Dhanbad Muthoot Finance Robbery: पुलिस एनकाउंटर में मारा गया शुभम सिंह उर्फ रॉबर्ट भूली का
कोयला राजधानी धनबाद के बैंकमोड़ में मुथूट फिनकॉर्प ऑफिस में मंगलवार की सुबह डकैती की कोशिश के दौरान पुलिस एनकाउंटर में मारा गया क्रिमिनल शुभम सिंह उर्फ रॉबर्ट उर्फ रैबिट (21) भूली ओपी एरिया बी ब्लॉक का रहने वाला था। वह एक रिटायर्ड बीसीसीएल स्टाफ का पोता था। पुलिस गिरफ्त में आये क्रिमिनल गुंजन सिंह उर्फ राघव बिहार के लखीसराय व निर्मल पवार उर्फ आसिफ के समस्तीपुर का रहने वाला है।
- पुलिस के पास बॉडी का दावा नहीं पहुंचे परिजन
धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद के बैंकमोड़ में मुथूट फिनकॉर्प ऑफिस में मंगलवार की सुबह डकैती की कोशिश के दौरान पुलिस एनकाउंटर में मारा गया क्रिमिनल शुभम सिंह उर्फ रॉबर्ट उर्फ रैबिट (21) भूली ओपी एरिया बी ब्लॉक का रहने वाला था। वह एक रिटायर्ड बीसीसीएल स्टाफ का पोता था। पुलिस गिरफ्त में आये क्रिमिनल गुंजन सिंह उर्फ राघव बिहार के लखीसराय व निर्मल पवार उर्फ आसिफ के समस्तीपुर का रहने वाला है। आसिफ के खिलाफ समस्तीपुर में कई क्रिमिनल केस दर्ज है।
यह भी पढ़ें:दुमका: पेट्रोल छिड़क छात्रा को जिंदा जलाने के मामले में सुपरविजन से हटाये गये SDPO नूर मुस्तफा
पुलिस ने क्रिमिनलों के पास से तीन पिस्टल, दो बाइक व लॉकरकर तोड़ने के औजार बरामद किये हैं। इन क्रिमिनलों के पास से कई आइडी कार्ड मिले हैं। सबमें पहचान अलग-अलग है। पुलिस गिरफ्त में आये निर्मल पवार उर्फ आसिफ के पास से जो आइडी मिली है, वह मध्य प्रदेश के इंदौर की है, जबकि वह रहनेवाला बिहार के समस्तीपुर का है। गुंजन सिंह की आइडी में भी गलत पता है। इन दोनों से पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि मुथूट फिनकॉर्प मामले में लोकल क्रिमिनलों के अलावा बिहार व मध्य प्रदेश के अपराधी इस वारदात में शामिल हैं। पुलिस ने एनकाउंटर में मारे गये क्रिमिनल शुभम के भूली आवास पर भी रेड की है। भूली को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
शुभम के परिजनों ने अबतक बॉडी पर नहीं जताया दावा
एनकाउंटर में शुभम की मौत के बावजूद उसके परिजनों ने शव पर अबतक दावा नहीं जताया है। परिजन पुलिस स्टेशन भी नहीं पहुंचे। पुलिस इंतजार कर रही है कि अगर परिजन दावा करते हैं तो अंतिम संस्कार के लिए बॉडी उन्हें सौंप दिया जायेगा।
घर वालों को बताया था कि कर रहा है ट्रेनिंग
पुलिस की टीम ने शुभम की फोटो लेकर भूली में उसके घरवालों से मुलाकात की। घरवालों ने उसकी फोटो देख कर पहचान लिया। शुभम की फैमिली मूल रूप से बिहार के आरा के कोइलवर का निवासी है। दादा यहां बीसीसीएल में कार्यरत थे। टिरायर करने के बाद भी परिवार यही भूली में ही रहता है। वह इंटर पास था। परिवार वालों को जानकारी थी कि वह एनडीए की पढ़ाई पूरी करके पुणे में कहीं ट्रेनिंग कर रहा है। लेकिन वह इधर रहकर क्राइम कर था। हाल के दिनों में उसकी संगत गलत लोगों के साथ हो गयी थी। हालांकि अभी तक उसका कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं रहा है। वह एक भाई और एक बहन हैं। बहन एवं भाइ ने फोटो देखकर पुलिस टीम को सत्यापित किया कि उसी का भाई है।
ज्वेलरी शॉप लूटपाट में हाथ नहीं, उसी से हुए थे प्रेरित...
