कोलकाता। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के बैठक शनिवार को कोलकाता में सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह की अध्यक्षता में हुई। बैठक में झारखंड के सीएम ने कहा आदिवासी एवं वनों में पीढ़ियों से निवास करने वाले लोगों के अधिकारों लिए वनाधिकार अधिनियम 2006 के अनुरूप संशोधित किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM केंद्रीय गृह मंत्री श्री @AmitShah की अध्यक्षता में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के बैठक में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा आदिवासी एवं वनों में पीढ़ियों से निवास करने वाले लोगों के अधिकारों लिए वनाधिकार अधिनियम 2006 के अनुरूप संशोधित किया जाए। pic.twitter.com/yIELaD8Rhq
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) December 17, 2022
हेमंत सोरेन ने कहा कि वन (सरंक्षण) नियम, 2022 में जिस प्रकार से वन भूमि अपयोजन में ग्राम सभा के अधिकार को समाप्त किया गया है, उससे पूरे देश के लगभग 20 करोड़ आदिवासी एवं वनों में पीढ़ियों से निवास करने वाले लोगों के अधिकारों का घोर अतिक्रमण हुआ है। उनके अधिकारों की रक्षा के लिए इसे वनाधिकार अधिनियम 2006 के अनुरूप संशोधित किया जाए। सीएम ने कहा पांच हेक्टेयर तक की वन भूमि के अपयोजन के लिए राज्य सरकार के द्वारा स्वीकृत किये जाने के पूर्व के प्रावधान को बहाल किया जाए।
सीएम ने कहा कि झारखंड स्टेट के विभिन्न कोयला कंपनियों जैसे CCL, BCCL, ECL पर कुल एक लाख छत्तीस हजार करोड़ बकाया राशि का शीघ्र भुगतान कराया जाए।-बंद खदानों का विधिवत् Mines क्लोजर कराया जाए ताकि पर्यावरण की सुरक्षा हो सके एवं अवैध खनन पर भी रोक लग सके। उन्होंने कहा कि साहेबगंज को मल्टी मॉडल टर्मीनल के रूप में विकसित किया जा रहा है एवं भविष्य में यह पूर्वोत्तर राज्यों के लिए गेटवे बनेगा। अतः यहां पर Airport का निर्माण कराया जाए।
हेमंत ने कहा कि रेलवे को सर्वाधिक आय झारखं राज्य से प्राप्त होता है परंतु, झारखं में रेलवे का एक भी जोनल मुख्यालय नहीं है। झारखण्ड में रेलवे का जोनल मुख्यालय स्थापित करने का निर्देश दिया जाए। केन्द्र प्रायोजित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में विगत 10 वर्षों से भारत सरकार द्वारा कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। महंगाई को देखते हुए इस राशि में पर्याप्त बढ़ोत्तरी की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में झारखण्ड के लगभग आठ लाख पैंतीस हजार परिवार इसके लाभ से अभी भी वंचित हैं। इन सभी को आवास स्वीकृत करने का निर्देश ग्रामीण विकास मंत्रालय को दिया जाए।
उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे उग्रवाद प्रभावित एवं गरीब राज्य में CAPF(Central Armed Police Force) की प्रतिनियुक्ति के लिए केन्द्र सरकार के द्वारा राज्य सरकार से राशि के भुगतान की मांग नहीं की जानी चाहिए।GST कंपनसेशन की अवधि को अगले 05 वर्षों तक विस्तारित किया जाए अन्यथा झारखंड को प्रत्येक वर्ष लगभग पाँच हजार करोड़ रूपये का नुकसान होने के संभावना है।
आदिवासी रेजिमेंट के गठन की मांग
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि भारत का इतिहास आदिवासियों के बलिदान से भरा पड़ा है परंतु इनकी वीरता को वह पहचान नहीं मिल पाई जिसके वह हकदार हैं। इसलिए सेना में आदिवासी रेजिमेंट के गठन का निर्देश रक्षा मंत्रालय को दिया जाए।उन्होंने कहा कि पांच हेक्टेयर तक कि वन भूमि के अपयोजन के लिए राज्य सरकार के द्वारा स्वीकृत किये जाने के पूर्व के प्रावधान को बहाल किया जाए।