धनबाद: भौंरा ओपी के सामने ग्रामीणों का धरना, पुलिस कार्रवाई का विरोध
भौंरा जहाज टांड़ के लोगों ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध में भौंरा ओपी के सामने प्रर्दशन किया। ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर 13 अप्रैल को धरने पर बैठे थे। आरोप है कि देर रात भौंरा पुलिस ने कई महिलाओं के साथ-साथ किसान मोर्चा के नेता खेमलाल महतो, विशाल महतो और कार्तिक महतो को कस्टडी में ले लिया था।
धनबाद। भौंरा जहाज टांड़ के लोगों ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध में भौंरा ओपी के सामने प्रर्दशन किया। ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर 13 अप्रैल को धरने पर बैठे थे। आरोप है कि देर रात भौंरा पुलिस ने कई महिलाओं के साथ-साथ किसान मोर्चा के नेता खेमलाल महतो, विशाल महतो और कार्तिक महतो को कस्टडी में ले लिया था।
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मुआवजा व नियोजन मांग रहे रैयतों को पुलिस ने उठाया
जमीन के बदले नियोजन और मुआवजे की मांग को लेकर बुधवार को भौंरा फ़ोर ए पैच में धरना दे रहे थे। आरोप है कि देर रात भौंरा ओपी की पुलिस ने धरना पर बैठे किसान मोर्चा के नेता खेमलाल महतो, विशाल महतो और कार्तिक महतो को बलपूर्वक कस्टडी में ले लिया। खेमलाल को पुलिस द्वारा पकड़कर ले जाने की बात सुनकर उनकी 65 वर्षीय दादी जोगनी देवी की सदमें मौत हो गई।
इससे आक्रोशित आंदोलनकारियों ने गुरुवार को भौंरा ओपी पर प्रदर्शन किया। पुलिस व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। आंदोलन दिनभर जारी रहा।मामले की गंभीरता होता देख रात में भौंरा ओपी पुलिस, प्रबंधन व रैयतों के बीच वार्ता शुरू हुई। मामले में समुचित कार्रवाई की पहल किये जाने के आश्वासन दिये जाने के बाद आंदोलन समाप्त हो गया।
लोगों का कहना था कि भौंरा जहाजटांड़ के रैयत जमीन के बदले नियोजन और मुआवजे के लिए कई बार धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। कई रैयतों को अभी तक नियोजन व मुआवजा नहीं मिला है। भौंरा ओपी पुलिस की कार्रवाई से रैयतों और स्थानीय लोगों में आक्रोश गहरा गया है। रैयतों का कहना है कि ईजे एरिया बीसीसीएल प्रबंधन मनमानी कर रही है। वर्षों से जमीन के बदले मुआवजा और नियोजन की मांग कर रहे हैं। प्रबंधन गंभीर नहीं है। घर के पास आउटसोर्सिंग प्रोजेक्ट चलाये जाने से यहां के लोग काफी परेशान हैं। प्रदूषण से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। पानी की समस्या से भी लोग जूझ रहे हैं।