धनबाद: फाइनेंस कंपनी के गुर्गों का जीटी रोड पर उत्पात, नवजात की बॉडी ले जा रहे फैमिली को कार से निकाल पीटा
प्राइवेट फाइनेंस कंपनी के गुर्गों ने शनिवार की रात गोविंदपुर पुलिस स्टेशन एरिया के रतनपुर में जीटी रोड पर जमकर उत्पात मचाया। एक कार को रोककर उसमें सवार महिलाएं - पुरुषों के साथ जमकर मारपीट की। कार में सवार लोग नवजात की बॉडी लेकर जा रहे थे।
- फाइनेंस कंपनी मनबढ़ू गुर्गों डब्लू मल्लिक उर्फ अमन मल्लिक ने गोविंदपुर में की हरकत
धनबाद। प्राइवेट फाइनेंस कंपनी के गुर्गों ने शनिवार की रात गोविंदपुर पुलिस स्टेशन एरिया के रतनपुर में जीटी रोड पर जमकर उत्पात मचाया। एक कार को रोककर उसमें सवार महिलाएं - पुरुषों के साथ जमकर मारपीट की। कार में सवार लोग नवजात की बॉडी लेकर जा रहे थे।
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कार सवार लोगों ने मारपीट करने वालों से छोड़ देने की गुहार लगायी। नवजात की बॉडी दिखायी लेकिन उनलोगों का दिल नहीं पसीजा। मारपीट के दौरान नवजात की बॉडी जमीन पर गिर गयी। शोर सुनकर आस पास के ग्रामीण जुट गये और लोगों को बचाया। सचना पाकर गोविंदपुर पुलिस मौके पर पहुंची और फाइनेंस कंपनी के गुर्गे डब्लू मल्लिक को कस्टडी में लिया गया। पीड़ित परिवार की ओर से पुलिस में कंपलेन दी गयी है।
यह है मामला
निरसा के कृष्णाकनाली निवासी सुनीता मंडल व सीमांत मंडल अपने परिजनों के साथ कार में अपने 35 दिन के नवजात शिशु की बॉडी को लेकर रांची से गांव जा रहे थे। गोविंदपुर रतनपुर के समीप जीटी रोड फाइनेंस कंपनी के गुर्गे डब्लू मल्लिक उर्फ अमन मल्लिक समेत सात - आठ लोगों ने कार को रोकवाया। इसमें सवार मृत नवजात की मां सुनीता मंडल, पिता सीमांत मंडल, मामा धनंजय मंडल, मौसी नमिता देवी व चाचा सुखेन मंडल के साथ जमकर मारपीट करने लगे। गुर्गों का कहना था कि यह गाड़ी फाइनेंस की है। किश्त जमा नहीं है, गाड़ी खींच लेंगे। कार सवार लोगों ने कहा कि गाड़ी उनकी अपनी है। अभी परेशानी में है, उन्हें जाने में दें। लेकिन वे लोग मारपीट करते रहे। मृत नवजात की मां सुनीता मंडल लोगों बचाने की गुहार लगा शोर मचाने लगी। आवाज सुन आसपास के ग्रामीण जुट गये और सबको बचाया।
इलाज के दौरान रांची में बच्चे की हो गयी थी मौत
सूखेन मंडल धनबाद जिला पुलिस में कांस्टेबल है। उन्होंने फाइनेंसकर्मियों को अपना आई कार्ड भी दिखाया, बावजूद इसके उनलोगों ने मारपीट की। उनका पर्स छीन लिया गया। महिलाओं के साथ भी मारपीट और छेड़खानी की गयी। सूखेन बताया कि गोविंदपुर के एक हॉस्पिटल में 35 दिन पूर्व उनकी भाभी की प्रीमेच्योर डिलीवरी हुई थी। बच्चा कमजोर था। कुछ दिनों तक इलाज चलने के बाद बच्चे को असर्फी हॉस्पिटल धनबाद में इलाज के लिए एडमिट कराया गया था। वहां से रानी हॉस्पिटल रांची ले जाया गया था। वहां इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गयी थी। बच्चे की बॉडी लेकर वे लोग अपने घर लौट रहे थे।