Jharkhand: राजगंज थाना प्रभारी SI अलीशा कुमारी का जाति प्रमाण पत्र रद्द, सस्पेंशन की तैयारी, नौकरी भी जायेगी
कोयला राजधानी धनबाद में राजगंज थाना की प्रभारी और 2018 बैच की पुलिस सब-इंस्पेक्टर अलीशा कुमारी का पिछड़ा वर्ग (OBC) जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया गया है। यह कार्रवाई अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव कृपा नंद झा के आदेश पर की गयी है। आदेश की कॉपी धनबाद के जिला कल्याण पदाधिकारी को भी भेजी दी गयी है।

- बिहार की जाति प्रमाण पत्र पर सब इंस्पेक्टर बन गयी
धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद में राजगंज थाना की प्रभारी और 2018 बैच की पुलिस सब-इंस्पेक्टर अलीशा कुमारी का पिछड़ा वर्ग (OBC) जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया गया है। यह कार्रवाई अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव कृपा नंद झा के आदेश पर की गयी है। आदेश की कॉपी धनबाद के जिला कल्याण पदाधिकारी को भी भेजी दी गयी है।
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बोकारो निवासी प्रदीप कुमार रे की कंपलेन पर जाति छानबीन समिति ने अलीशा अग्रवाल उर्फ अलीशा कुमारी का जाति प्रमाण पत्र को अवैध करार देते हुए उसे रद्द किया गया है। प्रदीप कुमार रे पिता मकई चन्द्र रे ने दो फरवरी 2023 को जाति छानबीन समिति के समक्ष आरोप लगाते हुए कंपलेन दर्ज किया था। आरोप था कि अलीशा कुमारी मूलतः नवादा (बिहार) की निवासी हैं। उक्त अवैध जाति प्रमाण पत्र के आधार पर झारखंड में पुलिस सब इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्ति पायी है। मामले को जाति छानबीन समिति ने गंभीरता से लिया तथा जांच शुरु कर दिया।
अलीशा के पिता रोजगार के लिए आये थे डुमरी, घर बनाकर किराये पर दिया
जाति छानबीन समिति ने जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए अलीशा कुमारी के दिए हुए पते गिरिडीह जिला के डुमरी पुलिस स्टेशनअंतर्गत जामताड़ा ग्राम स्थित अलीशा कुमारी के आवास पहुंचे तो देखा कि आवास में ताला लगा हुआ है। आसपास पूछने पर पड़ोसी उमाशंकर राय, मनोज प्रसाद अग्रवाल, बिनोद कांत आदि ने बताया कि अलीशा कुमारी के पिता का नाम भुवनेश्वर प्रसाद अग्रवाल है। 10 वर्ष पहले एक मकान बनाकर किराए पर लगा दिया है। वह स्वयं यहां नही रहते हैं बल्कि अपने गांव नवादा (बिहार) में रहते हैं। किराया आदि लेने के लिए कभी कभार यहां आते हैं। कुछ अन्य पड़ोसी खेमलाल महतो, रेखा कुमारी वार्ड सदस्य आदि ने बताया कि लगभग 30 वर्ष पहले भुवनेश्वर प्रसाद अग्रवाल रोजगार के उद्देश्य से यहां आये थे तथा कोल बिजनस किया करते थे।
जिस आधार पर बना अलीशा कुमारी का जाति प्रमाणपत्र
जारी पत्र में यह भी बतलाया गया कि अलीशा कुमारी के द्वारा झारसेवा पोर्टल पर रजिस्ट्री केवाला संख्या-11932 दिनांक 22-10-1986, लगान रसीद 2015-16 एवं स्व घोषित शपथ पत्र अपलोड कर जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने हेतु अनुरोध किया गया। ग्राम पंचायत जामताड़ा प्रखंड डुमरी के मुखिया, वार्ड सदस्य एवं अन्य ग्रामीणों की उपस्थिति में आमसभा कर स्वयं को 1976 से झारखंड का स्थानीय निवासी बताया। उक्त के आधार पर सीओ ऑफिस डुमरी के प्रतिवेदन पर तत्कालीन एसडीएम डुमरी के लॉगिन आईडी से अलीशा कुमारी का जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया गया।
दो वर्षों तक जांच रद्द हो गया अलीशा कुमारी का जाति प्रमाण पत्र
जारी पत्र में यह भी बताया गया कि 23 में 2025 एवं 2 जुलाई 2025 को अलीशा कुमारी तथा प्रदीप कुमार रे अपने-अपने विद्वान अधिवक्ता के साथ समिति के समक्ष बैठक में शामिल हुए। जिसमें अलीशा कुमारी झारखंड राज्य के पिछड़ा वर्ग संघ के सदस्य हैं इसे प्रमाणित करने में असफल रही। उपलब्ध साक्ष्यों के अवलोकन एवं सुनवाई के बाद सरकार के सचिव एवं जाति छानबीन समिति के अध्यक्ष ने अलीशा कुमारी का झारखंड राज्य का पिछड़ी जाति का निर्गत जाति प्रमाण पत्र संख्या- जेएचसीसी/ 2017/229784 दिनांक- 16-03-2017 को रद्द कर दिया।
प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए दी गयी थी कोर्ट में चुनौती
अलीशा के जाति प्रमाण पत्र को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गयी थी। याचिकाकर्ता प्रदीप कुमार रे ने इस प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए इसे चुनौती दी थी। कोर्ट के निर्देश पर मामले की जांच करायी गयी। जांच में पाया गया कि अलीशा ने जो दस्तावेज जमा किये थे, उनमें कई गड़बड़ियां थीं।
रजिस्ट्री-लगान रशीद और वंशावली में विरोधाभाष
विजलेंस सेल की रिपोर्ट के अनुसार, अलीशा के पिता भुवनेश्वर प्रसाद अग्रवाल बिजनसमैन हैं। उन्होंने झारखंड के जामताड़ा जिले के डुमरी में एक जमीन खरीदी थी। वहां लगभग 10 वर्ष पहले एक घर भी बनाया था। हालांकि, मूल रूप से वह बिहार के नवादा जिले के रहने वाले हैं। जांच में पता चला कि अलीशा ने जाति प्रमाण पत्र के लिए जो जमीन की रजिस्ट्री और लगान रशीद जमा की थी, उसमें उन्होंने अपने पिता भुवनेश्वर प्रसाद अग्रवाल के पिता का नाम स्व रघुवीर प्रसाद अग्रवाल बताया था। जबकि वंशावली में नंदकिशोर भगत और भुवनेश्वर प्रसाद अग्रवाल को पिता-पुत्र बताया गया है। दोनों में दी गयीजानकारियां आपस में मेल नहीं खा रही थी। इन गड़बड़ियों के आधार पर अलीशा कुमारी का पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र अमान्य घोषित कर दिया गया।
फर्जी प्रमाण पत्र से ली गयी नौकरी, पड़ेगा असर
अलीशा कुमारी धनबाद से पहले गढ़वा और हजारीबाग में भी पोस्टेड रह चुकी हैं। अब प्रमाण पत्र रद्द होने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। अगर फर्जी प्रमाण पत्र के जरिये नौकरी ली गई होगी, तो उनकी सेवा पर भी असर पड़ सकता है।