पुलिस मुथूट फिनकॉर्प लूटपाट की कोशिश में पकड़े गये क्रिमिनलों की संलिप्तता तीन सितंबर को धनसार गुंजन ज्वेल्स में हुई डकैती में भी मान रही है। हालांकि पकड़े गये दोनों क्रिमिनलों ने इससे इन्कार किया। उनका कहना है कि उसी लूट कांड से प्रेरित होकर उन्होंने मुथूट फाइनांस के ऑफिस में लूट की योजना बनाई थी।दोनों ने पुलिस बताया कि अखबार में दो दिन पहले गुंजन ज्वेल्स में लूट की खबर पढ़ी थी। उसमें देखा था कि क्रिमिनल कितने आराम से आए और ढाई किलो गोल्ड लूट कर चलते बने। इसी वजह से धनबाद को सेफ टारगेट समझा था। सोचा था कि मुथूट फिनकॉर्प से एक करोड़ की संपत्ति मिल जाएगी, लेकिन यह नहीं सोचा था कि इतनी जल्दी पुलिस पहुंच जायेगी।
सुबह भी दो बार की रेकी
दोनों ने पुलिस को बताया कि वारदात को अंजाम देने से पहले उन्होंने इलाके की चार बार रेकी की। पहले सोमवार की शाम में एक बार यहां पहुंचे थे। इसके बाद मंगलवार की सुबह भी घटना को अंजाम देने से पहले दो बार रेकी कर पूरी तरह निश्चिंत हो गये। तय किया था कि सुबह-सुबह ही वारदात को अंजाम देना है, ताकि किसी के कुछ समझने से पहले आसानी से निकला जा सके।
फोर व्हीलर की खोज में जुटी पुलिस
पुलिस को जानकारी मिली है कि क्रिमिनलों के पास एक फोर व्हीलर गाड़ी थी, जिससे घटना को अंजाम देने के बाद भागने की योजना थी। पुलिस अब उस गाड़ी की खोजबीन पुलिस ने शुरू कर दी है। क्रिमिनलों के पास लोडेड आर्म्स था। पुलिस ने ने तीन पिस्टल और मैगजीन के साथ 24 गोलियां बरामद की है। एक रांची व एक जमशेदपुर नंबर की बाइक भी जब्त की गयी है।
9:30 बजे से लेकर 10:30 बजे तक स्टाफ से मारपीट करते रहे
मुथूट फिनकॉर्प के मैनेजर विक्रम राज का कहना है कि साढ़े नौ बजे खुलते ही पांच क्रिमिनल अंदर घुस गये। आर्म्स के बल पर स्टाफ को बंधक बनाने की कोशिश की। महिला स्टाफ को दुरेप की धमकी दी। मैनेजर विक्रम राज नेकहा लॉकर की चाबी नहीं देने पर उनके साथ मारपीट की गयी। 9:30 बजे से लेकर 10:30 बजे तक, एक घंटे वे लोग ब्रांच में मारपीट करते रहे। एक ने अपनी पिस्टल के बट से लगातार मेरे सिर पर प्रहार किया। मेरे तीन और साथी की पिटाई की। बार-बार तिजोरी की चाबी की मांग कर रहे थे।
मैनेजर ने कहा कि मैंने क्रिमिनल को बताया कि चाबी जिसके पास है, वह स्टाफ कुछ देर में आ रहा है। सभी ब्रांच की एक महिला स्टाफ को रेप की धमकी दे रहे थे। तब मैंने कहा कि गोली मारो या रेप करो, लेकिन हम लोगों के पास चाबी नहीं है। एक घंटे तक डकैत चाबी का इंतजार करते रहे। 10:30 बजे के बाद पुलिस पहुंच गई। मेरे ब्रांच के ऊपर मकान मालिक का काम चल रहा है। इसी में किसी ने पुलिस को फोन कर दिया। पुलिस के आने की सूचना के बाद डकैतों में हड़कंप मच गया। इसके बाद सब इधर-उधर भागने लगे। सभी स्टाफ किसी तरह से टेबल के नीचे छिपकर अपनी जान बचाने की कोशिश करते रहे। पुलिस सही समय पर आ गई, इस वजह से हम सबकी जान बची।मुथूट फिनकॉर्प कंपनी गोल्ड लेकर लोन में रुपये देती है। पुलिस इस घटना को तीन दिन पहले धनसार के गुंजन ज्वेलस में हुई डकैती मामले से भी जोड़कर देख रही है।