Dhanbad: धनंजय यादव मर्डर केस में पुलिस के हाथ खाली, एक युवक पुलिस कस्टडी में

कोयला राजधानी धनबाद के झरिया में सिंह मेंशन समर्थक धनंजय यादव की मर्डर मामले में अब तक पुलिस के हाथ खाली है। पुलिस आरोपितों की खोज में जगह-जगह रेड कर रही है। ऊपर कुल्ही झरिया निवासी मो. अफजल को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है।

Dhanbad: धनंजय यादव मर्डर केस में पुलिस के हाथ खाली, एक युवक पुलिस कस्टडी में
धनंजय यादव (फाइल फोटो)।
  • परिजनों का आरोप मुख्य आरोपी रामबाबू धिक्कारको बचाने में लगी है पुलिस

धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद के झरिया में सिंह मेंशन समर्थक धनंजय यादव की मर्डर मामले में अब तक पुलिस के हाथ खाली है। पुलिस आरोपितों की खोज में जगह-जगह रेड कर रही है। ऊपर कुल्ही झरिया निवासी मो. अफजल को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है।

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अफजल ही चलाता था रामबाबू धिक्कार का स्कॉर्पियो
बताया जाता है कि अफजल रघुकुल समर्थक रामबाबू धिक्कार का स्कार्पियो चलाता था। रघुकुल व सिंह मेंशन समर्थक के बीच हिंसक झड़प के बाद अफजल ने रामबाबू का स्कार्पियो चलाना छोड़ दिया था। पुलिस चंदन नामक युवक की तलाश में बस्ताकोला नोनियां टोला में लगातार दबिश बना रही है।  चंदन रामबाबू का रिश्तेदार है। 19 जनवरी की घटना के बाद वह सिंह नगर गुलगुलिया बस्ती छोड़कर बस्ताकोला में रहने लगा था। घटना के दिन भी पुलिस राजापुर व बस्ताकोला में आरोपितों की तलाश में रेड की थी। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपितों की तलाश की जा रही है।
लोकल लिंक की तलाश कर रही है पुलिस
पुलिस लोकल लिंक की तलाश कर रही है। धनंजय के परिजन के अनुसार एक फोर व्हीलर व  दो बाइक से क्रिमिनल आये थे। इससे पुलिस को शक है कि बाइक पर भागने वाले क्रिमिनल लोकल होंगे। पुलिस लगातार क्रिमिनलों के मोबाइल सहित धनंजय के मोबाइल को भी ट्रेस कर रही है। फिलहाल, रामबाबू धिक्कार के ड्राइवर अफजल से पुलिस पूछताछ कर रही है।

दीवाल में फंसी मिली एक गोली
धनंजय का अंतिम संस्कार करने के बाद बुधवार की सुबह परिजन एक जगह बैठे हुए थे। धनंजय के बड़े भाई बिहारी यादव की तीन साल की पुत्री दो गोली का खोखा लेकर खेल रही थी। यह देख बिहारी ने इसकी सूचना झरिया पुलिस स्टेशन की पुलिस को दी। झरिया पुलिस ने धनंजय के घर पहुंच पूरे घर में खोजबीन की। वहां पुलिस को कुल छह खोखा और जमीन में धंसी गोली का अगला भाग मिला। बिहारी यादव का कहना है कि उसकी पत्नी गुलाबी ने उसे बताया कि अपराधी ताबड़तोड़ गोली चला रहे थे। पर गोली चलने की आवाज नहीं आ रही थी। केवल एक गोली चलने की ही आवाज निकली थी। संभवतः वे लोग पिस्टल में साइलेंसर लगाये हुए थे।बिहारी ने बताया कि क्रिमिनलों के पास फोर व्हीलर वाहन के अलावा दो बाइक भी थी। घटना को अंजाम देने के बाद फोर व्हीलर से क्रिमिनल केंदुआ और दोनों बाइक पर सवार होकर राजापुर बस्ताकोला की ओर भागे थे। धनंजय का मोबाइल अभी तक बरामद नहीं हुआ है।
पुलिस रामबाबू को बचाने का आरोप
धनंजय की हत्या का आरोप रघुकुल समर्थक रामबाबू धिक्कार  पर लगने के बाद भी पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई है। इस मामले में बीजेपी लीडर रागिनी सिंह एक ओर जहां घटना को पुलिस की विफलता बता रही है, वहीं सत्ता पक्ष के दबाव में काम करने का आरोप भी लगा रही है। धनंजय के घरवालों को भी झरिया पुलिस से विश्वास उठता जा रहा है। उनका कहना है कि पुलिस रामबाबू धिक्कार को बचा रही है। पुलिस चाहेगी तो रामबाबू को जमीन से भी तलाश लेगी। पुलिस जानबूझकर शिथिल है। धनंजय पर रामबाबू अपने समर्थकों के साथ पांच बार हमला कर चुका था। एक घटना में रामबाबू व उसके समर्थकों ने सिंह नगर के निरंजन की तलवार घोंप कर मर्डर कर दी थी। बावजूद पुलिस उसे अरेस्ट नहीं की। जबकि रामबाबू को अक्सर कतरास मोड़ आते-जाते लोगों ने देखा था। 
मुझे व बेटियों को घुट-घुटकर मरने के लिए छोड़ दिया

