दुमका: पेट्रोल छिड़क छात्रा को जिंदा जलाने के मामले में सुपरविजन से हटाये गये SDPO नूर मुस्तफा
एसडीपीओ मोहम्मद नूर मुस्तफा को दुमका से हटाया जा सकता है। एसडीपीओ को दुमका से हटाने के संबंधित नागरिक समिति दुमका की मांग सरकार तक पहुंच गई है। दुमका में किशोरी को पेट्रोल छिड़ककर जलाकर मारने से संबंधित मामले एसडीपीओ मोहम्मद नूर मुस्तफा पर केस के आरोपित मोहम्मद शाहरूख हुसैन को मदद पहुंचाने का आरोप लगा है।
- जरमुंडी के एसडीपीओ शिवेंद्र को मिली जिम्मेदारी
रांची। एसडीपीओ मोहम्मद नूर मुस्तफा को दुमका से हटाया जा सकता है। एसडीपीओ को दुमका से हटाने के संबंधित नागरिक समिति दुमका की मांग सरकार तक पहुंच गई है। दुमका में किशोरी को पेट्रोल छिड़ककर जलाकर मारने से संबंधित मामले एसडीपीओ मोहम्मद नूर मुस्तफा पर केस के आरोपित मोहम्मद शाहरूख हुसैन को मदद पहुंचाने का आरोप लगा है।
सीएम हेमंत सोरेन ने मांगी थी रिपोर्ट
समिति का आरोप है कि उनके दुमका में रहने से केस का अनुसंधान प्रभावित होगा। दुमका के डीआइजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने इसका उल्लेख करते हुए पुलिस मुख्यालय को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी है। डीआइजी की रिपोर्ट से पुलिस हेडक्वार्टर को अवगत कराया है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया है कि किशोरी हत्याकांड में एसडीपीओ मोहम्मद नूर मुस्तफा का क्षेत्र रहते हुए भी उनके स्थान पर जरमुंडी के एसडीपीओ शिवेंद्र को कांड के सुपरविजन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दुमका की किशोरी को जलाकर मारने की घटना तूल पकड़ने के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने डीजीपी से कृत कार्रवाई प्रतिवेदन (एक्शन टेकेन रिपोर्ट) मांगी थी। सीएम के निर्देश के बाद पुलिस हेडक्वार्टर ने डीआइजी की उक्त रिपोर्ट गृह विभाग को सौंप दी है, जिसमें घटना के दिन से लेकर विधि व्यवस्था संधारण तक की पूरी जानकारी दी गई है।
सरकार ने दिया है 10 लाख रुपये मुआवजा
रिपोर्ट में 22 अगस्त की रात की घटना का उल्लेख किया गया है। आरोपित मोहम्मद शाहरूख हुसैन ने मोबाइल पर किशोरी को धमकी दिया था कि जान से मार देंगे और उसी रात को खिड़की से पेट्रोल छिड़ककर किशोरी को जला दिया था। जख्मी हालत में पहले दुमका और उसके बाद रिम्स में इलाज हुआ था, जहां 28 अगस्त को किशोरी की मौत हो गई थी। डीआइजी ने आश्वस्त किया था कि क्रिमिनल के विरुद्ध स्पीडी ट्रायल कराकर कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जायेगी। मृतका के आश्रित को 10 लाख रुपये मुआवजा दिया जा चुका है।
मुहल्ले में बड़ी संख्या में पुलिस तैनात
महल्ले में लॉ एंड अर्डर के लिए डीआइजी ने रैप-5 व क्यूआरटी की प्रतिनियुक्ति दंगा निरोधक उपकरण के साथ तैनाती की गयी है। देवघर जिला से 200 बल, आइआरबी-8 गोड्डा से 150, जैप-9 साहिबगंज से 100 बल की प्रतिनियुक्ति एसडीपीओ जरमुंडी व डीएसपी हेडक्वार्टर दुमका की देखरेख में की गई है। टाउन पुलिस स्टेशन दुमका के बोडरिंग पुलिस स्टेशन के प्रभारी को भी लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी में लगाया गया है। डीआइजी स्वयं पूरी स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
नूर मुस्तफा को हटाए जाने का चौतरफा दबाव...
एक्स सीएम बाबूलाल मरांडी का कहना है कि रानीश्वर की किशोरी की हत्या में एससीएसटी की धारा लगी है। एससीएसटी केस की जांच डीएसपी स्तर के अधिकारी करते हैं। रानीश्वर क्षेत्र एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी के अधीन आता है। इसलिए वे ही इसकी जांच करेंगे। एसडीपीओ के बारे में दुमका ही नहीं देश के लोग जान चुके हैं कि पेट्रोल से जली किशोरी हत्याकांड के आरोपित को बचाने के लिए उन्होंने किशोरी को बालिग बना दिया, जबकि उसकी उम्र 15 साल आठ माह थी। जहां पर इस प्रकार के पुलिस अधिकारी संदेह के घेरे में हैं तो उनकी जांच से न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती है। वे अपराधियों को बचाने का प्रयास करते हैं। अभी तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने से शक की सूई गहरा जाती है।
एसपी के पत्र पर भी नहीं हुई कार्रवाई
बाबूलाल ने कहा कि नूर मुस्तफा हर तरह के अवैध खेल में शामिल हैं। वे शिकारीपाड़ा में एक कोयला ट्रक से महीने में 95 हजार रुपया लेते हैं। यह पैसा कहां जाता है, यह बताने की जरूरत नहीं है। कहा कि शिकारीपाड़ा के एक कोयला माफिया कलीमुददीन अंसारी की गिरफ्तारी की गई। उसे जिला बदर के लिए एसडीपीओ से प्रतिवेदन की मांग की गई, इसमें देरी करने पर एसपी ने मई माह में डीआइजी को कार्रवाई के लिए पत्र भी लिखा, पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई।
बेल के दो घंटे बाद दी चार्जशीट
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मुफस्सिल पुलिस स्टेशन एरिया के बेदिया गांव में जुल्फिकार अली नामक व्यक्ति ने एक तूरी जाति के युवक की पिटाई कर दी। मामला दर्ज कर आरोपित को जेल भी भेजा गया। एसडीपीओ ने 90 दिन के अंदर चार्जशीट नहीं दी तो उसे बेल मिल गई। बेल के दो घंटे बाद पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की।