धनबाद: एंड्राइड फ़ोन का अधिक समय तक उपयोग बन रहा है पुरुषों में बांझपन की वजह: डॉ. अर्पिता दास
डॉ. अर्पिता दास (आईवीएफ स्पेशलिस्ट ) ने कहा है कि मोटापा महिला व पुरषों में बांझपन का मुख्य कारण बनता जा रहा है। पुरुषों में एक वजह शराब का सेवन,,धूम्रपान, ज्यादा समय तक गाड़ी चलाना, एंड्राइड फ़ोन को ज्यादा समय तक पॉकेट में रखना ये सभी भी बांझपन की वजह बन रही है।
- लड़कियों में उभर रही है पीसीओएस,एंडोमेट्रियोसिस जैसी बीमारियां
धनबाद। डॉ. अर्पिता दास (आईवीएफ स्पेशलिस्ट ) ने कहा है कि मोटापा महिला व पुरषों में बांझपन का मुख्य कारण बनता जा रहा है। पुरुषों में एक वजह शराब का सेवन,,धूम्रपान, ज्यादा समय तक गाड़ी चलाना, एंड्राइड फ़ोन को ज्यादा समय तक पॉकेट में रखना ये सभी भी बांझपन की वजह बन रही है।
डॉ. अर्पिता दास ने कहा है कि इस परिस्थिति में पुरुषों में शुक्राणु कम बनते है। एंड्राइड फ़ोन के ज्यादा समय तक पॉकेट में रहने से फोन इलेक्ट्रो चुंबकीय तरंगों का उत्सर्जन करते है जोपुरषों मे टेस्टोस्टेरोन के स्तर और शुक्राणु की गुणवत्ता और मात्रा को कम करता है। महिलाओं में मोटापा व लाइफ स्टाइल में बदलाव भी उनके बांझपन के खतरे को बढ़ाता है। लड़कियों में पीसीओएस एंडोमेट्रियोसिस के खतरे सामने आ रहे है।
डॉ. अर्पिता दास व डॉ. एसके दास विशेषज्ञ (कैंसर एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जन) ने सोमवार को हरि मन्दिर रोड स्थित डॉ. दास लेप्रोस्कोपिक एंड इनफर्टिलिटी रिसर्च सेंटर में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में बांझपन के कारण व निदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बांझपन एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक दंपति एक साल तक असुरक्षित यौन संबंध रखने के बाउजूद स्वभाविक रूप से गर्भ धारण करनें में असमर्थ होता है। बांझपन को शुरू से महिला केंद्रित मुद्दा ही माना जाता रहा है। जबकि एक अध्ययन के अनुसार बांझपन के मामलों में 37 परसेंट पुरुष , 38 परसेंटमहिला और शेष 25 परसेंट अज्ञात कारणों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।आज प्रजनन विषकक्ता रासायनिक पदार्थो से जुड़ा एक खतरा जो प्रजनन में बाधा डालता है।
वर्तमान परिस्थिति में पुरुषों में बांझपन की वजह अंडर गारमेंट्स का इस्तेमाल, सेल फोन, लंबे समय तक वाहन चलाते रहना आदि है। चूंकि इस क्रिया में अंडकोश का तापमान बढ़ जाने शुक्राणुओं का उत्पादन कम हो जाता है। धूम्रपान,अत्यधिक शराब का सेवन भी पुरुषों में बांझपन की मुख्य वजह है। डॉ.अर्पिता दास ने बताया बांझपन का इलाज लेप्रोस्कोपिक एवं आईवीएफ पद्धति है। आईवीएफ पद्धति में महिलाओं का गर्भ धारण कराया जाता है।