Chandan Mishra Murder Case : शेरू के शार्गिद ने जेल से रची गैंगस्टर चंदन मिश्रा की मर्डर की साजिश
बिहार की राजधानी पटना के पारस हॉस्पिटल में घुसकर गैंगस्टर चंदन मिश्रा की मर्डर मामले में शुक्रवार को बंगाल के पुरूलिया जेल में बंद कुख्यात शेरू सिंह से भी पुलिस टीम ने पूछताछ की है। पुलिस सोर्सेज के अनुसार, शेरू ने मर्डर की साजिश बिहार की जेल में बंद उसके ही गैंग के सदस्य के द्वारा रचे जाने की जानकारी पुलिस को दी है। पुलिस उसकी जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है। जेल में बंद शेरू के उस शार्गिद से भी पूछताछ की तैयारी की जा रही है।

- , बिहार - बंगाल का जेल कनेक्शन
- ADG ने कहा- वर्चस्व की लड़ाई
- शरू सिंह से पुलिस की पूछताछ
- शूटरों और मददगारों की खोज में रेड
पटना। बिहार की राजधानी पटना के राजा बाजार स्थित पारस एमएमआरआई हॉस्पिटल में घुसकर प्राइवेट वार्ड में एडमिट सजायाफ्ता गैंगस्टर चंदन मिश्रा की मर्डर मामले में शुक्रवार को बंगाल के पुरूलिया जेल में बंद कुख्यात शेरू सिंह से भी पुलिस टीम ने पूछताछ की है। पुलिस सोर्सेज के अनुसार, शेरू ने मर्डर की साजिश बिहार की जेल में बंद उसके ही गैंग के सदस्य के द्वारा रचे जाने की जानकारी पुलिस को दी है। पुलिस उसकी जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है। जेल में बंद शेरू के उस शार्गिद से भी पूछताछ की तैयारी की जा रही है।
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पुलिस जांच में चंदन मर्डर केस में बिहार से लेकर बंगाल का जेल कनेक्शन सामने आया है। चंदन की मर्डर करने वाले शूटरों की खोज में रेड जारी है। पुलिस की टीम लगातार बिहार और आसपास के स्टेट में रेड कर रही है। एक-दो शूटरों को छोड़कर बाकी की पहचान कर ली गयी है।शेरू सिंह का वास्तविक नाम ओंकारनाथ सिंह है। वर्ष 2011 में सात से आठ मर्डर केस में चंदन और शेरू का नाम आया था। पिछले दिनों आरा में हुई तनिष्क लूटकांड में भी शेरू का नाम आया था। उसकी गिरफ्तारी नेपाल से हुई थी। फिलहाल वह बंगाल के पुरूलिया जेल में बंद है।
शूटरों के मददगारों की हुई पहचान : एडीजी
पुलिस हेडक्वार्टर लेवल से भी लगातार चंदन मिश्रा मर्डर केस की समीक्षा की जा रही है। एडीजी हेडक्वार्टर कुंदन कृष्णन ने बताया कि हॉस्पिटल में घुसकर मर्डर करने वाले शूटरों के मददगारों की भी पहचान की जा रही है। शूटरों को पटना में किसने आश्रय दिया, रहने-खाने और भागने के लिए गाड़ी का इंतजाम किसने किया, इन सब लोगों की पहचान की जा रही है। इनपर भी कार्रवाई की जायेगी। शूटर किस रास्ते से आये और भागे, इसका सीसीटीवी फुटेज खंगाला गया है। एडीजी ने बताया कि अब तक की जांच में वर्चस्व की लड़ाई में मर्डर की बात समझ में आ रही है। प्राथमिक जांच में चंदन के पुराने सहयोगी और बाद में प्रतिद्वंद्वी बन गए शेरू पटना आईजी और एसएसपी के साथ डीजीपी ने की समीक्षा
