Chhat Puja 2022 : बिहार के स्टूडेंट्स व कलाकारों ने गंगा नदी पर बनाई 21 फीट लंबी पेंटिंग
बिहार में एमिटी यूनीवर्सिटी के कुछ स्टूडेंट्स व कलाकारों ने छठ महापर्व के अवसर पर गंगा नदी पर 21 फीट लंबी व 15 फीट चाैड़ी छठ पूजा पेंटिंग बनाई है। छठ पूजा पेंटिंग की इस पेंटिंग को बनाकर स्टूडेंट्स ने बड़ा संदेश दिया है। अब यूनीवर्सिटी की ओर से इसे वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड में जगह दिलाने की काेशिश की जायेगी।
पटना। बिहार में एमिटी यूनीवर्सिटी के कुछ स्टूडेंट्स व कलाकारों ने छठ महापर्व के अवसर पर गंगा नदी पर 21 फीट लंबी व 15 फीट चाैड़ी छठ पूजा पेंटिंग बनाई है। छठ पूजा पेंटिंग की इस पेंटिंग को बनाकर स्टूडेंट्स ने बड़ा संदेश दिया है। अब यूनीवर्सिटी की ओर से इसे वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड में जगह दिलाने की काेशिश की जायेगी।
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पेंटिंग को वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड में जगह दिलाएगा यूनीवर्सिटी
बिहार के स्टूडेंट्स व कलाकारों द्वारा बनाई गई छठ पूजा पेंटिंग को लेकर एमिटी यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस चांसलर विवेकानंद पांडेय कहते हैं कि वे इसे वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड में जगह दिलाने की काेशिश करेंगे, ताकि पूरी दुनिया इसे देख सके। छठ व्रत में डूबते व उगते सूर्य को अर्घ्य देना बताता है कि दोनों का महत्व है। इस पर्व में शुद्धता का भी खास ध्यान रखा जाता है।
काटन फैब्रिक पर प्राकृतिक रंगाें से बनाई गई है पेंटिंग
एमिटी यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट्स अंकिता बताती है कि पेटिंग में छठ व्रत की शुरुआत करने वाली दो प्रमुख चरित्रों 'द्रौपदी' एवं 'सीता' को दिखाया गया है। काटन फैब्रिक पर बनाई गई पेंटिंग के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि छठ व्रत पुरानी पीढ़ी के साथ-साथ नई पीढ़ी के लिए भी है। एमिटी की एक अन्य छात्राशालिनी कहती हैं कि पेंटिंग बनाने में नील, हल्दी, चंदन पाउडर आदि के प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया गया है।
बिहार, झारखंड व यूपी में लोक अस्था से जुड़ा है छठ व्रत
छठ पूजा वैसे तो हर जगह होती है, लेकिन बिहार, झारखंड व पूर्वी उत्तर प्रदेश में इससे लोक आस्था गहरी जुड़ी है। यह चार दिवसीय महापर्व शुक्रवार को 'नहाय खाय' के साथ आरंभ हो गया है। शनिवार को 'खरना' है सरविवार को सायंकालीन अर्घ्य दिया जायेगा। सोमवार को प्रात:कालीन अर्घ्य के साथ व्रत की समाप्ति हो जायेगी।