगी। महिला भक्ति देखकर लोग हैरान हैं। चारों ओर मां दुर्गा के प्रति उनकी अटूट आस्था की चर्चा हो रही है। लोगों कहना है कि एक महिला श्रद्धालु नौ दिनों तक बिना कुछ खाये और शौचालय गए पूजा कर रही है। चंचला देवी की भक्ति के आगे मेडिकल साइंस भी फेल है।
कोरोना काल में भी की थी मां की आराधना
कोरोना काल में नवरात्र में चंचला देवी मानव जाति के कल्याण के लिए सीने पर कलश रखकर मां की आराधना की थी। परिजन बताते हैं कि चंचला देवी को आस्था से शक्ति मिली है। हालांकि कोरोना काल में जिला प्रशासन के आदेश से मंदिर बंद थे। दो साल मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद था। लेकिन चंचला देवी माता की पूजा सीने पर कलश रखकर हर साल की तरह कोरोना काल में भी आराधना की थी।