डीजीपी विनय कुमार ने भी शुक्रवार को चंदन मिश्रा मर्डर केस में अब तक के इन्विस्टीगेशन की समीक्षा की। डीजीपी ने पटना के आईजी जितेंद्र राणा और एसएसपी कार्तिकेय शर्मा को तलब कर कार्रवाई का ब्योरा लिया। इस दौरान मर्डर केस की जांच के लिए गठित एसआइटी के सीनीयर अफसर भी उपस्थित रहे।
शूटरों की तलाश में बिहार से पश्चिम बंगाल में दबिश, 14 से पूछताछ; तीन पुलिस कस्टडी में
पटना के राजा बाजार स्थित पारस एमएमआरआई हॉस्पिटल में घुसकर प्राइवेट वार्ड में एडमिट सजायाफ्ता गैंगस्टर चंदन मिश्रा को गोलियों से भूनने वाले पांचों शूटरों की तलाश में पुलिस ने ताबड़तोड़ रेड कर रही है। एसआईटी और एसटीएफ पटना के फुलवारीशरीफ, पटना सिटी, दानापुर से लेकर बक्सर और पश्चिम बंगाल के अलग अलग ठिकानों पर लगातार रेड कर रही है। घटना के कुछ घंटे बाद ही सीसीटीवी फुटेज से शूटरों की पहचान के बाद एसटीएफ बिहार से लेकर पश्चिम बंगाल में 14 से अधिक ठिकानों पर रेड हो चुकी है। शूटरों के करीबी से लेकर उनके रिश्तेदारों से भी पूछताछ की जा रही है। जहां से शूटरों का कनेक्शन जुड़ रहा है, वहां पुलिस पहुंच रही है।
एसआईटी और एसटीएफ 14 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है। टेक्नीकल इन्विस्टीगेशन कर पुलिस बक्सर और पटना से तीन को कस्टडी में ली है, हालांकि घटना के 36 घंटे बाद भी पुलिस न तो शूटरों का नाम उजागर की है और गिरफ्तारी की पुष्टि कर रही है।चंदन बक्सर के औद्योगिक पुलिस स्टेशन एरिया के सोनवर्षा निवासी मंटू मिश्रा का पुत्र था। उसपर बक्सर, आरा के पुलिस स्टेशनों में छह मर्डर, आर्म्स एक्ट, रंगदारी सहित 25 मामले दर्ज थे। वह बक्सर में 2011 में बिजनसमैन राजेंद्र केशरी मर्डर केस में उम्रकैद की सजा काट रहा था।
शेरू और चंदन के बीच गैंगवार के कारण मर्डर
वह पिता के उपचार व स्वयं को हुए फिस्टुला की सर्जरी के लिए पैरोल पर गत तीन जुलाई को बेउर जेल से बाहर आया था। उसे 18 जुलाई की शाम छह बजे तक वापस बेउर जेल जाना था। पैरोल समाप्त होने के लगभग 23 घंटे पहले मर्डर हो गयी। उम्रकैद की सजा भुगत रहा चंदन पैरोल लेकर पारस में खुद का इलाज करा रहा था। पटना पुलिस का दावा है कि जब चंदन भागलपुर जेल में बंद था, तब वहां कुख्यात शेरू से आपसी रंजिश में मारपीट हुई थी। इसके बाद चंदन बेउर जेल भेज दिया गया। चंदन की मर्डर के पीछे पुलिस प्रथमदृष्टया शेरू और चंदन के बीच गैंगवार ही मान रही है।
शेरू के नेटवर्क से जुड़े क्रिमिनलों की खोज
शेरू सिंह और चंदन मिश्रा पहले संगठित रूप से कई वारदात को अंजाम दे चुके हैं। दोनों के बीच पहले घनिष्ठ संबंध थे, लेकिन कुछ वर्ष पहले ज्वेलरी दुकान में लूट और एक हत्या की घटना के बाद से दोनों में दुश्मनी हो ग/r। बताया जा रहा है तब से शेरू चंदन की मर्डर की योजना बनाने में जुट गये। शेरू अभी पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जेल में बंद है, लेकिन वह वहीं से अपने नेटवर्क को ऑपरेट कर रहा है। पुलिस यह भी मान रही है कि चंदन की मर्डर के लिए शेरू ने अपने नेटवर्क के जरिए शूटरों को सेट किया। घटना को अंजाम देने के लिए बक्सर के शूटर के साथ ही उसने पटना में दो शूटरों को हायर किया गया था।
