धनबाद के जज उत्तम आनंद मौत मामला : हाई कोर्ट ने CBI को स्पेसिफिक रिपोर्ट देने का निर्देश
झारखंड हाई कोर्ट ने धनबाद के जज उत्तम आनंद मौत मामले में सीबीआइ जांच की प्रगित पर असंतुष्ट है। हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अब तक हुई जांच रिपोर्ट पेश की। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि इस रिपोर्ट में कुछ भी स्पष्ट नहीं हो रहा है। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई में सीबीआई और एसआईटी को स्पेसिफिक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने धनबाद के जज उत्तम आनंद मौत मामले में सीबीआइ जांच की प्रगित पर असंतुष्ट है। हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अब तक हुई जांच रिपोर्ट पेश की। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि इस रिपोर्ट में कुछ भी स्पष्ट नहीं हो रहा है। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई में सीबीआई और एसआईटी को स्पेसिफिक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
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अब मामले में अगली सुनवाई का 21 अक्टूबर निर्धारित की गई है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की बेंच में सुनवाई हुई।हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई के एडवोकेट ने कोर्ट को बताया कि दो आरोपियों से पूछताछ जारी है। पूछताछ में कई संबंधित लोगों का संबंध का पता चल रहा है, लेकिन इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई में पूरी जानकारी मांगी है।
सीबीआई की प्रगति रिपोर्ट से हाईकोर्ट संतुष्ट नहीं
जज उत्तम आनंद की मौत की जांच कर रही सीबीआई की प्रगति रिपोर्ट पर झारखंड हाईकोर्ट ने अंसतोष जताते हुए कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। पिछली बार जो बातें कही गयी थी उन्हीं बातों को दोहराया गया है। कोर्ट ने सीबीआई को 21 अक्तूबर को प्रगति रिपोर्ट पेश करते हुए विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से गठित एसआईटी की रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है।
सीबीआई की ओर से बताया गया कि इस मामले में कुछ और लोगों की संलिप्त होने की आंशका है। ऐसे लोगों से पूछताछ की जा रही है। कुछ लोगों का इस घटना से संबद्ध होने की आशंका है , लेकिन अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। इस पर कोर्ट ने कहा कि पिछली बार भी सीबीआई ने कहा था कि इस मामले में कुछ सुराग मिले हैं और पूछताछ हो रही है। इस बार भी यही बात कही जा रही है।
जज मौत मामले में होटवार जेल में बंद मामा से सीबीआई ने की पूछताछ
जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम उत्तम आनंद की मौत के मामले में सीबीआई गुरुवार को रांची के होटवार जेल में बंद रंजय मर्डर केस का कथित शूटर मामा उर्फ़ नन्द कुमार सिंह से होटवार जेल में पूछताछ किया। सार सीबीआई ने जज मौत मामले में मामा से तीन घंटे तक पूछताछ कर कई सवाल का जानकारी लिया।
सीबीआई ने मामा से पूछा कि वह जज उत्तम आनंद से बार बेल की मांग किया था ? सवाल के जवाब देते हुए मामा ने सीबीआई को बताया की इस मामले में जज साहब से कभी सामना ही नहीं हुआ।मामला हाई कोर्ट में है। सीबीआई ने मामा से रंजय मर्डर मामले में घटना का दिन का जिक्र करते पूछा की वह उस दिन क्या-क्या किया ? इस सवाल पर मामा ने पुलिस को दिए बयान को ही दोहराया।
नंद कुमार के अलावा होटवार जेल में बंद चार अन्य अपराधियों से भी सीबीआई पूछताछ कर रही है। चारो जेल में बंद क्रिमिनल धनबाद और पलामू के रहने वाले हैं।
उल्लेखनीय है सीबीआई ने रंजय हत्याकांड के आरोपी धैया निवासी हर्ष सिंह से पूछताछ की थी। हर्ष सिंह से सीबीआई ने रंजय हत्याकांड से जुड़े कई सवाल का जवाब भी लिया था। CBI ने विशेष न्यायाधीश SDJM अभिषेक श्रीवास्तव की कोर्ट में आवेदन देकर रांची की होटवार जेल में बंद मामा से पूछताछ करने की अनुमति मांगी थी। कोर्ट से अनुमति मिलने पर गुरुवार व शुक्रवार को CBI टीम होटवार जेल पहुंचकर नंद कुमार सिंह से पूछताछ की।
झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह के करीबी रंजय सिंह की मर्डर के आरोप में मामा जेल में बंद है। रंजय सिंह मर्डर के मामले की सुनवाई जज उत्तम आनंद की कोर्ट में लंबित थी। कोर्ट में यह मामला अभियोजन साक्ष्य के लिए चल रहा था। इस मामले में मामा के अलावा हर्ष सिंह भी आरोपी है। हर्ष सिंह फिलहाल बेलत पर जेल से बाहर है।
फ्लैश बैक
जज उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह घर से मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर पांच बजकर आठ मिनट पर जज को मिनट पर एक ऑटो ने धक्का मार दिया। हॉस्पीटल ले जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित किया। घटना का सीसीटीवी फुटेज देखने से ऐसा प्रतीत हुआ कि यह हादसा नहीं है। जज को जानबूझकर धक्का मारा गया। मामले में ऑटो ड्राइवर के खिलाफ मर्डर की एफआइआर दर्ज की गयी। पुलिस ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को अरेस्ट कर ली। जज की मौत को सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। झारखंड सरकार द्वारा गठित एसआइटी ने मामले की जांच कर रही थी। झारखंड गवर्नमेंट की । झारखंड सरकार की अनुशंसा पर मामले की जांच की जिम्मेवारी सीबीआइ को सौंप दी गई।अब तक कोई भी एक ऐसा साक्ष्य नहीं मिला है तो साजिश की ओर इशारा करता हो।