Jharkhand Assembly Elections 2024: चुनाव से पहले ECका बड़ा एक्शन, एक्टिंग डीजीपी अनुराग गुप्ता को हटाने का आदेश
चुनाव आयोग ने झारखंड के एक्टिंग डीजीपी अनुराग गुप्ता को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्देश दिया है। आयोग ने इनकी जगह सीनीयर डीजीपी लेवल के अफसर को डीजीपी प्रभार सौंपने को कहा है।
रांची। चुनाव आयोग ने झारखंड के एक्टिंग डीजीपी अनुराग गुप्ता को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्देश दिया है। आयोग ने इनकी जगह सीनीयर डीजीपी लेवल के अफसर को डीजीपी प्रभार सौंपने को कहा है। इस मामले में स्टेट गवर्नमेंट को शाम सात बजे तक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।संभावना है कि अजय कुमार सिंह फिर से डीजीपी की जिम्मेवारी सौंपाी जा सकती है।
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पिछले चुनावों के दौरान अनुराग गुप्ता के खिलाफ आयोग द्वारा की गयी शिकायतों और कार्रवाई के इतिहास को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। 2019 लोकसभा चुनावों के दौरान भी अनुराग गुप्ता को एडीजी के कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया था। चुनाव आयोग ने शनिवार को एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि कार्यवाहक डीजीपी को कैडर में उपलब्ध सबसे सीनीयर डीजीपी लेवल के अफसर को कार्यभार सौंपना चाहिए। हालाकि स्टेट गवर्नमेंट की ओर से डीजीपी अनुराग गुप्ता को हटाने से संबंधित अभी कोई पत्र जारी नहीं किया गया है।
उल्लेखनीय है कि विगत 26 जुलाई को झारखंड सरकार ने 1978 बैच आइपीएस अफसर अजय कुमार को डीजीपी पोस्ट से हटाकर 1990 बैच के आईपीएस अनुराग गुप्ता को झारखंड का एक्टिंग डीजीपी बनाया था। इससे संबंधित नोटिफिकेशन गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने जारी की थी।
2019 में भी कार्यभार से किया गया था मुक्त
इससे पहले 2019 में लोकसभा के आम चुनावों के दौरान, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) द्वारा पक्षपातपूर्ण आचरण के आरोपों के बाद गुप्ता को एडीजी (एडीजी), झारखंड के रूप में उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया था। उस समय उन्हें दिल्ली में रेजिडेंट कमिश्नर के ऑफिस में नियुक्त किया गया था। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक झारखंड लौटने पर रोक लगा दी गयी थी।
राज्यसभा चुनाव में सत्ता के दुरुपयोग के लगे थे आरोप
वर्ष 2016 में झारखंड से राज्य सभा के द्विवार्षिक चुनावों के दौरान, तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता पर सत्ता के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगे थे। आयोग ने एक जांच समिति बनाई थी, जिसके निष्कर्षों के आधार पर विभागीय जांच के लिए उनके खिलाफ आरोप पत्र जारी किया गया था। जगन्नाथपुर थाने में आईपीसी की धारा 171(बी)(ई)/171(सी)(एफ) के तहत 29.03.2018 को मामला संख्या 154/18 भी दर्ज किया गया था। 2021 में, झारखंड सरकार ने बाद में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17(ए) के तहत जांच की अनुमति दी थी। हालांकि मामले में पुलिस की जांच में श्री गुप्ता को क्लीन चीट मिलीचुकी है। पुलिस की रिपोर्ट में कोर्ट ने भी स्वीकार कर लिया है।