धनबाद: SNMMCH एनेस्थीसिया HOD ने पारा मेडिकल स्टूडेंट से की अश्लील हरकत, एग्जाम देने से रोका
शहीद निर्मल महतो मेमोरियल कालेज एंड हॉस्पीटल (SNMMCH) के एनेस्थीसिया एचओडी डा. यूएन वर्मा पर हॉस्पीटल की पारा मेडिकल स्टूडेंट (एनेस्थीसिया असिस्टेंट) ने अशलील हरकत करने का आरोप लगाया है। एचओडी पर जबरन एग्जाम फार्म नहीं भरने देने का भी आरोप है।
धनबाद। शहीद निर्मल महतो मेमोरियल कालेज एंड हॉस्पीटल (SNMMCH) के एनेस्थीसिया एचओडी डा. यूएन वर्मा पर हॉस्पीटल की पारा मेडिकल स्टूडेंट (एनेस्थीसिया असिस्टेंट) ने अशलील हरकत करने का आरोप लगाया है। एचओडी पर जबरन एग्जाम फार्म नहीं भरने देने का भी आरोप है।
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पीडि़ता और उसके पिता ने अलग-अलग लिखित आवेदन देकर मेडिकल कालेज मैनेजमेंट से न्याय की मांग की है। स्टूडेंट को फाइनल एग्जाम में शामिल होने देने की गुहार लगाई है। इस तरह का मामला प्रकाश में आने के बाद हॉस्पीटल में हड़कंप मच गया है। SNMMCH सुपरिटेडेंट डा. अरुण कुमार वर्णवाल ने इसकी जांच के आदेश दे दिये हैं। जांच के लिए तीन डाक्टरों की कमेटी बनाई गई है। इसमें आइ डिपार्टमेंट के HOD डा. रजनीकांत सिन्हा, डा. सुनील कुमार वर्मा और डा. राजलक्ष्मी तुबिद शामिल है। SNMMCH सुपरिटेंडेंट डा. अरूण कुमार वर्णवाल ने कहा है कि मामला गंभीर है। इसकी जांच के लिए तीन मेंबर की डॉक्टर्स की टीम गठित कर दी है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी।पीड़ित स्टूडेंट गिरिडीह के जमुआ की रहनेवाली है। जमआ एमएलए केदार हाजरा ने मेडिकल कालेज मैनेजमेंट को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कार्रवाई नहीं हुआ तो विरोध किया जायेगा।
एचओडी अपने नर्सिंग होम ले जाकर कर रहे थे गलत हरकत
पीडि़त स्टूडेंट ने बताया है कुछ दिन पहले डा. यूएन वर्मा ने उसे अपने मेमको मोड़ स्थित कस्तूरबा नर्सिंग होम में ड्यूटी करने को कहा। स्टूडेंट नर्सिंग होम में ड्यूटी के लिए गई, लेकिन वहां पर डा. वर्मा उसके साथ गलत हरकत करने की कोशिश करने लगे। वह अपनी इज्जत बचाकर किसी तरीके से नर्सिंग होम से भाग खड़ी हुई। स्टूडेंट ने इसकी सूचना अपने पिता को दी। इसके बाद स्टूडेंट और उसके पिता ने हॉस्पीटल मैनेजमेंट को अलग-अलग आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है।
एनेस्थीसिया एचओडी ने एग्जाम फार्म भरने से रोका
स्टूडेंट ने बताया कि मनमानी नहीं करने देने के कारण एचओडी डा. यूएन वर्मा काफी नाराज हो गये। अब इसका बदला लेने के लिए उन्होंने उसे फाइनल एग्जाम फॉर्म नहीं भरने दे रहे हैं। वहीं डा. यूएन वर्मा ने बताया है कि उसकी 75 परसेंट उपस्थिति नहीं है। इस वजह से उसका एग्जाम फार्म भरने के लिए सेंटअप नहीं किया गया है। जबकि स्टूडेंट का कहना है कि उसने सत्र 2019-2021 के बीच 15 महीने कोविड-19 में सेवा दी है। लगभग पांच महीने से प्रैक्टिकल क्लास में शामिल रही है।
प्रारंभिक जांच में स्टूडेंट की उपस्थिति शत प्रतिशत
मामला प्रकाश में आने के बाद हॉस्पीटल मैनेजमेंट ने स्टूडेंट की उपस्थिति की जांच की। जांच में यह पाया गया कि स्टूडेंट की उपस्थिति लगभग शत-प्रतिशत है। ऐसी परिस्थिति में स्टूडेंट को एग्जाम से वंचित नहीं किया जा सकता है। हॉस्पीटल सुपरिटडेंट ने भी स्टूडेंट की शत प्रतिशत उपस्थिति की बात कही है।
टर्मिनल एग्जाम कभी ली नहीं, स्टूडेंट पर मढ़ा दोष
प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि एचओडी ने टर्मिनल की एग्जाम नहीं ली है। इसके बावजूद टर्मिनल एग्जाम में स्टूडेंट को शामिल होना नहीं बताया जा रहा है। वहीं स्टूडेंट ने आशंका जताई है कि उनकी एटेंडेंस रजिस्टर को गायब कराया जा सकता है। ताकि उस पर दोष दिया जा सके।
स्टूडेंट का आरोप बेबुनियाद, नियमों के तहत कार्रवाई : एचओडी
एचओडी डा. यूएन वर्मा ने पारा मेडिकल स्टूडेंट द्वारा अपने ऊपर लगाये गये आरोप को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि यह गुरु और शिष्य परंपरा को कलंकित करने वाला आरोप है। उन्होंने बताया कि नियमानुसार पारा मेडिकल स्टूडेंट को 18 महीने प्रैक्टिकल करना होता है। जबकि इस स्टूडेंट का प्रैक्टिकल मात्र 15 महीना ही हुआ है। पारा मेडिकल के नोडल अफसर डा. गणेश कुमार से बातचीत हुई थी। उन्होंने भी कहा था 15 माह ट्रेनिंग वाले को सेंट-अप नहीं किया जा सकता है। इसके बावजूद स्टूडेंट एग्जाम से वंचित न हो इसके लिए कोशिश कर रहे हैं।