दुमका: मां ने ही बेटी को जलाकर किया था मर्डर, बक्से में बंद गमछे से हुआ खुलासा
पुलिस ने शिकारीपाड़ा पुलिस स्टेशन एरिया के कजलादाहा गांव में 15 मई की रात 14 साल की नाबालिग करीना कुमारी को जलाकर हुई मर्डर का खुलाला कर लिया है। विधवा सुनीता देवी (40) ने ही अपनी बेटी करीना की गमछे से मुंह बांधकर शरीर पर केरोसिन डालकर आग लगाई थी। पुलिस ने शुक्रवार को पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर सुनीता को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया है।
- मां के गलत आचरण का विरोध के कारण गयी जान
दुमका। पुलिस ने शिकारीपाड़ा पुलिस स्टेशन एरिया के कजलादाहा गांव में 15 मई की रात 14 साल की नाबालिग करीना कुमारी को जलाकर हुई मर्डर का खुलाला कर लिया है। विधवा सुनीता देवी (40) ने ही अपनी बेटी करीना की गमछे से मुंह बांधकर शरीर पर केरोसिन डालकर आग लगाई थी। पुलिस ने शुक्रवार को पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर सुनीता को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया है।
मां अपने हवस में बेटी को मानती थी रास्ते का कांटा
करीना अपनी मां के गलत आचरण का विरोध करती थी। सुनीता बेटी को अपने रास्ते का कांटा मानती थी। एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी ने बताया कि चार दिन तक चली पूछताछ के बाद एक बार भी सुनीता खुद को बेकसूर बताते हुए अपनी बेटी को मारकर जलाने से इनकार करती रही है। बकौल डीएसपी मां का आचरण गलत था। वह आये दिन किसी न किसी के साथ घर से चली जाती थी। कुछ लोग घर भी मिलने के लिए आते थे। बेटी करीना इसका विरोध करती थी। इस बात को लेकर मां-बेटी अक्सर कहा सुनी होती थी। कई बार पड़ोस के लोगों ने सुनीता के मुंह से यह बात सुनी थी कि घर में एक कांटा है, उसे साफ करनी है। सुनीता ने प्लानिंग कर पहले गमछे से बेटी का मुंह बांधा। फिर केरोसिन डालकर जला दिया। घटना के दूसरे दिन सुबह सुनीता को पुलिस साथ ले जाने लगी तो उसने मर्डर करने के समय पहने कपड़े बदल लिए।हलांकि पुलिस ने उसकी साड़ी व पेटीकोट जब्त कर ली थी।
ऐसे हुआ पुलिस को शक
नाबालिग बेटी की मौत के बाद सुनीता के चेहरे पर किसी तरह की शिकन नहीं थी। उसने पुलिस को बताया कि जिस समय बेटी जल रही थी तो अपने साया से आग बुझाने का प्रयास किया। महिला ने आग बुझाने के लिए पानी का उपयोग नहीं किया। ना ही बचाने के लिए मदद की गुहार लगाई। जलते समय पड़ोस की एक महिला ने बेटी के शव के समीप उसे खड़े देखा था। पुलिस ने घर से लाकर जब साया की जांच की तो वह कहीं से झुलसा नहीं था। उसमें केरोसिन की बदबू आ रही थी। मुंह बंद करने के लिए जिस गमछे का इस्तेमाल किया गया, उसे मां ने एक बक्से में रखा था। महिला के बेटे ने भी यह बात स्वीकार की। पुलिस इन सभी एवीडेंस के आधार पर महिला को दोषी मानते हुए अरेस्ट किया।
किसी और की संलिप्ता के सबूत नहीं
पुलिस को प्रारंभ में शक हुआ कि वारदात में महिला के किसी पुरुष मित्र का हाथ हो सकता है। पुलिस संदेह के आधार पर महिला का मोबाइल खंगाली तो पता चला कि वह चार लोगों से वह अक्सर बात करती थी। दो रानीश्वर और दो शिकारीपाड़ा के रहने वाले थे। पुलिस ने चारों को लाकर पुलिस स्टेशन पूछताछ की लेकिन नाबालिग के मर्डर में शामिल होने का प्रमाण नहीं मिला। घटना के समय सभी का मोबाइल लोकेशन महिला के घर से 50 किलोमीटर दूर था। इसलिए सभी को छोड़ दिया गया।
सुनीता की गलत हरकत के कारण हसबैंड ने दी थी जान
एसडीपीओ ने बताया कि महिला के गलत आचरण से घर का हर सदस्य परेशान था। हसबैंड हरिहर सिंह ने भी 10 साल पहले नदी में कूदकर जान दे दी थी। हसबैंड की मौत के बाद भी उसके आचरण में सुधार नहीं आया। बेटा भी रात को घर की बजाय पड़ोस के एक स्कूल में सोता था। घर में सुनीता की छोटी बेटी रीना रहती थी। वह डर के कारण मां की गलत हरकत का विरोध नहीं कर पाती थी।