Dhanbad Vinod Singh Murder Case: रामधीर सिंह को हाई कोर्ट से बड़ा झटका, उम्र कैद की सजा रहेगी बरकार
झारखंड हाई कोर्ट ने दिवंगत सूर्यदेव सिंह के अनुज व बलिया के पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष उम्र कैद की सजा काट रहे रामधीर सिंह की क्रिमिनल अपील याचिका खारिज कर दी है। धनबाद के बहुचर्चित बिनोद सिंह मर्डर केस में रामधीर सिंह धनबाद की लोअर कोर्ट द्वारा दी गयी उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा है।
- उम्र कैद की सजा के खिलाफ दायर याचिका खारिज
धनबाद। झारखंड हाई कोर्ट ने दिवंगत सूर्यदेव सिंह के अनुज व बलिया के पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष उम्र कैद की सजा काट रहे रामधीर सिंह की क्रिमिनल अपील याचिका खारिज कर दी है। धनबाद के बहुचर्चित बिनोद सिंह मर्डर केस में रामधीर सिंह धनबाद की लोअर कोर्ट द्वारा दी गयी उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा है।
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हाईकोर्ट में सुजीत नारायण और जस्टिस नवनीत कुमार की डबल बेंच ने यह फैसला सुनाया है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बेच ने पिछले माह फैसला सुरक्षित रख लिया था। रामधीर ने हाईकोर्ट में विनोद सिंह मर्डर केस में सेशन कोर्ट से मिली उम्रकैद की सजा को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। धनबाद के कतरास में 15 जुलाई 1998 को विनोद सिंह को A K-47 से भून दिया गया था। सिंह मेंशन के रामधीर सिंह को इस मर्डर केस में आजीवन कारावास की सजा हुई है। रामधीर सिंह फरारी के बाद 22 फरवरी 2017 को कोर्ट में सरेंडर किया था। इसके बाद से ही रांची के होटवार जेल में बंद हैं।
कतरास में 1998 में विनोद सिंह को गोलियों से भून दिया गया था
कतरास के शहीद भगत सिंह चौक के पास 15 जुलाई 1998 को सकलदेव सिंह के भाई विनोद सिंह व उनके ड्राइवर मन्नू अंसारी पर अंधाधुंध फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया गया था। रामधीर सिंह की गैर मौजूदगी में 18 अप्रैल 2015 को धनबाद के सत्र न्यायालय के एडीजे निकेश सिन्हा की कोर्ट ने विनोद सिंह और उनके ड्राइवर की हत्या में रामधीर सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने बिनोद सिंह मर्डर केस में बच्चा सिंह को कर दिया था। रामधीर सिंह के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया था। वह फरार घोषित किये गये। लगभग 22 महीने फरार रहने के बाद 20 फरवरी 2017 को रामधीर सिंह ने धनबाद कोर्ट में सरेंडर किया था। इसके बाद से ही वह जेल में हैं। धनबाद जेल से उन्हें हजारीबाग जेल भेजा गया था। बाद फिर होटवार जेल ट्रांसफर कर दिया गया। रामधीर अभी रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल होटवार में बंद हैं। बेल के लिए रामधीर ने पिछले साल हाई कोर्ट में बेल पिटीशन दाखिल की थी। कोर्ट ने बेल देने से इनकार कर दिया था।
12 साल से शशि सिंह चल रहा है फरार
धनबाद क्लब में वर्ष 2011 की सात दिसंबर को आयोजित नुनु सिंह के बेटे वैवाहिक आयोजन में कोल किंग सुरेश सिंह की गोली मारकर मर्डर कर दी गई थी। सुरेश सिंह के पिता तेजनारायण सिंह ने उस समय पुलिस को बयान दिया था कि शादी समारोह में उपस्थित रामधीर सिंह के बेटे शशि सिंह के साथ किसी बात को लेकर सुरेश सिंह के बीच तल्ख बहस हो गई। शशि ने कमर से पिस्टल निकाल सुरेश सिंह के सीने में गोली उतार दी। इसके बाद सुरेश सिंह की मौत हो गई। मामले में रामधीर व संजीव को भी एक्युज्ड बनाया गया था। पुलिस जांच में शशि व उसके गुर्गों की संलिप्ता आयी। शशि समेत सभी आरोपियों की कुर्की हो चुकी है। शशि समेत एक अन्य आरोपी फरार चल रहे हैं। शेष आरोपित कोर्ट में सरेंडर कर बेलपर है। घटना के 12 बर्ष में भी धनबाद पुलिस शशि को नहीं पकड़ पाई है। फरारी के दौरान ही शशि सिंह की शादी भी हो गई। शशि दो बेटी व एक बेटे के पिता भी बन चुके है।
