12 साल से ऊपर के बच्चों को भी लगेगा कोरोना वैक्सीन, वर्ल्ड की पहली डीएनए बेस्ड वैक्सीन को गवर्नमेंट की मंजूरी
सेंट्रल गवर्नमेंट ने देश में 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए भी वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है।ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया ने जायडस कैडिला वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दी है। यह वर्ल्ड की पहली भारत में बनी कोविड-19 वैक्सीन है जो डीएनए पर आधारित है। यह वैक्सीन व्यस्कों के अलावा 12 साल से ज्यादा के उम्र के बच्चों को लगाई जायेगी।
- जायडस कैडिला वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मिली मंजूरी
नई दिल्ली। सेंट्रल गवर्नमेंट ने देश में 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए भी वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है।ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया ने जायडस कैडिला वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दी है। यह वर्ल्ड की पहली भारत में बनी कोविड-19 वैक्सीन है जो डीएनए पर आधारित है। यह वैक्सीन व्यस्कों के अलावा 12 साल से ज्यादा के उम्र के बच्चों को लगाई जायेगी।
सालाना 10 से 12 करोड़ डोज के प्रोडक्शन की योजना
डीसीजीआइ की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद देश में 12 साल से ऊपर के बच्चों के वैक्सनेशन का रास्ताो साफ हो गया है। अभी देश में 18 साल या उससे ऊपर के लोगों को ही कोविड-19 रोधी वैक्सीन दी जा रही है। देश में मंजूरी पाने वाली यह यह छठी वैक्सीन होगी जिसे सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, रूस के स्पुतनिक-वी, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीसन के बाद अनुमोदित किया जायेगा।गवर्नमेंट की ओर से ऑफिसियल बयान में कहा गया है कि कोरोना के खिलाफ यह दुनिया का पहला डीएनए-आधारित वैक्सीन है। तीन डोज वाला यह टीका जब इंजेक्ट किया जाता है तो SARS-CoV-2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन का प्रोजक्शन करता है। इससे कोरोना के खिलाफ जबर्दस्त प्रतिरक्षा हासिल होती है। वहीं जायडस कैडिला की ओर से कहा गया है कि उसकी योजना सालाना 10 से 12 करोड़ डोज के प्रोडक्शन की है।
उल्लेखनीय कि अहमदाबाद स्थित इस फार्मा कंपनी ने अपनी इस वैक्सीनन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए डीसीजीआइ के पास एक जुलाई को आवेदन दिया था। कंपनी का कहना है कि उसने भारत में अब तक 50 से अधिक सेंट्रों पर इस वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल किया है। ZyCoV-D कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन होगी जिसे किसी भारतीय कंपनी द्वारा विकसित किया गया है। जेनेरिक दवा कंपनी कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड ने ZyCoV-D के सिर्फ इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी है।
लगभग 28,0000 वॉलेन्टियर्स पर जायडस कैडिला की प्रभाव क्षमता 66.6 परसेंट रही। यह कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने वाली पहली प्लाज्मा डीएनए वैक्सीन है। इसमें वायरस के जेनेटिक तत्वों का इस्तेमाल किया जाता है। यह डीएनए या आरएनए को सूचना देते हैं ताकि प्रोटीन बने और इम्युन सिस्टम बढ़े। जायडस कैडिला वैक्सीन को बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग के साथ मिलकर बनाया गया है। इस वैक्सीन को बनाने वालों ने जुलाई के महीने में कहा था कि यह वैक्सीन कोविड-19 से लड़ने में काफी सक्षम है।विशेषकर कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से।