कैंडिडेंट्स के क्रिमिनल केसों का ब्योरा नहीं किया सार्वजनिक, SC ने BJP, कांग्रेस समेत 10 दलों पर लगाया जुर्माना

सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी, कांग्रेस और , सीपीआई, एनसीपी समेत 10 पोलिटिकल पार्टियों पर जुर्माना लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी, कांग्रेस, सीपीआइ, बीएसपी, जेडीयू, आरजेडी, आरएसएलपी, लोजपा पर एक-एक लाख रुपये जुर्माना लगाया है। सीपीएम और एनसीपी पर पांच लाख रुपये जुर्माना लगाया है।

कैंडिडेंट्स के क्रिमिनल केसों का ब्योरा नहीं किया सार्वजनिक, SC ने BJP, कांग्रेस समेत 10 दलों पर लगाया जुर्माना

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी, कांग्रेस और , सीपीआई, एनसीपी समेत 10 पोलिटिकल पार्टियों पर जुर्माना लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी, कांग्रेस, सीपीआइ, बीएसपी, जेडीयू, आरजेडी, आरएसएलपी, लोजपा पर एक-एक लाख रुपये जुर्माना लगाया है। सीपीएम और एनसीपी पर पांच लाख रुपये जुर्माना लगाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पार्टियों को अपने-अपने उम्मीदवारों के खिलाफ क्रिमिनल मामलों को सार्वजनिक नहीं करने के लिए यह कार्रवाई की है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को  अपने फैसले में बिहार चुनाव के दौरान  कैंडिडेट्स की क्रिमिनल हिस्ट्री को सार्वजनिक करने के कोर्ट के निर्देशों का पालन न करने पर उक्त कार्रवाई की है।राजनीति में अपराधीकरण खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कई अहम टिप्पणी कीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत ने कई बार कानून बनाने वालों को आग्रह किया कि वे नींद से जगें और राजनीति में अपराधीकरण रोकने के लिए कदम उठाएं। लेकिन, वे लंबी नींद में सोए हुए हैं।

बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी और सीपीएम सहित कई दलों ने बिहार चुनाव के दौरान अपनी पार्टी के कैंडिडेट्स पर चल रहे क्रिमिनल केसों के बारे में सार्वजनिक घोषणा नहीं की थी। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इन पार्टियों के खिलाफ यह कार्रवाई की है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दे रखा है कि पार्टियों को यह घोषणा करना होगा कि उनकी पार्टी के कितने कैंडिडेट पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं।

उल्लेखनीय कि सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को निर्देश दिया है कि वे अपनी वेबसाइट के होम पेज पर कैंडिडेट्स के क्रिमिनल हिस्ट्री के बारे में जानकारी प्रकाशित करें। इसके मुताबिक, अब हर पार्टी की वेबसाइट के होमपेज पर अब अनिवार्य रूप से एक कॉलम होगा, जिसमें ‘आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार’ लिखा होगा। 
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को एक समर्पित मोबाइल ऐप्लीकेशन (मोबाइल एप) बनाने का भी निर्देश दिया है, जिसमें कैंडिडेट्स के क्रिमिनल हिस्ट्री के बारे में जानकारी शामिल हो। इसका उद्देश्य है कि कोई भी मतदाता एक बार में ही अपने मोबाइल फोन पर अपने उम्मीदवार के बारे में पूरी जानकारी जुटा सके।