धनबाद: जज उत्तम आनंद मौत मामले की जांच में सीबीआइ ने किया घटनास्थल का निरीक्षण, सच जानने में जुटे एक्सपर्ट
जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद की मौत हादसा या साजिश इसका सच जाने के लिए सीबीआइ एक सप्ताह से पसीना बहा रही है। सीएफएसएल की टीम के साथ सीबीआई अफसर मंगलवार लगातार तीसरे दिन एवीडेंस जुटाने के लिए रणधीर वर्मा चौक पहुंच मुआयजना किया।
- ऑटो ड्राइवर के फ्रेंड राहुल वर्मा का हुआ लाई डिटेक्टर टेस्ट
धनबाद। जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद की मौत हादसा या साजिश इसका सच जाने के लिए सीबीआइ एक सप्ताह से पसीना बहा रही है। सीएफएसएल की टीम के साथ सीबीआई अफसर मंगलवार लगातार तीसरे दिन एवीडेंस जुटाने के लिए रणधीर वर्मा चौक पहुंच मुआयजना किया।
सीबीआई की टीम ने सड़क के आसपास और रणधीर वर्मा चौक से घटनास्थल की मापी की।अन्य टेकनीक से विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी हासिल की। सीबीआई की टीम पूर्व में भी घटनास्थल का पहले भी मुआयना कर चुकी है। सीबीआइ द्वारा दो-दो बार क्राइम सीन भी रीक्रिएट किया गया था। दोनों आरोपियों को ऑटो के साथ घटनास्थल पर लाया गया था। सीबीआइ ने पूरे घटनाक्रम को अपने थ्रीडी मशीन कैमरे में कवर किया था। वीडियोग्राफी के साथ-साथ एक स्क्रैच भी सीबीआई टीम के द्वारा घटना को लेकर बनाई जा रही है।
ऑटो ड्राइवर के फ्रेंड राहुल वर्मा का हुआ लाई डिटेक्टर टेस्ट
जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले में मंगलवार को सीबीआई की टीम ने ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा के फ्रेंड राहुल वर्मा का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराया। सिंफर गेस्ट हाउस में लखन का लाई डिटेक्टर सहित फोरेंसिक साइकोलॉजिकल असेसमेंट व फोरेंसिक असेसमेंट एनालिसिस टेस्ट भी किया गया।
कोर्ट के आदेश पर सिंफर कैंपस में ही सीएफएसएल के स्पेशलिस्ट ने सोमवार कोऑटो ड्राइवर लखन वर्मा का तीनों टेस्ट किया था। लखन वर्मा का टेस्ट देर रात तक चला। इसलिए राहुल वर्मा का टेस्ट नहीं हो सका था। टेस्ट के दौरान सीएफएसएल की कई टीमें उस पर सवालों की बौछार करती रही। इस दौरान उसके जवाब को मशीन की कसौटी पर उतारा जा रहा था। ठीक इसी तरह राहुल वर्मा को भी तीनों टेस्ट से गुजारा गया। साइंटिफिक जांच करने से पूर्व भी आरोपियों से सीबीआई की टीम घंटों पूछताछ कर चुकी है। बताया जाता है कि पूछताछ के दौरान ऑटो ड्राइवर एवं उसके सहयोगियों द्वारा लगातार एक ही जवाब को दोहराया जा रहा था।
ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट की भी मंजूरी
सीबीआई ने कोर्ट से दोनों की ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट की भी मंजूरी ली है लेकिन धनबाद में इन दोनों टेस्ट की सुविधा नहीं है। सीबीआई संतुष्ट नहीं हुई तो दिल्ली, हैदराबाद या अहमदाबाद के लैब में ले जाकर उन दोनों की ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट करा सकती है। दोनों आरोपियों का पांच दिनों की रिमांड अवधि बुधवार को पूरी हो रही है। बुधवार को सीबीआई दोनों को वापस जेल भेज सकती है या फिर रिमांड अवधि बढ़ाने के लिए नई अर्जी देनी होगी।
फ्लैश बैक
जज उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। वॉक के दौरान ऑटो ने धक्का मार दिया जिससे उनकी मौत हो गयी। घटना के बाद एक सीसीटीवी वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें स्पष्ट दिखा रहा है कि एक ऑटो में बैठे लोग किनारे की तरफ जाकर उत्तम आनंद को धक्का मारा। इसके बाद ऑोटो सीधा कर आगे की ओर से निकल गये। मामले में जज की वाइफ के कंपेलन पर धनबाद पुलिस स्टेशन ऑटो ड्राइवर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।जज उत्तम आनंद के हादसे की फोटो सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई। इसमें साफ देखा जा सकता है कि ऑटो बीच सड़क से बायी ओर मुंडकर रोड के किनारे आता है। फिर धक्का मारने के बाद भाग निकलता है। घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद हादसे को मर्डर की साजिश के रूप में देखा जाने लगा।
सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया
मामले में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। डीजीपी व चीफ सेकरेटरी से रिपोर्ट तलब की गयी थी। मामले में झारखंड पुलिस और स्टेट गवर्नमेंट गंभीर हुई। एडीजी (ऑपरेशन) संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गयी थी। एसआईटी को अब तक की जांच में सुनियोजित मर्डर से जुड़ा कोई एवीडेंस नहीं मिला था। पुलिस मामले में ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा व उसके सहयोगी राहुल वर्मा को अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है। जज को धक्का मारने वाला ऑ़टो भी बरामद कर लिया गया है। झारखंड सरकार ने 30 जुलाई को मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी। इसके बाद सीबीआई ने चार अगस्त को केस को टेकओवर कर पांच अगस्त से जांच शुरू कर दिया है।
सीबीआई नई दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच-1 टीम में ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को रिमांड पर लेकर लगातार पूछताछ कर रही है। सीबीआइ घटनास्थाल पर दो-दो बार क्राइम सीन रिक्रियेट की है। बावजूद अभी तक सीबीआई टक्कर मारने के पीछे की मंशा नहीं भांप पाई है।लखन और राहुल सीबीआई से भी बार-बार यही कह रहे हैं कि नशे में धुत्त रहने के कारण ऑटो रोड किनारे दौड़ रहे व्यक्ति की तरफ मुड़ गया, जिससे उन्हें टक्कर लग गई। हालांकि सीबीआई दोनों के बयान को अंतिम सत्य नहीं मान रहे हैं। सीबीआइ परिस्थितिजन्य और वैज्ञानिक साक्ष्यों से टीम घटना के तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। दोनों के मोबाइल सीडीआर, घटनास्थल से मिले कॉल डंप, फोरेंसिक जांच के परिणाम के अलावा चिह्नित लोगों से लगातार हो रही पूछताछ के जरिए मामले में नये एंगल की तलाश हो रही है।