झामुमो स्थापना दिवस 2022: नये सिरे से झारखंड को संवारना है: सीएम हेमंत सोरेन

झारखंड के सीएम व झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा है कि रघुवर दास के नेतृत्व में झारखंड की बीजेपी गवर्नमेंट ने स्टट को पीछे धकेलने का काम किया है। हम झारखंड का संवार रहे हैं। नये सिरे से झारखंड का संवारना है। सीएम हेमंत सोरेन बुधवार को दुमका के गांधी मैदान में झामुमो के 43वें स्थापना दिवस समारोह का संबोधित कर रहे थे।

झामुमो स्थापना दिवस 2022: नये सिरे से झारखंड को संवारना है: सीएम हेमंत सोरेन

दुमका। झारखंड के सीएम व झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा है कि रघुवर दास के नेतृत्व में झारखंड की बीजेपी गवर्नमेंट ने स्टट को पीछे धकेलने का काम किया है। हम झारखंड का संवार रहे हैं। नये सिरे से झारखंड का संवारना है। सीएम हेमंत सोरेन बुधवार को दुमका के गांधी मैदान में झामुमो के 43वें स्थापना दिवस समारोह का संबोधित कर रहे थे।

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पेट पर गमछा बांध कर जीने वालों को हक-अधिकार मिलेगा

सीएम ने कहा कि नये झारखंड में पेट पर गमछा बांध कर जीने वालों को हक-अधिकार मिलेगा। इस दिशा में उनकी सरकार काम कर रही है। ग्रीन राशनकार्ड, धोती-साड़ी योजना और पेट्रोल पर सब्सिडी योजना शुरू की गई है। एक लाख से अधिक दोपहिया वाहन मालिकों को इसका लाभ मिल चुका है। उन्होंने कहा कि दो दशक से पारा शिक्षकों की समस्याएं बरकरार थी, सरकार बनते ही समाधान किया गया। लगभग 70 हजार पारा शिक्षक लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा कि अलग पहचान रखने वाला दिन है। दुनिया में महामारी का प्रकोप है। 40 वर्ष की परंपरा पर अल्प विराम लगा है। देर रात तक स्थापना दिवस मनाते थे। अभी गाइडलाइन के दायरे में मना रहे हैं। महामारी खतरनाक है इसलिए संताल परगना के सभी जिलों में स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। राज्य में झामुमो- कांग्रेस-आरजेडी की सरकार आपकी है। दो साल पूर्व की सरकार महामारी से कमतर नहीं थी। चारों ओर भय का माहौल था, आज अमन-शांति है।

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हमारी सरकार को खाली खजाना के साथ मिली कोरोना महामारी

हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार को कोविड महामारी के संग खाली खजाना मिला। अभी भी पाबंदियां जारी है। ऐसे में सामूहिक सहयोग से जीवन और जीविका को धीरे-धीरे पटरी पर लाने की कोशिश कर ही रहे थे कि तीसरी लहर आ गई। दो साल से संक्रमण की चपेट में हैं। गरीबों मनरेगा से जोड़ा गया। बिरसा हरित ग्राम योजना से रोजगार देने की पहल हुई। अभी भी खतरा टला नहीं। भीड़भाड़ से दूर रहना है। हेमंत सोरेन ने कहा कि सामान्य स्थिति रहती तो दुमका में खचाखच भीड़ रहती। किसान, गरीब विरोधी सरकार थी, बाबूओं का राज था लेकिन अब सरकार और अफसर पंचायतों में पहुंच रहे हैं। राज्य में यूनिवर्सल पेंशन गरीबों के हक-सम्मान की रक्षा कर रही है। राज्य सरकार अब अंग्रेजी मीडियम का स्कूल खोला जाएगा। सरकार जनहित में कानून बना रही है। जागरूक होकर जनता लाभ ले। हजारों महिलाओं को फूलोझानो स्वावलंबन योजना से जोड़ा गया है।

बीजेपी से सावधान रहने की जरुरत

उन्होंने  कहा राज्य सरकार केंद्र से हक अधिकार की मांग कर रही है। केंद्र के की उपक्रम झारखंड में संचालित है। कोयला खनन कर रहे हैं।विस्थापितों को को अब एक करोड़ का टेंडर विस्थापितों को देने की मांग को केंद्र ने मान लिया है। उन्होंने कहा कि सेंट्रल गवर्नमेंट का एकतरफा बजट है। इसेस अमीरों को लाभ मिलेगा। बजट से किसान हित बाहर कर दिया गया है। रेल, हवाई अड्डा, बस स्टैंड बेचा जा रहा है। हेमंत ने कहा कि बीजेपी से सावधान रहना होगा। महामारी का पुख्ता समाधान हो ऐसी उम्मीद करनी चाहिए। सरकार तीन करोड़ जनता के प्रति समर्पित है। मसानज डैम खैरात में मिला था। पहली बार सरकार बनी तो लाइनिंग का पक्कीकरण कराया और अब नई सिंचाई परियोजना से मसलिया, फतेहपुर और नाला को सिंचाई सुविधा मिल सकेगा। काम करने पर भरोसा करते हैं। यूपी में भाजपा की लुटिया डूबने वाली है। प्रपंच ज्यादा दिन टिकने वाली नहीं है।
दुमका के गांधी मैदान में समारोह में जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन, झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एमएलए बसंत सोरेन, सीता सोरेन समेत कई एमएलएले रहे हैं। कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले सीएम ने शहर में स्थित विभिन्न महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। सीएम ने डीसी आवास के समीप स्थित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा, डीसी चौक स्थित बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा, स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा, पोखरा चौक स्थित अमर शहीद वीर सिदो कान्हू की प्रतिमा, वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा तथा तिलका मांझी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

