बिहार में कोरोना हुआ बेकाबू, पहली बार एक दिन में मिले 12222 संक्रमित, पटना एम्स में 384 डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ पॉजिटिव
बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से फैल रहा है। स्टेट बुधवार 21 अप्रैल को रिकार्ड 12,222 नये कोरोना संक्रमित मिले हैं। स्टेट में जहां नये पेसेंट की संख्या बढ़ती जा रही है वहीं रिकवरी रेट कम होता जा रहा है।
पटना।बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से फैल रहा है। स्टेट बुधवार 21 अप्रैल को रिकार्ड 12,222 नये कोरोना संक्रमित मिले हैं। स्टेट में जहां नये पेसेंट की संख्या बढ़ती जा रही है वहीं रिकवरी रेट कम होता जा रहा है।
पटना सहित सात जिलों में 500 से अधिक नए संक्रमित मिले हैं। पटना में सर्वाधिक 2919 नये कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई। जबकि औरंगाबाद में 500, बेगूसराय में 587, भागलपुर में 526, गया में 861, सारण में 636 और पश्चिमी चंपारण में 516 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान की गई हैं। स्टेट में आज एक दिन में एक लाख पांच हजार 380 सैंपल की जांच की गई।
बड़ी संख्या डॉक्टर और मेडिकल स्टॉफ संक्रमित
कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण की जद में बड़ी संख्या में डॉक्टर व मेडिकल स्टाफ आ रहे हैं। इससे पटना के बड़े अस्पतालों में जांच व इलाज प्रभावित हो रहा है। 90 परसेंट स्टाफ संक्रमित होने के बाद कई प्राइवेट हॉस्पीटल व क्लीनिक का संचालन मुश्किल होने लगा है। कई बंद होने की कगार पर हैं। पटना एम्स में 384 डॉक्टर-स्टाफ संक्रमित हुए हैं। इसमें से कुछ ठीक हो चुके हैं। बावजूद वर्तमान में14 फैकल्टी, 30 रेजीडेंट व 90 स्टाफ संक्रमित हैं। इससे एम्स में ओपीडी और कोविड उपचार प्रभावित हो रहा है। इसी तरह पीएमसीएच में प्रिंसिपल सहित 30 डॉक्टर व 49 स्टाफ संक्रमित हो गये हैं।
सैकड़ों पुलिसकर्मी संक्रमित
बिहार में 200 से अधिक पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित हो गये हैं। पुलिस हेडक्वार्टर ने संक्रमित पुलिस अफसर व पुलिसकर्मियों के बेहतर इलाज के लिए कवायद शुरू कर दी है। जिन पुलिसकर्मियों में कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हैं उन्हें होम क्वारंटीन में रहने का निर्देश दिया गया है।
संक्रमण की चपेट में आने के बाद ज्यादातर डॉक्टर होम क्वारंटाइन में रह रहे हैं। ऐसे में ऑक्सीजन और दवा के संकट से जूझ रहे स्टेट के पेसेंट की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ऑक्सीजन की कमी से प्राइवेट हॉस्पीटल पहले ही पेसेंट को एडमिट करने में आनाकानी कर रहे थे। अब कोविड के साथ अन्य गंभीर पेसेंट के इलाज में भी मुश्किलें शुरू हो गई हैं।
किदवईपुरी स्थित एक प्राइवेट हॉस्पीटल के मुख्य डॉक्टर समेत कई मेडिकल स्टाफ कोरोना पॉजिटिव हो गये हैं। इस कारण हॉस्पीटल की ओपीडी बंद कर दी गई हैं। यहां एडमिट पेसेंट भी धीरे-धीरे डिस्चार्ज किया जा रहा है। बसावन पार्क और बोरिंग रोड स्थित एक क्लीनिक को इसीलिए बंद कर दिया गया क्योंकि यहां के ज्यादातर स्टाफ कोरोना संक्रमित हो गये हैं। कंकड़बाग स्थित एक प्राइवेट नर्सिंग होम के तीन डॉक्टर संक्रमित होने के बाद अब केवल इमरजेंसी सेवा ही शुरू की गई है।
सरकारी अस्पतालों के संचालन में भी मुश्किलें आ रही हैं। कोरोना की दूसरी लहर में पटना एम्स में कुल 384 डॉक्टर और स्टाफ संक्रमित हुए हैं। इसमें से कुछ लोग ठीक हो चुके हैं। एनएमसीएच में डॉक्टर व मेडिकल स्टाफ समेत चालीस से अधिक लोग संक्रमित हैं। ज्यादातर होम आइसोलेशन में हैं। माइक्रोबायोलॉजी लैब में काम करनेवाले एक डॉक्टर समेत आधा दर्जन टेक्नीशियन व डाटा ऑपरेटर के संक्रमित होने से जांच प्रभावित हो रही है। इस कारण दिन की पाली में जांच बंद कर दी गयी है। बचे कर्मियों को नाइट शिफ्ट में जांच के लिए लगाया गया है।
मुजफ्फरपुर, भागलपुर और गया में हेल्श सर्विस ठप होने के कगार पर
मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच समेत जिले के प्राइवेट व गवर्नमेंट हॉस्पीटलमें 10 से 35 परसेंट तक डॉक्टर और स्टाफ कोरोना पॉजिटिव हो गये है। एसकेएमसीएच ने ओपीडी और सर्जरी सेवा को बंद करने का फैसला लिया है। एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ. बीएस झा ने इसको लेकर स्वास्थ्य मुख्यालय और डीएम को लिखित सूचना भेज दी है। भागलपुर के जेएलएनएमसीएच के 27 डॉक्टर समेत जिले में कुल 37 डॉक्टर अब तक कोरोना के शिकार हो चुके हैं।जेएलएनएमसीएच में 14 पीजी व 13 फैक्लटी डॉक्टर कोरोना संक्रमित हो गये हैं। हटिया रोड तिलकामांझी स्थित आश्रय नर्सिंग होम के आठ स्टॉफ को कोरोना होने से बंद हो गया। सदर अस्पताल के दो डॉक्टर, नाथनगर समेत चार अस्पताल के प्रभारी समेत जिले के सात और डॉक्टर कोरोना संक्रमित मिले हैं।