Dhanbad: भूली में सेप्टिक टैंक में दम घुटने से BCCL के दो सफाई कर्मी गंभीर, एक की मौत

कोयला राजधानी धनबाद के भूली टाउनशीप में सेप्टिक टैंक में सफाई के लिए उतरे बीसीसीएल तीन सफाई कर्मियों की दम घुटने से हालत बिगड़ गई। लोकल लोगों ने तीनों को किसी तरह से बाहर निकाला और सेंट्रल हॉस्पिटल में इलाज के लिए भेजा। इनमें से एक बबलू बाल्मीकि की मौत हो गई। दो की हालत गंभीर बनी हुई है। 

Dhanbad: भूली में सेप्टिक टैंक में दम घुटने से BCCL के दो सफाई कर्मी गंभीर, एक की मौत

धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद के भूली टाउनशीप में सेप्टिक टैंक में सफाई के लिए उतरे बीसीसीएल तीन सफाई कर्मियों की दम घुटने से हालत बिगड़ गई। लोकल लोगों ने तीनों को किसी तरह से बाहर निकाला और सेंट्रल हॉस्पिटल में इलाज के लिए भेजा। इनमें से एक बबलू बाल्मीकि की मौत हो गई। दो की हालत गंभीर बनी हुई है। 

यह भी पढ़ें:BIhar : भोजपुर में मुखिया पति की गोली मारकर मर्डर, CCTV फुटेज में दिखे आर्म्स से लैश क्रिमिनल

सेप्टिक टैंक के अंदर जाते ही सफाई कर्मियों की तबीयत बिगड़ी
लोकल के अनुसार, भूली के न्यू बी टाइप कालोनी में सेप्टिक टैंक के अंदर गैस होने से उसके अंदर जाते ही तीनों सफाई कर्मियों की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें किसी तरह बाहर निकाला गया। घटना के बाद काफी देर तक तक मौके पर बीटीए के अधिकारी नहीं पहुंचे हैं। इससे लोगों में काफी नाराजगी है। घटना की सूचना मिलते ही एमएलए राज सिन्हा मौके पर पहुंचे। एमएलए ने कहा कि यह घटना लापरवाही व दुखदायी है। तत्काल मृतक के आश्रितों को नौकरी व 15 लाख मुआवजा दें। उन्होंने कहा कि जान की कीमत नौकर व मुआवजा नहीं हो सकती। लेकिन परिवार को गुजर-बसर करना पड़े। एमएलए ने टैंक सपाई मशीन से कराने की मांग की है। 
यह है मामला
भूली न्यू बी टाइप के सामूहिक सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए भूली रीजिनल मैनेजर ऑफिस से लगभग 11 बजे निर्मल बाल्मीकि, बबलू बाल्मीकि व बिट्टू बाल्मीकि आये थे। सफाई के लिए सेप्टिक टैंक के अंदर जाते ही जहरीली गैस से उनकी तबीयत बिगड़ गई। स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना भूली पुलिस को दी। मौके पर अफरा-तफरी मच गई। बाल्मीकि नगर में रहने वाले तीनों सफाई कर्मचारियों के घर वाले और आसपास के लोग पहुंचे। सफाई कर्मचारियों की हालत देख घरवालों ने रोना-चिल्लाना शुरू कर दिया। 
भूली ओपी प्रभारी रोशन बारा ने स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता गंगा बाल्मीकि, पूर्व पार्षद रंजीत कुमार बिल्लू, अशोक यादव, सतेंद्र सिंह, अजय चौधरी और चंदन कुमार समेत दूसरे स्थानीय लोगों के मदद से उन्हें अस्पताल पहुंचाया। डाक्टर ने बबलू बाल्मीकि को मृत घोषित कर दिया। अन्य दो का इलाज चल रहा है।

दो बीसीसीएल व एक को साथ ले आया था कंट्रेक्टर
सेप्टिक टैंक की सफाई करने दो बीसीसीएल के सफाईकर्मी व एक प्राइवेट सफाई कर्मी लाये गये थे।  भूली टाउनशिप प्रशासन- बीटीए कार्यालय की रिटायर महिला सफाई कर्मी तारा देवी का बेटा बिट्टू बाल्मीकि भी सफाई का काम करने आया था। वह बीसीसीएल का सफाई कर्मी नहीं है। उसे कंट्रेक्टर लेकर आया था। सेप्टिक टैंक के भरे गैस की चपेट में आ जाने से उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।

न सेफ्टी के उपाय, न गैस की जांच और मौत के मुंह में भेज दिया सफाई मजदूरों को
भूली के न्यू बी टाइप कॉलोनी सेफ्टी टैंक की सफाई में उतरे मजदूर बबलू बाल्मीकि की मौत हो गई है। बबलू के दो साथी मजदूर हॉस्पिटल में जिंदगी मौत से जूझ रहे हैं।बबलू की मां सुंदरी देवी ने भूली टाउन एडमिनिस्ट्रेशन (बीटीए) प्रबंधन पर अपने बेटे की जान ले लेने का आरोप लगाया है।  लोगों का कहना है प्रबंधन ने सेप्टिक टैंक की साफ-सफाई में सुरक्षा का ख्याल कभी नहीं रखा। सभी और साफ-सफाई की प्रक्रिया हाईटेक की गई है, लेकिन भूली में प्रबंधन मजदूरों को मैन्युअल साफ-सफाई करवाता है।प्रबंधन की ओर से किसी भी प्रकार की सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं किया गया। 

एक दिन पहले खोली जाती है टंकी, गैस की नहीं की गई जांच
अखिल भारतीय सफाई कर्मचारी संघ के गंगा बाल्मीकि ने घटनास्थल पर लोगों को बचाने की काफी मदद की। गंगा ने बताया कि प्रबंधन ने सुरक्षा मानकों के अनुसार काम नहीं किया है। नियमित सफाई के एक दिन पहले टंकी को खोला जाता है। इसके बाद इसके अंदर की गैस की जांच की जाती है। प्रबंधन की ओर से गैस जांच करने की कोई उपकरण या सुविधा नहीं मुहैया कराई गई। मैनुअल तरीके से टंकी के अंदर कोई ढिबरी अथवा दीया रखा जाता है, अगर यह तत्काल बुझ गई, तो अंदर नहीं जाया जाता। लेकिन किसी भी स्तर पर सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया।टंकी में गिरकर जब लोग छटपटा रहे थे, प्रबंधन के पास एक रस्सी भी नहीं थी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस हद तक प्रबंधन की लापरवाही रही है। उन्होंने बताया कि जब सभी जगह नगर निगम की ओर से सफाई की व्यवस्था है, तो आखिर मैनुअल क्यों काम कराया जा रहा है।

मां के बदले मिली थी बबलू को नौकरी
बबलू को उसकी मां सुंदरी देवी की जगह पर बीसीसीएल में 12 वर्ष पूर्व सफाई कर्मी की नौकरी मिली थी। सभी भूली ए ब्लॉक के अंबेडकर नगर में रहते हैं।घटना के बाद बबलू की मां सुंदरी देवी उसकी पत्नी ममता देवी बेसुध होकर अस्पताल पहुंची। पीछे से बच्चे भी रोते-रोते पहुंचे। बबलू का एक 12 वर्ष की बेटी और एक 10 वर्ष का बेटा है। पिता की मौत काफी पहले हो चुकी है। अब घर में कोई पुरुष नहीं बचा है