पटना एम्स में ऑपरेशन से चंदन ने किया था मना
बेउर जेल प्रशासन की मानें तो चंदन को फिस्टुला की परेशानी पहले से थी। बीच में उसे उपचार के लिए पटना एम्स भी ले जाया गया था, लेकिन वहां उसने ऑपरेशन कराने से इनकार कर दिया था। इसके बाद पैरोल पर बाहर आने के बाद चंदन 15 जुलाई की सुबह पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था।उसी दिन ऑपरेशन किया गया। फिर उसे उसे प्राइवेट वार्ड नंबर 209 में एडमिट किया गया था। डाक्टरों ने उसे बुधवार को ही डिस्चार्ज की अनुमति दी थी, लेकिन मरीज व स्वजन ने गुरुवार को हॉस्पिटल से ले जाने बात कही।
जेल से बाहर चंदन पर फायरिंग करना नहीं था आसान
सजायाफ्ता चंदन मिश्रा की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए शेरू का नेटवर्क काम कर रहा था। जैसे ही तीन जुलाई को बेउर जेल से पैरोल पर बाहर आया, उस बक्सर भी गया था, लेकिन चंदन खुद ही गैंगस्टर था और उसके आसपास हमेशा लोग होते थे।पारस में उसे गोलियां तक मारी गयी थी, जिस समय हॉस्पिटल में लोगों की संख्या कम होती है या फिर अधिकांश लोग इधर उधर होते है। वहां चंदन पर अटैक होगा इसकी कल्पना भी उसके साथियों ने नहीं की थी। इसी का फायदा उठाने के लिए पटना के दो शूटरों बादशाह और एक अन्य को भी गैंग में शामिल किया गया था।
शूटआउड को लीड कर रहा था तौसीफ रजा उर्फ बादशाह
चंदन की हत्या में शामिल पांचों शूटरों में सबसे आगे चल रहे शूटर की पहचान तौसीफ रजा उर्फ बादशाह के रूप में हुई है। वहीं शूटआउट को लीड कर रहा था। वारदात के बाद पांचों शूटर दो बाइक से फरार हो गये। इस दौरान एक जगह एक शूटर बाइक पर पिस्टल लहरा रहा था और मुस्कुरा रहा था। जैसे इन्होंने उपलब्धि हासिल कर ली हो।
"जिस जंगल में तुम शेर बने घूमते हो उस जंगल के बेखौफ शिकारी हैं हम"
तौसीफ मूलरूप से फुलवारीशरीफ का रहने वाला है। पटना के एक नामी स्कूल से पढ़ाई किया। वह इंटरनेट मीडिया पर एक्टिव रहता है। एक्स, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर उसका तौसीफ बादशाह नाम से अकाउंट मिला। हालांकि एक्स पर 30 जून के बाद उसने कोई पोस्ट शेयर नहीं किया। कहीं पटना की सड़कों पर पैदल तो कभी कार में बैठकर रील बनाया, जिसमें अलग अलग फिल्मी डायलॉग है। एक्स पर उसके जिनते भी रील पोस्ट किय गये, उसमें डायलाग के साथ शायरी भी लिखा। यहां तक की पूर्व में जब वह जेल से पेशी के लिए लाया गया था, तब भी उसका रील पोस्ट हुआ था। उसके कई रील में "नाम से शहर डोलता है ये हम नहीं अखबार बोलता है", "जिस जंगल में तुम शेर बने घूमते हो उस जंगल के बेखौफ शिकारी हैं हम" इस तरह डायलॉग हैं।
तौसीफ, बलवंत, मन्नू और सूरजभान, चंदन की मर्डर करने वाले चार शूटरों की हुई पहचान