धनंजय की मर्डर को उसकी पत्नी पूनम भूल नहीं पा रही है। पुलिस ने पूनम से मामलेहसबैंड पति ने गमछा दोनों बेटियों पर डाल दिया और ना मारने की फरियाद की। इसके बाद आरोपियों ने मेरे हसबैंड को काट डाला। मुझे और बच्चों को घुट-घुट कर मरने के लिए छोड़ दिया। अब हम दोनों बेटियों को कैसे पालेंगे। मेरा तो संसार ही उजड़ गया है।
फिल्मों में ही अब तक देखा था ऐसा सीन
पूनम ने कहा कि जिस तरह से क्रिमिनल मेरे हसबैंड को जान से मार रहे थे। उस तरह का दृश्य मैंने फिल्मों में देखा था। धनंजय पर ताबड़तोड़ फायरिंग किये थे। ऐसा लग रहा था कि किसी फिल्म की शूटिंग देख रही हूं। इस तरह तो जानवर को भी नहीं मारते जितने बेरहमी से मेरे हसबैंड को मारा गया। पूनम ने पुलिस अफसरों से अपनी बेटियों के लिए न्याय की फरियाद की है।

निरंजन की तरह धनंजय मर्डर केस को ठंडे बस्ते में डालना चाह रही पुलिस
धनंजय के बड़े भाई बिहारी यादव और उसके पिता भगवान यादव ने आरोप लगाया है कि निरंजन तांती मर्डर की तरह धनंजय की मर्डर के मामले को भी पुलिस ठंडे बस्ते में डालना चाह रही है। दोनों ने  कहा कि निरंजन तांती की मर्डर के छह माह बाद भी रामबाबू धिक्कार को अभी तक नहीं पकड़ा है। उसे बचाने में लगी है। बिहारी का आरोप है कि इस घटना के बाद पूरा परिवार दहशत में है। सुरक्षा के लिए एक भी पुलिस को तैनात नहीं किया गया है। 
एफआइआर में रघुकुल समर्थक समेत सात नेम्ड 
झरिया सिंह नगर में 28 जुलाई की आधी रात सिंह मेंशन समर्थक धनंजय यादव की घर में घुसकर मर्डर कर दी गई थी। धनंजय की बहन ऐना कोलियरी निवासी मीना देवी ने झरिया थाने में रघुकुल समर्थक रामबाबू धिक्कार समेत सात क्रिमिनलों पर मर्डर का आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज कराई है। पोस्टमार्टम में पता चला है कि धनंजय के बॉडी पर धारदार हथियार से 20 वार किये गये थे।

घर में घुसकर बम भी फेंका गया
मीना ने बताया कि रामबाबू व उसके साथी देर रात घर में घुस आये। गुलगुलिया बस्ती के राजा धिक्कार के हाथ में पिस्टल व नियर कलाली कतरास मोड़ के महेश यादव के हाथ में भुजाली थी। नियर कलाली का सद्दाम अंसारी हाथ में बम लिए था। गुलगुलिया बस्ती के ही कैलाश धिक्कार, रंजीत धिक्कार व राहुल धिक्कार भी हाथ में भुजाली लिए थे। भाई तब भोजन कर रहा था। घर में घुसते ही सद्दाम ने बम फेंका, वह नहीं फुटा।
धनंजय पर चलाई गईं कई गोलियां
मीना का कहना है कि आरोपितों ने भाई के सिर, गर्दन, पेट, छाती, हाथ व दोनों पैरों पर भुजाली से वार किए। रामबाबू धिक्कार व राजा धिक्कार ने उसे कई गोलियां मारीं। इससे भाई की जान चली गई।बड़ी भाभी, मां तथा मैं बचाने गए, तो आरोपितों ने धक्का देकर गिरा दिया। भाभी के सिर व पसली पर पिस्टल से प्रहार किया। इसके बाद सभी राजापुर की ओर भाग गये। सभी अपराधी चार पहिया वाहन से आये थे।
आरोपी ले गये धनंजय का मोबाइल
क्रिमिनल मर्डर के बाद धनंजय का मोबाइल ले गये। उसका अंतिम लोकेशन राजापुर में मिला। पुलिस को संदेह है कि मोबाइल में कुछ ऐसा था, जिसे छिपाने को क्रिमिनल ले गये। रामबाबू से उसके मोबाइल पर हो रही बातचीत के आधार पर भी पुलिस लोकेशन का पता लगा रही है। घटनास्थल से दो खोखा, एक बम और दो भुजाली बरामद हुए। 
धनंजय और रामबाबू के बीच हिंसक झड़प
परिजन का कहना है कि 19 जनवरी को धनंजय और रामबाबू के बीच हिंसक झड़प हुई थी। धनंजय की जान को खतरा था। विरोधी अक्सर रात में आते थे। पुलिस शिथिल हो गई इसलिए धनंजय को आरोपियों ने मार दिया। कुछ लोगों का कहना था कि गोलियों की आवाज सुनाई नहीं दी इसलिए लगता है कि अपराधियों ने पिस्टल में साइलेंसर लगाया था।

