झारखंड: 10 लाख के इनामी नक्सली जोनल कमांडर जीवन कंडुलनाल ने किया सरेंडर, 77 मामलों में था वांटेंड
प्रतिबंधित भाकपा माओवादी नक्सली जीवन कंडुलना ने रविवार को सरेंडर कर दिया है। जीवन कंडुलना 10 लाख का इनामी माओवादी है। वह चक्रधरपुर से खूंटी तक एक्टिव था। वह 77 मामलों में वांटेंड था।
- पुलिस 10 वर्षों से पुलिस कर रही थी तलाश
- जीवन के सरेंडर के बाद भाकपा माओवादियों को लगा बड़ा झटका
रांची। झारखंड गवर्नमेंट के सरेंडर पॉलिसी एवं पुर्नवास नीति के तहत पुलिस की नई दिशा नई पहल पर प्रतिबंधित भाकपा माओवादी नक्सली जीवन कंडुलना ने रविवार को सरेंडर कर दिया है। जीवन कंडुलना 10 लाख का इनामी माओवादी है। वह चक्रधरपुर से खूंटी तक एक्टिव था। वह 77 मामलों में वांटेंड था।
रांची पुलिस ने जीवन को मीडिया के सामने पेश किया। मौके पर रांची डीसी छवि रंजन, एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा, रूरल एसपी नौशाद आलम सहित समेत अन्य अफसर उपस्थित थे। माओवादी जीवन खूंटी जिले के रनिया पुलिस स्टेशन एरिया जापुद गाव का रहने वाला है। पुलिस पिछले 10 वर्षों से उसकी तलाश कर रही थी।
माओवादियों को बड़ा झटका
जीवन के सरेंडर से भाकपा माओवादियों को बड़ा झटका लगा है। पुलिस को स्टेट में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन में बड़ी सफलता मिली है। जीवन कंडुलना भाकपा माओवादी संगठन में जोनल कमांडर पद पर था। वह सारंडा के जंगली इलाके में लगातार एक्टि था। सारंडा इलाके में ही उसने रेड कॉरिडोर बना रखा था। जीवन कंडुलना को झारखंड पुलिस के अलावा ओड़िशा पुलिस भी तलाश कर रही है। कुछ दिन पहले झारखंड और ओड़िशा पुलिस ज्वाइंट ऑपरेशन भी चला रही थी।
सर्च ऑपरेशन में भाग निकला था जीवन
पुलिस 10 लाख रुपये के इनामी माओवादी जीवन कंडुलना की खोज के लिए हाल के दिनों में जुटी हुई थी। लगभग एक महीने पहले जीवन कंडुलना के होने की सूचना पर पोड़ाहाट जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। उस समय वह फरार हो गया था। पुलिस को भाकपा माओवादी जोनल कमांडर जीवन कंडुलना के दस्ते के केड़ाबीर व स्वयंबारी की पहाड़ी में एक्टिव होने की खबर लगातार मिल रही थी।
माओवादी संगठन में कलह
बताया जाता है कि जीवन का सरेंडर के पीछे माओवादी संगठन में आंतरिक कलह है। भाकपा माओवादी संगठन में वर्ष 2018 की फरवरी के बाद भाकपा माओवादी संगठन में कई फेरबदल हुए थे। इस दौरान गिरिडीह के पतिराम मांझी उर्फ अनल दा को कोल्हान के इलाके में भेजा गया था। पतिराम के कोल्हान आने के बाद उत्तरी छोटानागपुर जोन में एक्टिव कई उग्रवादियों को कोल्हान इलाके में भेजा गया था। संगठन में बाहर के उग्रवादियों के आने से स्थानीय कैडरों खासकर माओवादियों के आदिवासी कैडर में नाराजगी हो गई थी। संगठन के भीतर नाराजगी के कारण ही आदिवासी कमांडर रहे बोयदा पाहन, जीवन कंडुलना, जीतराय मुंडा जैसे माओवादी संगठन छोड़कर सरेंडर कर रहे हैं। संगठन में बाहर के उग्रवादियों के प्रभाव की वजह से आंतरिक कलह बढ़ रही है।
नाबालिग लड़की के यौन शोषण का आरोप
पुलिस की नक्सलियों के साथ वर्ष 2018 की 26 हुई एनकाउंटर सर्च ऑपरेशन में सिक्युरिटी फोर्सेस के जवानों ने एक नाबालिग लड़की को भी बरामद किया था। 13 साल की नाबालिग लड़की ने माओवादी कमांडर जीवन कंडुलना सहित उसके दस्ते पर एक साल से यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। लड़की से बर्तन और अपने कपड़े धुलवाने के अलावा उसके साथ जीवन और दस्ते के अन्य मेंबर राइफल की नोंक पर शारीरिक संबंध बनाते थे। नाबालिग ने बताया कि जीवन कंडुलना दस्ते में कुल 11 सदस्य हैं। यह पोड़ाहाट के जोगोबेड़ा, जोजोगड़ा, रायबेड़ा, सेरेंगदा आदि क्षेत्र में रहते हैं। सरकार द्वारा चलाये जा रहे विकास कार्यों को बाधित करते हैं। लड़की की कंपलेन पर महिला पुलिस स्टेशन में नक्सली जीवन कंडुलना, रामबीर, कालिया, सूर्या समेत अन्य के खिलाफ पोक्सो एक्ट, दुष्कर्म व नक्सली सेक्शन के तहत एफआइआर दर्ज किया गया था। लगभग एक साल पहले चाइबासा जिले के कोल्हान इलाके की पुलिस ने एक नाबालिग को नक्सलियों के चंगुल से छुड़ाया है। नाबालिग लड़की पिछले दो साल से उनके कैद में थी। दो साल पहले नक्सलियों ने दस साल की मासूम लड़की का किडनैप कर उसे अपने दस्ते में शामिल किया था। इस दौरान दो साल तक नक्सली उसे अपनी हवस का शिकार बनाते रहे।