गुरुजी के सपनों को साकार कर रही हेमंत सरकार: नलिन
शिकारीपाड़ा एमएलए नलीन सोरेन ने कहा कि गुरु जी के सपनों को साकार किया जा रहा है। हेमंत सरकार बुनियादी समस्याओं का निदान कर रही है। सिंचाई योजनाओं को धरातल पर उतारने की पहल हो रही है। गुरुजी की सोच को धरातल पर उतारा जा रहा है। सरकार बिचौलिया राज को खत्म कर रही है। हाईकोर्ट बेंच की स्थापना शीघ्र हो। इस मामले में भाजपा ने महज कोरा आश्वासन दिया है।
शिबू सोरेन के संघर्ष का नतीजा झारखंड: सीता
जामा एमएलए व सीएम की भाभी सीता सोरेन ने कहा कि कोविड काल में भी हम सीमित दायरे में स्थापना दिवस मना रहे हैं। क्योंकि यह हमारी परंपरा में शामिल है। इसीके दम पर अलग झारखंड राज्य हासिल किए हैं। शिबू सोरेन के संघर्ष का नतीजा है। पिछली सरकारों ने शोषण किया है। नीतियां बनाकर आदिवासी-मू्लवासियों को दबाया गया। वर्तमान सरकार के नेतृत्व में विकास की गति तेज हुई है। दुमका-रामगढ़ रोड का निर्माण शुरू हो चुका है। रघुवर सरकार ने ठगने का काम किया। धोती-साड़ी योजना फिर से चालू किया। हड़िया-दारु बेचने वाली महिलाओं को नौकरी दी जा रही है। खिलाड़ियों को सीधी नौकरी दी जा रही है। निजी कंपनियों में 75 फीसद नौकरी मिलेगा। आउटसोर्सिंग कंपनियों को गतिविधियों पर भी नजर रखी जाए। पंचायत सचिव, सहायक पुलिस के मामलों को गंभीरता से ले।

दुमका सिर्फ नाम की उपराजधानी, हाई कोर्ट की बेंच की हो स्थापना: बसंत

दुमका से जेएमएम एमएलए व सीएम के भाई बसंत सोरेन ने स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड गाइडलाइन को ध्यान में रखकर स्थापना दिवस समारोह मनाया जा रहा है। आपकी सरकार आपके अधिकार आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से सरकार पंचायत स्तर तक पहुंची है। सरकार ने मसलिया में 12 सौ करोड़ रुपये की सिंचाई योजना सरकार ने स्वीकृत है। शिकारीपाड़ा में सात सौ करोड़ की सिंचाई योजना स्वीकृत हुई है। उन्होंने कहा कि दुमका अभी सिर्फ नाम की उपराजधानी है। दुमका पूरी तरह से उपराजधानी बने। यहां मिनी सचिवालय की स्थापना हो। फूलोझानो मेडिकल कालेज और अस्पताल को तमाम व्यवस्थाओं को लैस किया जाए। हाईकोर्ट बेंच की स्थापना हो।

धनबाद में चार फरवरी, 1973 को झामुमो का हुआ था गठन

झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना धनबाद में चार फरवरी, 1973 को हुई थी। शिबू सोरेन, एके राय और विनोद बिहारी महतो-इन तीन लोगों ने मिलकर झामुमो की स्थापना की। शिबू सोरेन झामुमो अध्यक्ष हैं। धनबाद में झामुमो की स्थापना के बाद झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन ने 2 फरवरी, 1977 को दुमका में दुमका जिला कमेटी गठित की थी। उसी दिन से दुमका में स्थापना दिवस मनाया जाता है।
खजूर की लकड़ी की कूची से दीवारों पर लिखा जाता था संदेश
शिकारीपाड़ा से लगातार छह बार एमएलए व झारखंड में कृषि मंत्री रहे नलिन सोरेन का कहना है कि वह महज एक कार्यकर्ता थे। पहली बार वर्ष 1977 में दुमका के एसपी कालेज में दो फरवरी को स्थापना दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। उस वक्त संसाधनों की घोर कमी थी। पूरे संताल परगना में आवागमन की सुविधा भी नहीं थी। तब संचार तंत्र का भी कोई अता-पता नहीं होता था। ऐसे में ग्रामीणों को सूचना व न्यौता भेजने के लिए संताली परंपरा के तहत ढरुअ घुमाया जाता था। ग्रामीण हाटों में एक लंबा डंडा में हरे पत्तों को बांधकर संताल समुदाय के संदेश या निमंत्रण देने की परंपरा को ढरुअ के नाम से पुकारा जाता है। नलिन कहते हैं कि जब ढरुअ घुमाया जाता है तब ग्रामीण पूछते हैं कि कौन-सा संदेशा है। तब उन्हें संदेश के बारे में जानकारी दी जाती है।  उस समय पार्टी सुप्रीमो इसी के जरिए ग्रामीणों के बीच संदेश भेजवाने की शुरुआत किए थे। पहले स्थापना दिवस में गुरुजी का संदेश मिलने पर संताल परगना के कोने-कोने से बड़ी संख्या में लोग एसपी कालेज मैदान में जुटते थे। परंपरागत वेशभूषा, ढोल-ढमाक व तीर-धनुष के साथ ग्रामीणों की भीड़ जुटती थी।