धनंजय को मारी गईं तीन गोलियां, एक सिर के आर-पार
धनंजय यादव को अपराधियों ने तीन गोलियां मारी थीं। दो सीने में लगीं, एक सिर में लगकर पार हो गई। धारदार हथियार से शरीर पर 20 प्रहार किए गए। इससे शरीर के अधिकांश हिस्से लहूलुहान हो गये। सिर में गोली लगने से उसकी मौत हो गई थी। मंगलवार को एसएनएमएमसीएच की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बातें सामने आईं है।

सात साल पुरानी दुश्मनी में धनंजय को गंवानी पड़ी जान
धनंजय यादव और रामबाबू धिक्कार के बीच पिछले सात साल से दुश्मनी चल रही थी। धनंजय के घर के बाहर वर्ष 2017 में बम फेंका गया था। तत्कालीन झरिया थानेदार सह इंस्पेक्टर उपेंद्र राय ने मामला दर्ज कर रामबाबू धिक्कार सहित कई लोगों को जेल भेजा था। 18 जनवरी 2023 को झरिया कतरास मोड़ स्थित गुलगुलिया पट्टी में खूनी संघर्ष हुआ था। दोनों ओर से तलवार व बम चले थे। निरंजन तांती की तलवार से मर्डर कर दी गई थी। दोनों ओर सेआधा दर्जन लोग घायल हुए थे। पुलिस ने चंदन सिन्हा, लल्लन भूईया, भोला भूईया, गार्डन मियां, रघुकुल समर्थक व आरोपी श्याम बाबू धिक्कार, चंदन धिक्कार व बहन एतवारी देवी को गिरफ्तार कर धनबाद जेल भेजी थी। मुख्य आरोपी रामबाबू धिक्कार पुलिस पकड़ से बाहर था।
मासूम बच्चियों के सामने पिता के खून से खेली होली
 झरिया के सिंह नगर मोहल्ले के धनंजय यादव के घर एक कमरे में चारों ओर खून फैला था। कमरे में मौजूद पलंग पर दो साल की बच्ची परी बैठी थी। पास में ही छह माह की उसकी बहन सो रही थी। फर्श पर धनंजय की बॉडी पड़ा था। धनंजय ही दोनों बच्चियों के पिता था।
आरोपियों को टकटकी लगाए देखते रहे बच्चे
दोनों नन्हीं बच्चियों के सामने उसके पिता धनंजय की मर्डर की गई। इन बच्चियों ने तो अभी दुनिया को देखना शुरू ही किया था। यह खौफनाक दृश्य उनको जीवन भर का जख्म दे गया है। परी की आंखों के सामने ही सात क्रिमिनल कमरे में घुसे थे। किसी के हाथ में भुजाली थी, तो किसी के हाथ में पिस्टल। नन्हीं बिटिया को तो यह पता ही नहीं था कि ये उसके पिता का काल बनकर आये हैं। वह टकटकी लगाये उनको देखने लगी, तभी पिता पर इन सभी ने ताबड़तोड़ भुजाली के प्रहार शुरू कर दिया। बच्ची रो पड़ी, दहशत में उसने आंखें मूंद लीं। कुछ देर बाद जब उसने आंखें खोलीं तो उसको दुलार करने वाला पिता दुनिया से जा चुका था। वह फर्श पर पड़ा था निस्तेज। खून की धारा बह रही थी। वह उसे देखने लगी, फिर रो पड़ी।
वाइफ और बेटियों की जिंदगी के लिए धनंजय ने आवाज नहीं निकाली
जिस समय क्रिमिनल घर में घुसे, धनंजय भोजन कर रहा था। तभी दरवाजा खटखटाया गया। वाइफ पूनम ने दरवाजा खोला। तभी आर्म्स से लैश क्रिमिनल घर में घुस आये। पिस्टल दिखाकर सबको कब्जे में ले लिया। धनंजय की वाइफ की गर्दन पर भुजाली रख दी। आरोपी कह रहे थे, धनंजय ने विरोध किया तो वाइफऔर दोनों बेटियों को जान से मार देंगे। तब धनंजय ने हाथ जोड़ दिए, परिवार की जिंदगी के लिए वह उनके सामने खड़ा हो गया। बस यही कहा, मुझे मार दो, वाइफ और बच्चों को छोड़ दो। इसके बाद क्रिमिनलों ने धनंजय पर भुजाली से कई प्रहार किये। दो क्रिमिनलों ने धनंजय को गोली मार दी। उसकी जान चली गई। बावजूद जाते-जाते क्रिमिनलों ने धनंजय की बॉडी पर बम भी फेंका। वह फटा नहीं। अन्यथा पत्नी, भाभी और बेटियों की भी जान चली जाती। भाभी गुलाबी ने प्रतिकार किया, तो पिस्टल के बट से उसके सिर पर प्रहार कर दिया।