गुजरात : गोधरा कांड के दौरान ट्रेन में आग लगाने वाले रफीक भटुक को उम्रकैद
गुजरात के चर्चित गोधरा कांड के एक दोषी रफीक भटुक को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। गोधरा में 2002 में ट्रेन पर किए गए इस हमले और आगजनी में 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी।
गांधीनगर। गुजरात के चर्चित गोधरा कांड के एक दोषी रफीक भटुक को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। गोधरा में 2002 में ट्रेन पर किए गए इस हमले और आगजनी में 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी।
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अयोध्या से 27 फरवरी 2002 को कारसेवकों को लेकर लौट रही एक ट्रेन को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया था। इस हमले में ट्रेन के कोच में सवार सभी कारसेवकों की दर्दनाक मौत हो गई थी। आगजनी की इस घटना के बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे हुए थे, जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गये थे, जिनमें ज्यादातर अल्पसंख्यक समुदाय के थे। ट्रेन में आगजनी करने का आरोपी रफीक भटुक घटना के बाद से फरार चल रहा था। इस मामले में अब तक 35वां आरोपी है, जिसे कोर्ट ने दोषी ठहराया है।
पेट्रोल छिड़कर कोच में लगाई थी आग
गोधरा में 27 फरवरी 2002 को हुए नरसंहार मामले में मुख्य आरोपियों में से भटुक ने घटना के दिन साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एस -6 कोच में पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने में अहम भूमिका निभाई थी। इस कोच में 59 कारसेवक सवार थे जो अयोध्या से लौट रहे थे। इस हृदय विदारक घटना में सभी कारसेवकों की दर्दनाक मौत हो गई थी। घटना के बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क गये थे।
19 साल से फरार चल रहा था फरार भटुक
गोधरा कांड का मुख्य आरोपी रफीक भटुक इस मामले में अपना नाम आने के बाद से ही फरार चल रहा था। 19 साल से गुजरात पुलिस उसकी तलाश में थी। गोधरा पुलिस ने पिछली साल ही उसे अरेस्ट किया था। पुलिस ने बताया था कि ट्रेन के कंपार्टमेंट को जलाने के लिए पेट्रोल का बंदोबस्त करना, भीड़ को उकसाना और पूरी साजिश रचने में रफीक का बड़ा हाथ था। हिंसा के दौरान रफीक उस वक्त एक मजदूर के तौर पर स्टेशन पर काम करता था। भटुक को फरवरी 2021 में पंचमहल पुलिस और गुजरात एसओजी की टीम ने गोधरा शहर के एक इलाके से दबोचा था। मामले का आरोपी बनाये जाने के बाद से ही भटुक फरार चल रहा था। फरार होने के बाद वो देश के कई शहरों में रुका था। उसने कुछ समय दिल्ली में भी बिताया था। बाद में वह गोधरा में आकर अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था। भटुक की तलाश में लगी एसओजी ने उसे अरेस्ट कर लिया।
गोधरा कांड में 35 लोगों को हो चुकी है सजा
गोधरा में ट्रेन को आग लगाने के मामले में विशेष एसआईटी कोर्ट पहले ही इस मामले में 31 लोगों को सजा सुना चुकी है। 2011 में इन्हें सजा सुनाई गई थी। इनमें 11 को मृत्युदंड और 20 का उम्रकैद की सजा दी गई थी। एसआईटी कोर्ट के इस फैसले को गुजरात हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। 2017 में गुजरात हाईकोर्ट ने भी एसआईटी अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। हाई कोर्ट ने 11 दोषियों की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। बाद में, इस मामले में तीन और लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अब तक इस मामले में 35 लोगों को सजा हो चुकी है