धनबाद: असर्फी हॉस्पिटल में कार्डियो वैस्कुलर सर्जरी की शीघ्र शुरु होगी शुरुआत
असर्फी हॉस्पिटल का कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट अपने प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञों के लिए जाना जाता है। यहॉ Dr. Suraj H. Chavan MBBS, MD, DNB (Cardiology) हर महीने लगभग एक सौ से भी ज्यादा हृदय रोगी मरीजों को ऑपरेशन द्वारा उनका ईलाज करके उनका जान बचा रहे है।
धनबाद। असर्फी हॉस्पिटल का कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट अपने प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञों के लिए जाना जाता है। यहॉ Dr. Suraj H. Chavan MBBS, MD, DNB (Cardiology) हर महीने लगभग एक सौ से भी ज्यादा हृदय रोगी मरीजों को ऑपरेशन द्वारा उनका ईलाज करके उनका जान बचा रहे है।
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डॉ. सूरज अनगिनत हर्ट पेसेंट की जान बचा चुके है तथा बचा रहे है। लेकिन आजकल की जीवन शैली के कारण हृदय के गंभीर बीमारी से मरीज ग्रासित हो रहे है, जिन्हे कार्डियो वैस्कुलर सर्जरी (बायपास सर्जरी) की आवश्यकता होती है। वैसे पेसेंट को बडे वेल्लूर, बंगलौर, दिल्ली और अन्य महानगरों का रूख करना पड़ता है। इससे उन्हे आर्थिक चोट व परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पेसेंट के परेशानियों को देखते हुए डॉ. सूरज ने यह महसूस किया कि यहॉ भी कार्डियो वैस्कुलर सर्जरी (बायपास सर्जरी) की व्यवस्था होनी चाहिए। असर्फी हॉस्पीटल के मैनेजमेंट से अपनी बात रखी। डॉ. सूरज की आगुवाई में असर्फी हॉस्पीटल के मैनेजमेंट ने यहां कार्डियो वैस्कुलर सर्जरी (बायपास सर्जरी) की स्थापना की शुरूआत किया है।
असर्फी हॉस्पीटल में कार्डियो वैस्कुलर सर्जरी (बायपास सर्जरी) की शुरूआत करने हेतु मशीनों का ऑर्डर दिया जा चुका है। इसमें प्रमुख रूप से कार्डियोपल्मोनरी बाईपास मशीन (सीबीएम), हेमोथर्म, इंट्रा-एओर्टिक बैलून पंप (IABP) मशीन, सीटीभीएस मोडूलर ओटी व अन्य मशीनें को इमपोर्ट किया जा रहा है।कार्डियोपल्मोनरी बाईपास मशीन (सीबीएम) या हार्ट-लंग मशीन एक उपकरण है जो शरीर को ब्लड और ऑक्सीजन प्रदान करते हुए अस्थायी रूप से हर्ट और/या फेफड़ों के काम को अपने हाथ में लेता है। इसका उपयोग अक्सर गंभीर प्रक्रियाओं के दौरान किया जाता है जिसके लिए हर्ट को रोकना पड़ता है। हेमोथर्म का प्रयोग रक्त तापमान प्रबंधन में किया जाता है। इंट्रा-एओर्टिक बैलून पंप (IABP) मशीन यह हृदय को अधिक रक्त पंप करने में मदद करता है।
डॉ. सूरज की अगुवाई में कार्डियो वैस्कुलर सर्जरी (बायपास सर्जरी) के लिए बाहर से डॉक्टरों की टीम आ रही है। इसमें मुख्य रूप से सीटीभीएस सर्जन, पर्फ्युजनिस्ट, सीटीभीएस एनेस्थेटिस्ट व पारामेडिकल एवं नर्सिंग स्टॉफ को महानगरों से बुलाया जायेगा।अब धनबाद वासियों को कार्डियो वैस्कुलर सर्जरी (बायपास सर्जरी) के लिए सदूर महानगरों का रूख नही करना पड़ेगा। डॉ. सूरज ने कहा कि “जब हर्ट की नसें ब्लॉक हो जाती हैं तो बायपास सर्जरी की जाती है. बायपास सर्जरी में सीना में चीरा लगाकर अंदर से एक धमनी जिसे इंटरनल थोरेसिक आर्टरी कहते हैं का ऑपरेशन किया जाता है। इसमें पहले हाथ या पैर की नस लेते हैं और इसका इस्तेमाल वाहक नली के तौर पर करते हैं। यह तभी किया जाता है जब हर्ट की तीनों मुख्य धमनियों में समस्या होती है। इसको बायपास सर्जरी इसलिए कहते हैं क्योंकि जहां पर ब्लॉकेज होती है। उससे आगे बायपास नली के जरिए हृदय की मांसपेशियों में रक्त का प्रवाह कराया जाता है।” असर्फी हॉस्पिटल धनबाद और उसके आस-पास के क्षेत्रों में बहुत ही किफायती कीमत पर कोरोनरी आर्टरी सर्जरी (CABG) (बायपास सर्जरी) की सुविधा प्रदान करने वाला धनबाद का एकमात्र सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल होगा।
मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना से गरीब मरीज करा सकेंगे अपना निःशुल्क ईलाज
हर्ट रोग से ग्रासित वैसे गरीब पेसेंट जिन्हें कोरोनरी आर्टरी सर्जरी (CABG) करना अनिवार्य हो और उनके पास ईलाज के लिए पैसे न हो वे मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना से अपना निःशुल्क ईलाज करवा सकते है। असर्फी हॉस्पीटल, मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना से सूचीबद्ध है। कोल इंडिया, भारतीय रेलवे, सीजीएचएस, ईएसआई, ईसीएचएस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF), सिम्फर, आईएसएम, जैसी संस्था के साथ भी सूचीबद्ध है।
गरीब पेसेंट के निशुल्क ईलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना को सूचीबद्ध करने हेतु झरखं सरकार को डेढञ वर्ष पुर्व आवेदन दिया गया है, जो पेंडिंग है। धनबाद व झारखंड में छोटे-मोटे सभी हॉस्पीटलों में आयुष्मान भारत योजना चल रहा है लेकिन आसर्फी हॉस्पीटल जो 250 बेड, एनएबीएच व एनएबीएल से मन्याता प्राप्त हॉस्पीटल यहां आयुष्मान भारत योजना अभी तक शुरू नही हुई है। गंभीर बीमारी से ग्रासित गरीब तबके के लोग जिनका ईलाज धनबाद के आयुष्मान भारत योजना से सूचीबद्ध हॉस्पिटलों में नही किया जा सकता है। उनलोगों को बहार जाना पड़ता है, जिससे उन्हे आर्थिक चोट व परेशानियों का सामना करना पड़ता है।