झरिया के एमएलए रहे सूर्यदेव सिंह के अनुज रामधीर सिंह बलिया के पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष रह चुके हैं। उनकी वाइफ इंदू देवी धनबाद की मेयर रह चुकी है। रामधीर के अग्रज बच्चा सिंह झरिया से एमएलए व झारखंड गवर्नमेंट में मिनिस्टर रह चुके हैं। रामधीर की भाभी कुंदी देवी व भतीजे संजीव सिंह भी बीजेपी से झरिया के एमएलए रह चुके हैं। वर्तंमान रामधीर के बड़े भाई दिवंगत राजन सिह की बहू पूर्णिमा नीरज सिंह अभी झरिया की एमएलए हैं।
रामधीर की गैर हाजिरी में कई कुनबों में बंटा सिंह मेंशन
रामधीर सिंह मेंशन के वह मजबूत स्तंभ माने जाते हैं। उनकी गैर मौजूदगी में सिंह मेंशन का कुनबा भी बिखर रहा है। सिंह मेंशन के अलावा कुंती निवास, सूर्योदय, रघुकुल व इंडोरी हाउस बन गया है। सूर्यदेव सिंह द्वारा स्थापित जनता मजदूर संघ भी अब तीन टुकड़ों में बट गया है। कोयलांचल की राजनीति में जनता मजदूर संघ की जो हनक थी, वह भी पारिवारिक विवाद के कारण कमजोर होती जा रही है। रामधीर सिंह के भतीजे व झरिया के एक्स बीजेपी एमएलए संजीव सिंह अपने चचेरे भाई पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर केस में धनबाद जेल में बंद है। फिलहाल स्वास्थ्य कारणों से वह रांची रिम्स में एडमिट हैं। मेडिकल बोर्ड ने संजीव को एम्स में इलाज कराने की इजाजत दी है।
रामधीर अपने भाई राजन सिंह के पुत्र नीरज सिंह की मर्डर से ठीक पहले सरेंडर कर जेल गये थे। सिंह मेंशन से रघुकुल पहले ही अलग हो चुका था। संजीव और नीरज के बीच झरिया के चुनाव में रामधीर खुलकर संजीव के साथ थे। रामधीर के जेल जाने के बाद से उनकी वाइफ व एक्स मेयर इंदू देवी मेंशन से अलग इंडौरी हाउस में रह रही हैं। इंदू संजीव सिंह की मां व झरिया की एक्स एमएलए कुंती देवी की गोतनी के साथ सगी बहन भी हैं, लेकिन पिछले दिनों नगर निगम चुनाव के लिए मेयर की सीट महिला के लिए रिजर्व होने के बाद दोनों बहनें आमने-सामने आ गई थीं।
संजीव व सिद्धार्थ की राहें जुदा
संजीव सिंह के जेल में रहने के दौरान सिंह मेंशन का पारिवारिक विवाद भी खुलकर सामने आ गया है। सिंह मैंशन की मजदूर संगठन जनता मजदूर संघ पर अब पूरी तरह सिद्धार्थ गौतम का कब्जा हो गया है। सिद्धार्थ गौतम कुंती निवास में रह रहे हैं। वह जेबीसीसीआइ के मेंबर हैं। उनकी राजनीतिक महत्वकांक्षा भी बढ़ रही है। हाल में उन्होंने बीजेपी में लाखों रुपये सहयोग राशि दिया है। सिद्धार्थ के खिलाफ जनता मजदूर संघ छोड़कर संजीव सिंह के वाइफ रागिनी सिंह जनता श्रमिक संघ चला रही है।
सच्चाई व न्याय की जीत हुई: पिंटू
दिवंगत बिजनसमैन व कांग्रेस लीडर सुरेश सिंह के पुत्र अजय सिंह उर्फ पिंटू ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि रामधीर सिंह को सजा बरकरार रखे जाने का कोर्ट का फैसला सच्चाई वा न्याय की जीत है।कोयलांचल की जनता जान रही है कि यह
परिवार क्या है। कोयलांचल की जनता हत्या की राजनीति को कभी स्वीकार नहीं करती है।आरोपियों को सजा कानून देती है। हाई कोर्ट के फैसले से जनता का विश्वास और बढ़ा है। अब जनता इस हिंसक परिवार की कारगुजारियों के खिलाफ सामने आयेगी। कोर्ट की शरण में जायेगी। विदित हो कि सुरेश सिंह के निधन के बाद अजय सिंह ही परिवार की कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। सुरेश सिंह की निधन के बाद जब धनबाद कोर्ट से विनोद मर्डर केस में रामधीर सिंह को उम्र कैद हुई थी उसी समय पिंटू की सक्रियता खुलकर सामने आयी थी। पिंटू अपने मामा विनोद सिंह मर्डर केस व पिता के मर्डर केस समेत अन्य पारिवारिक केस को कानूनी रुप से लड़ रहे हैं। इसके ठोस परिणाम भी सामने हैं।