धनबाद: सिजुआ तेतुलमुड़ी बस्ती में जामा मस्जिद जमींदोज, मची अफरातफरी, दहशत में आसपास के लोग

बीसीसीएल के सिजुआ एरिया की मोदीडीह कोलियरी के अग्नि व भूधंसान प्रभावित तेतुलमुड़ी 22-12 बस्ती स्थित जामा मस्जिद का बड़ा हिस्सा बुधवार की शाम तेज आवाज के साथ जमींदोज हो गया। इससे बस्ती में हड़कंप मच गया। गनीमत रही कि उस समय मस्जिद में कोई नहीं था। 

धनबाद: सिजुआ तेतुलमुड़ी बस्ती में जामा मस्जिद जमींदोज, मची अफरातफरी, दहशत में आसपास के लोग

धनबाद। बीसीसीएल के सिजुआ एरिया की मोदीडीह कोलियरी के अग्नि व भूधंसान प्रभावित तेतुलमुड़ी 22-12 बस्ती स्थित जामा मस्जिद का बड़ा हिस्सा बुधवार की शाम तेज आवाज के साथ जमींदोज हो गया। इससे बस्ती में हड़कंप मच गया। गनीमत रही कि उस समय मस्जिद में कोई नहीं था। 

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लोगों के बीच दहशत

उक्त मस्जिद में सौ से अधिक नमाजी पांचों वक्त की नमाज अदा करते हैं। घटना से कुछ देर पहले ही मगरिब की नमाज अदा कर मस्जिद से लोग बाहर निकले थे। हालांकि लोग इस घटना से बहुत आश्चर्यचकित नहीं हैं। क्योंकि इस तरह की घटनाएं झरिया फायर एरिया में होती रहती हैं।मस्जिद की माइक सहित लगभग एक लाख के सामान भी जमीन में समा गये। कोई हताहत नहीं हुआ, मगर लोगों के बीच दहशत फैली हुई है। कुछ देर के लिए इलाके में भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई।

आउटसोर्सिंग कंपनी की लापरवाही और बीसीसीएल की अनदेखी

आसपास के ग्रामीण भी मस्जिद के पास इकट्ठा होकर आउटसोर्सिंग कम्पनी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कंपनी का काम बंद कराने की कोशिश की। लओगों का कहना था कि आउटसोर्सिंग कंपनी की लापरवाही और बीसीसीएल की अनदेखी की कारण ऐसी घटना हुई है। भविष्य में इससे भी बड़ी दुर्घटना न हो जाए। इसके लिए आउटसोर्सिंग का काम बंद कराना जरूरी है। ग्रामीणों का नेतृत्व कांग्रेस नेता अशोक लाल कर रहे थे। जोगता थाना प्रभारी ने ग्रामीणों को समझाया-बुझाया और आउटसोर्सिंग बंद नहीं कराने की अपील की। मस्जिद जमींदोज होने के बाद ग्रामीणों में काफी रोष देखा जा रहा है। लोगो का कहना है कि प्रबंधन और प्रशासन की लापरवाही के कारण जमीन धंसने की घटना हो रही है। संयोग है कि घटना से समय मस्जिद में कोई नहीं था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।

मस्जिद के आसपास 1500 की आबादी

तेतुलमुड़ी 22-12 बस्ती की पथ एक ओर मस्जिद तो दूसरी ओर करीब पंद्रह सौ की आबादी है। जिसमें लगभग 45 घर रैयतों के तथा शेष गैर रैयतों के हैं। 1975-1980 के दशक में बीसीसीएल के द्वारा लगभग दो सौ लोगों को यहां आवास आवंटित कर बसाया गया था। तभी से गैर रैयत यहीं पर रह रहे हैं। मोदीडीह कोलियरी में कोल माइनिंग के दौरान इनक्लाइन चलने के बाद जमीन के अंदर आग धधकी थी। धीरे धीरे आग बढ़ती चली गई।तेतुलमुड़ी बस्ती, तेतुलमुड़ी 22-12 बस्ती, मोदीडीह 6-10, जोगता इलाके में फैल गया। जमीनी आग का ही नतीजा है कि मोदीडीह 6-10 काली मंदिर जमींदोज हो गई थी। 22-12 बस्ती में जमीनी सतह से कई जगह गैस का रिसाव होते रहता है।

वर्ष 2018 में जामा मस्जिद कैंपस की जमीन में हुआ था विस्फोट

तेतुलमुड़ी 22- 12 बस्ती में भू-धसान व घर की दीवारों में दरार पडऩे की घटना नïई नहीं है। इसके पूर्व आधे दर्जन से अधिक घर धराशायी हो चुके हैं। छोटी मस्जिद का अस्तित्व तो पहले ही खत्म हो चुका था, लेकिन पूर्व की घटनाओं पर ना प्रशासन और ना ही मैनेजमेंट कभी गंभीरता से लिया। आज धराशायी हुए जामा मस्जिद की दीवारों में भी पहले ही दरार पड़ चुकी थी। वर्ष 2018 में जामा मस्जिद के परिसर की जमीन में विस्फोट हुआ था।

ॉपिछले 31 जुलाई की रात मो. अनसारुल हक का दो मंजिला मकान ढह गया था। उस समय लगातार बारिश हो रही थी। अनसारुल के घर के पास ही करीब 15 फीट चौड़ाई व 20 फीट गहराई का गोफ बन गया था। अनसारुल मकान ढहने से काफी पहले ही वे लोग दूसरे मकान में शिफ्ट हो गये थे।

कई टीम आई-गई, रिजल्ट जीरो

कोल मिनिस्टरी की टेक्नीकल टीम 11 सितंबर को तेतुलमुड़ी 22- 12 बस्ती का दौरा किया था। पीएमओ के निर्देश पर भू-धसान क्षेत्र में रहनेवाले रैयत व गैर रैयतों को सुरक्षित जगह पर बसाने व इसमें आ रही अड़चनों के बाबत जानकारी हासिल करने टीम आई थी। टीम ने धराशायी हुए मकानों, छोटी मस्जिद, क्षतिग्रस्त घरों, गांव के मौजूदा स्थिति को अपने मोबाइल में कैद किया था। गांव में रहने वाले कोल कर्मी गैर कोल कर्मी तथा रैयतों के बारे में भी जानकारी हासिल की थी। तत्कालीन सिजुआ एरिया ऑफिस के समक्ष एक्स मिनिस्टरस्व. ओपी लाल की अगुवाई में चले ग्रामीणों के आंदोलन के बाद इसरो की टीम गांव आई थी। टीम ने जमीन के अंदर धधक रही आग का टेंपरचेर मापा था।