Jharkhand 1000 crores Illegal Mining: साहिबगंज इलिगल माइनिंग मामले में CBI ने दर्ज की FIR

झारखंड के साहिबगंज में 1000 करोड़ के इलिगल माइनिंग मामले की जांच ईडी की थी। अब इलिगल माइनिंग मामले में सीबीआई ने FIR दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। सीबीआई के चर्चित डीएसपी कृष्ण कुमार सिंह को केस का IO बनाया गया है।

Jharkhand 1000 crores Illegal Mining: साहिबगंज इलिगल माइनिंग मामले में CBI ने दर्ज की FIR
  • सीबीआई ACB ने शुरू कर दी मामले की जांच
  • केस को टेकओवर करेगी ईडी

रांची। झारखंड के साहिबगंज में 1000 करोड़ के इलिगल माइनिंग मामले की जांच ईडी की थी। अब इलिगल माइनिंग मामले में सीबीआई ने FIR दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। सीबीआई के चर्चित डीएसपी कृष्ण कुमार सिंह को केस का IO बनाया गया है।

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सीबीआई के दर्ज केस की जांच ईडी भी करेगी
साहिबगंज में नींबू पहाड़ पर इलिगल माइनिंग मामले में सीबीआई की रांची स्थित एसीबी में 20 नवंबर को दर्ज एफआइआर दर्ज की गयी है। इस एफआइआर को जल्द ही ईडी टेकओवर करेगी। ईडी पहले से ही साहिबगंज में 1000 करोड़ के इलिगल माइनिंग मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही है। अब ईडी उक्त केस को भी टेकओवर कर अपने केस में जोड़ेगी।सीबीआई एसीबी रांची के द्वारा दर्ज केस में भी ईडी मनी लाउंड्रिंग की जांच करेगी। सीबीआई केस के आधार पर ईडी नया ईसीआईआर दर्ज करेगी। इस संबंध में रांची जोनल आफिस जल्द ही ईडी हेडक्वार्टर से पत्राचार करेगा। सीबीआई के द्वारा साहिबगंज के नींबू पहाड़ी में इलिगल माइनिंग व धुर्वा पुलिस स्टेशन में विजय हांसदा के द्वारा दर्ज कराये गये केस को टेकओवर किया गया है।
हाई कोर्ट ने सीबीआई को दिया था प्रारंभिक जांच के आदेश
सीबीआई ने झारखंड हाई कोर्ट से विजय हांसदा बनाम झारखंड सरकार व अन्य से संबंधित याचिका में 18 अगस्त को जारी आदेश पर पीई दर्ज की थी। इसके शिकायतकर्ता विजय हांसदा ने अपनी उक्त याचिका वापस लेने संबंधित कोर्ट में आइए दाखिल की थी, जिस पर कोर्ट ने सीबीआई को प्रारंभिक जांच (पीई) के लिए आदेश दिया था।सीबीआई ने विजय हांसदा के साहिबगंज के एससी-एसटी थाने में एक दिसंबर 2022 को दर्ज केस के आरोपितों के विरुद्ध जांच की थी।इन आरोपितों में विष्णु प्रसाद यादव, पवितर कुमार यादव, राजेश यादव, संजय कुमार यादव, बच्चू यादव, संजय यादव, सुवेश मंडल व पंकज मिश्रा शामिल थे। इन पर इलिगल माइनिंग, एससी-एसटी, आर्म्स एक्ट जैसे गंभीर आरोप हैं। इन पर साहिबगंज के नींबू पहाड़ पर इलिगल स्टोन माइनिंग करने का भी आरोप है। सीबीआई ने प्रारंभिक जांच के बाद इस पूरे मामले को विस्तृत जांच के लायक पाया। सभी आरोपितों के विरुद्ध नियमित केस दर्ज करने की कार्रवाई की। 
सीबीआइ में दर्ज FIR के एक्युज्ड
विष्णु प्रसाद यादव : जयप्रकाश नगर, सकरोगढ़, साहिबगंज, झारखंड।
पवितर कुमार यादव : जयप्रकाश नगर, सकरोगढ़, साहिबगंज, झारखंड।
राजेश यादव : शोभनपुर भट्टा, थाना मुफ्फसिल, साहिबगंज, झारखंड।