गैंगस्टर चंदन मिश्रा की गोली मारकर मर्डरकरने में शामिल पांच में से चार शूटरों की पहचान कर ली गयी है। इनका नाम तौसीफ, बलवंत, मन्नू और सूरजभान है। एक अय शूटर के बारे में भी पुलिस पता लगा रही है। तौसीफ उर्फ बादशाह फुलवारीशरीफ का रहनेवाला है। एसटीएफ और पटना पुलिस ने सके कई ठिकानों पर रेड की। उसकी मां भी अंडरग्राउंड हो गयी है।
पुलिस लगभग डेढ़ घंटे तक उस इस्लामिक स्कूल में रही, जहां तौसिफ की मां पढ़ाती हैं। हालांकि पुलिस किसी को अरेस्ट नहीं कर पायी। पुलिस की पांच टीमें पटना, बक्सर समेत आसपास के इलाकों में दबिश दे रही है। एक टीम टेक्नीकल इन्विस्टीगेशन जरिए शूटरों के लोकेशन तक पहुंचने के प्रयास में जुटी है। बताया जाता है कि बेऊर जेल में रहते हुए भी तौसिफ और चंदन के बीच अदावत चल रही थी। पुलिस मान रही है कि इसी कारण विरोधी गुट से सुपारी लेकर उसने चंदन की मर्डर कर दी।
फुटेज में दिख रहा बगैर टोपी वाला शूटर तौसीफ
पुलिस सोर्सेस के अनुसार सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे क्रिमिनलों में बगैर टोपी के सबसे आगे जो शख्स दिख रहा है वह तौसिफ ही है। उसने सफेद और काले रंग की छींटदार शर्ट पहन रखी है। तौसिफ पर मर्डर और लूट के कई केस दर्ज हैं। वह जेल भी जा चुका है। वर्तमान में बेल पर है। उसके पिता का न्यू मार्केट में हार्डवेयर की दुकान हैं, जबकि मां फुलवारीशरीफ सत्तार मेमोरियल कॉलेज कैंपस स्थित इस्लामिक कूल में टीचर है।
चंदन की एक जिद उसकी जान पर भारी पड़ गयी,तो आज जिंदा होता चंदन !
अगर चंदन मिश्रा डॉक्टर्स की बात मान लेता तो शायद सिर पर मंडरा रहे मौत के खतरे को टाल सकता था। मगर एक जिद कर उसने खुद ही मौत को दावत दे डाली। दरअसल चंदन मिश्रा 18 जुलाई तक पैरोल पर बाहर था। बवासीर के इलाज के लिए उसे यह पैरोल मिली थी। 15 जुलाई को चंदन मिश्रा इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुआ। ठीक अगले ही दिन 16 जुलाई को उसे हॉस्पिटल से छुट्टी मिल जानी थी, मगर उसने खुद ही डॉक्टर्स से जिद की कि एक दिन बाद उसे छुट्टी दी जाए। चंदन ने खुद ही डॉक्टर से 17 जुलाई तक हॉस्पिटल में रहने का अनुरोध किया था।
शेरू सिंह और बादशाह को साजिश रचने के लिए और टाइम मिल गया
चंदन के दुश्मन शेरू सिंह और तौसीफ उर्फ बादशाह को साजिश रचने के लिए और टाइम मिल गया। 17 जुलाई को दिन दहाड़े तौसीफ अपने साथियों के साथ आया और उसे ढेर कर दिया। अगर चंदन 16 को ही हॉस्पिटल से छुट्टी ले लेता तो शायद अभी जिंदा होता। हैरानी की बात यह है जब उस पर हमला हुआ, तो कमरे के बाहर कोई पुलिसकर्मी नहीं था। 9 एमएम की पिस्टल से ही चंदन मिश्रा को ढेर कर दिया गया।
चंदन पर कई मर्डर के केस
बक्सर के चंदन मिश्रा पर कई मर्डर के केस दर्ज थे। एक केस में उसे सजा भी मिली। उस पर मर्डर के 12 मामले दर्ज थे और 24 से ज्यादा केस में वह नामजद था। कुछ ही दिन पहले उसे बक्सर से भागलपुर की जेल ट्रांसफर किया गया था। मगर तभी उसने तबीयत खराब होने की शिकायत की और हॉस्पिटल में एडमिट हो गया। इलाज के लिए चंदन को पैरोल मिली थी।