बिहार: 20 साल की लड़कियों संग रंगरलियां मनाते थे कई पुलिस अफसर, मधेपुरा कॉलगर्ल प्रकरण से हुए एक्सपोज!
बिहार के मधेपुरा में डेॉक्वार्टर डीएसपी अमरकांत चौबे पर कालगर्ल सप्लाई गैंग चलाने वाली महिला के वायरल वीडियो लगाये गये आरोप से खाकी वर्दी में काला दाग लग गया है। इस मामले पर सहरसा डीआइजी ने सुपौल एसपी के नेतृत्व में चार सदस्यीय जांच टीम का गठन करते हुए 36 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी थी। टीम ने अपनी रिपोर्ट डीआइजी को सौंप दी है।
पटना। बिहार के मधेपुरा में डेॉक्वार्टर डीएसपी अमरकांत चौबे पर कॉलगर्ल सप्लाई गैंग चलाने वाली महिला के वायरल वीडियो लगाये गये आरोप से खाकी वर्दी में काला दाग लग गया है। इस मामले पर सहरसा डीआइजी ने सुपौल एसपी के नेतृत्व में चार सदस्यीय जांच टीम का गठन करते हुए 36 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी थी। टीम ने अपनी रिपोर्ट डीआइजी को सौंप दी है।
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रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि डिपार्टमेंटल अफसरों के बीच चल रही प्रतिद्वंदिता के चलते ही महिला का वीडियो लीक किया गया, जो बाद में वायरल हो गया। जांच टीम को कॉलगर्ल सप्लायर महिला के मोबाइल के सीडीआर में कई लोगों के नंबर मिले हैं। इनमें कुछ पुलिसकर्मी और अन्य पेशे से जुड़े लोग शामिल हैं। पुलिस अब ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई करने की तैयारी में है।
मोबाइल चोरी की घटना को सीनीयर अफसरों से छुपाया गया
उल्लेखनीय है कि कॉलगर्ल सप्लायर वायरल वीडियो में कह रही है कि डीएसपी के डेरा में वह 20 से 22 साल अविवाहित लड़की को लेकर गयी थी। रैकेट चलाने वाली यह महिला पूर्व में कई लोगों को लड़कियां सप्लाई करती थी। उसकी पूरी एक्टिविटी की जांच की गई है। डीआईजी ने जांच रिपोर्ट डीजीपी को भी सौंप दिया है। जांच रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि एसपी के मोबाइल चोरी की घटना को सीनीयर अफसरों से छुपाया गया जो घोर लापरवाही और अनुशासनहीनता है।
दो डीएसपी के बीच डिपार्टमेंटल प्रतिद्वंदिता
मधेपुरा के दो डीएसपी के बीच डिपार्टमेंटल प्रतिद्वंदिता के चलते, इस वीडियो को टेक्निकल सेल के पुलिसकर्मियों की मदद से तैयार किया गया। इसके बाद आम लोगों के बीच वायरल कर दिया गया। वायरल वीडियो का सोर्स पुलिस महकमे का टेक्निकल सेल ही रहा। ये स्टाफ पहले मधेपुरा में जिला में पोस्टेड था। कहा जा रहा है कि पुलिस वाले के साथ-साथ आरपीएफ के कर्मियों ने भी उस महिला से संपर्क किया था। महिला का नेटवर्क मूल रूप से मधेपुरा में ही था। वो सहरसा से भोली-भाली लड़कियों को अपने जाल में फंसाकर कस्टमर्स को पहुंचाती है। बदले में कमीशन लेती थी।
मधेपुरा के एसपी पहले रह चुके हैं डीएसपी