संजय कुमार यादव : लकड़ाकोल, पिरपैंती, भागलपुर, बिहार।
बच्चू यादव : रामपुर करारा, सकरीगली, तालझरी, साहिबगंज, झारखंड।
संजय यादव : रामपुर करारा, सकरीगली, तालझरी, साहिबगंज, झारखंड।
सुवेश मंडल : मंगलघाट, राजमहल, साहिबगंज, झारखंड।
 पंकज मिश्रा : एसडीओ आवास के समीप, सकरोगढ़, साहिबगंज, झारखंड।
सीबीआई ने अपने एफआईआर में बरहेट के विधायक प्रतिनिधि व ईडी केस में मुख्य आरोपी पंकज मिश्रा, बिजनसमैन विष्णु कुमार यादव, पवितर कुमार यादव, साहिबगंज जिला परिषद के उपाध्यक्ष राजेश यादव, संजय कुमार यादव, बच्चू यादव, संजय यादव, सुवेश मंडल समेत अन्य को आरोपी बनाया है। साहिबगंज के मुफ्फसिल पुलिस स्टेशन में विजय हांसदा के द्वारा दर्ज कोर्ट कंप्लेन के साथ साथ विजय हांसदा के द्वारा साहिबगंज के ही एसटी- एससी थाना में दर्ज केस 6/22 को सीबीआई ने टेकओवर किया है। आरोपियों के खिलाफ झारखंड माइंस एंड मिनरल्स एक्ट, आर्म्स एक्ट व एसटी- एससी एक्ट की सुसंगत धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
सीबीआई जांच रोकने के लिए विजय हांसदा ने हाईकोर्ट की ली थी शरण
साहिबगंज में इलिगल माइनिंग की जांच सीबीआई से कराने के लिए विजय हांसदा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि बाद में उसने याचिका वापस लेने की कोशिश की थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को मामले में पीई दर्ज कर जांच का आदेश दिया था।
गवाहों पर दबाव बना रही पुलिस
साहिबगंज में 1000 करोड़ रुपये के इविगल माइनिंग और ट्रांसपोर्टिंग से जुड़े मनी लाउंड्रिंग के केस में गवाहों को प्रभावित करने और उनपर दबाव बनाने के मामले में रांची पुलिस भी संलिप्त है। ईडी अब इस मामले में रांची पुलिस की भूमिका की भी जांच कर रही है। ईडी ने इस मामले में अबतक की जांच में जो एवीडेंस पाये हैं, उसमें साहिबगंज एसपी नौशाद आलम, रांची पुलिस के कुछ जूनियर पुलिस अफसरों के साथ-साथ साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव की भूमिका सामने आयी है। ईडी की जांच में मुख्य गवाह विजय हांसदा को आर्थिक लाभ पहुंचाने, रांची में हाईकोर्ट में दायर पिटीशन को रद्द कराने के लिए आवेदन दिलवाने और उसके लिए रांची से दिल्ली का फ्लाइट टिकट बुक कराने से जुड़े एवीडेंस भी मिले हैं। ईडी ईडी के अनुसार, विजय हांसदा को गवाही से मुकरवाने के लिए डीसी रामनिवास यादव उसे अपनी गाड़ी से लेकर रांची आये थे।
धुर्वा पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR में भी रांची पुलिस ने जोड़ा था ईडी अफसर का नाम
ईडी के केस में मुकरने से पहले विजय हांसदा ने झारखंड हाईकोर्ट में विवाद को लेकर धुर्वा पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराया था। इसमें ईडी के दो अफसरों को नेम्ड किया गया था। इस केस मेंभी ईडी के अफसरों को आरोपी बनाने की नीयत से कोर्ट में विजय हांसदा का 164 का बयान दर्ज करा लिया गया था। इस बयान में हांसदा ने ईडी के अफसरों के खिलाफ जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल व धमकी देने का आरोप लगा दिया था।