धनबाद के डॉक्टरों ने Mixopathy Ordinance के खिलाफ सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया
सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा 19 नवंबर को जारी Mixopathy Ordinance के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ( IMA) ने मोरचा खोल दिया है। आईएमए के आह्वान पर देश भर में 11 दिसंबर को डॉक्टर गवर्नमेंट व प्राइवेट ओपीडी को बंद रखेंगे। हालांकि इमरजेंसी सर्विस और कोरोना वायरस से जुड़ी सर्विस निर्बाध चलती रहेंगी।
धनबाद। सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा 19 नवंबर को जारी Mixopathy Ordinance के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ( IMA) ने मोरचा खोल दिया है। आईएमए के आह्वान पर देश भर में 11 दिसंबर को डॉक्टर गवर्नमेंट व प्राइवेट ओपीडी को बंद रखेंगे। हालांकि इमरजेंसी सर्विस और कोरोना वायरस से जुड़ी सर्विस निर्बाध चलती रहेंगी। आइएमए के आह्वान पर धनबाद ब्रांच इस आंदोलन को सफल बनाने में जुट गई है।
धनबाद के डॉक्टरों ने मंगलवार को Mixopathy Ordinance के खिलाफ सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया। डॉ. ए के सिंह, डॉ. मेजर चंदन, डॉ. जिमी अभिषेक, डॉ. सी एस सुमन, डॉ. ए चक्रवर्ती आदि उपस्थित थे। आईएमए के स्टेट प्रेसिडेंट डॉक्टर एके सिंह ने कहा कि इस अध्यादेश से हेल्थ केयर और बर्बाद हो जायेगा। इससे सीधे आम लोगों की जान जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि मिक्सोपैथी में आयुर्वेद, होम्योपैथी सहित अन्य देशी चिकित्सा पद्धति को एमबीबीएस डॉक्टरों की तरह सर्जरी करने की अनुमति दी गई है। ऐसे में आयुर्वेद के डॉक्टर यदि सर्जरी करेंगे, तो इससे सीधे आम लोग प्रभावित होंगे। आईएमए इसका विरोध कर रहा है और अध्यादेश को वापस करने की मांग की जा रही है। इसी को देखते हुए 11 दिसंबर को सभी ओपीडी बंद रहेंगे।
मैक्सोपैथी
नये अध्यादेश के अनुसार आयुर्वेद, होम्योपैथ, यूनान सहित अन्य देशी चिकित्सा पद्धति को एक किया जा रहा है। इसके डॉक्टर अंग्रेजी दवा भी पेसेंट को दे सकते हैं। साथ ही सर्जरी यह कर सकते हैं। अब आईएमए का कहना है एमबीबीएस की पढ़ाई और एमएस की डिग्री लेने में 10 से 15 साल गुजर जाते हैं। तब जाकर एक डॉक्टर ऑपरेशन कर पाता है। दूसरी ओर मामूली एक दो साल के कोर्स करके सर्जरी की अनुमति देना गलत है। सरकार को इस को वापस लेना चाहिए।