मधेपुरा के एसपी राजेश कुमार इस जिले में डीएसपी के रूप में पोस्टेड थे। उनका यहां लंबा कार्यकाल भी रहा है। डीएसपी अमरकांत चौबे भी मधेपुरा में थानेदार के रूप में सिंहेश्वर और आलमनगर में अपनी सेवा दे चुके हैं। एरिया के लोगों के बीच दोनों की अच्छी पकड़ भी है। यही कारण है कि हर छोटी-बड़ी घटनाओं की जानकारी दोनों अफसरों मिलती रही। हेडक्वार्टर डीएसपी होने के बावजूद अमरकांत चौबे की डिपार्टमेंट में ज्यादा पैठ थी। इस बात पर दूसरे डीएसपी खफा रहते थे। वायरल वीडियो में नाराज डीएसपी की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। टेक्निकल सेल के पुलिसकर्मियों का रिश्ता उक्त डीएसपी से बेहतर था, उन्हीं के कहने पर उन लोगों ने महिला का वीडियो तैयार किया था।
चौंकाने वाली है पीछे की कहानी
कॉलगर्ल द्वारा मधेपुरा के एसपी के मोबाइल चोरी की घटना और वायरल वीडियो को लेकर सीएम व डीजीपी काफी नाराज हैं। कोसी के डीआइजी शिवदीप लांडे को भी मामले का वीडियो वायरल होने के बाद मोबाइल चोरी की जानकारी मिली। इससे पहले उन्हें इसकी सूचना नहीं दी गई। इससे पता चलता है कि मधेपुरा पुलिस इस मामले को दबाना चाहती थी। लेकिन डिपार्टमेंटल प्रतिद्वंदिता के चलते ही वीडियो वायरल हो गया। घटना के बाद डीआइजी ने जो जांच कमेटी गठित की, उसमें मधेपुरा एसपी राजेश कुमार को भी रखा था। लेकिन पुलिस हेडक्ववार्टरकी आपत्ति के बाद उन्हें जांच टीम से अलग कर दिया गया। उनकी जगह सुपौल के एसपी डी. अमरकेश को जांच दल का अध्यक्ष बनाया गया था।
एक हजार में बिका था एसपी का मोबाइल
मधेपुरा के एसपी राजेश कुमार जिस दौरान छुट्टी पर थे, उन्होंने अपना सरकारी मोबाइल हेडक्वार्टर डीएसपी अमरकांत चौबे को सौंप दिया था। उसी रात मोबाइल चोरी हो गया। मोबाइल गायब होने का सनाह मधेपुरा सदर थाने में लिखा गया। आनन-फानन में पूरी प्रक्रिया का नया मोबाइल और सिम जारी करवाया गया। इस बीच चोरी किया हुआ मोबाइल सर्विलांस की सहायता से सहरसा स्थित पूरब टोला की एक महिला के पास से बरामद हुआ। महिला ने पूछताछ के दौरान बताया कि कॉल गर्ल से जुड़ी एक महिला ने उसे हजार रुपये में मोबाइल बेचा है।इसके बाद पुलिस उस महिला के पास पहुंची। कॉल गर्ल सप्लायर महिला जो बयान दिए, उससे पूरे पुलिस महकमा में हड़कंप मच गया। महिला ने आरोप लगाया कि वह हेडक्वार्टर डीएसपी अमरकांत चौबे को वो लड़कियां उपलब्ध कराती थी। डीएसपी ने तीन से चार बार की रातगुजारी का पैसा नहीं दिया, इसके चलते ही उसकी लड़की ने मोबाइल चोरी की। उसने ये भी बताया कि सदर अस्पताल स्थित डीएसपी के डेरे पर वो सहरसा से लड़की लेकर जाती थी। हालांकि, अमरकांत चौबे अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बता रहे हैं।
सीनीयर पुलिस अफसरों पर गिर सकती है गाज
मोबाइल चोरी का मामला संज्ञान में आने के बाद भी इसमें बड़ी कार्रवाई न किए जाने और सीनीयर अफसरों से छिपाने के मामले पर कई सीनीयर अफशरों पर गाज गिर सकती है। दो डीएसपी के बीच चल रहे विवाद का असर मधेपुरा की लॉ एंड ऑर्डर पर पड़ा है। इससे सीनीयर अफसर खासा नाराज हैं। टेक्निकल सेल के पुलिस कर्मियों द्वारा वीडियो लीक किया गया, उनपर भी विभागीय कार्रवाई संभव है।