झारखंड: स्पीकर के पैर पकड़ने मामले में एमएलए राज सिन्हा से BJP लीडरशीप नाराज, जवाब तलब
बीजेपी लीडरशीप ने धनबाद एमएलए राज सिन्हा द्वारा विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र महतो के पैर पकड़ने के मामले में को गंभीरता से लिया है। बीजेपी की सेंट्रल कमेटी ने इस विषय पर झारखंड कमेटीसे रिपोर्ट मांगी है। स्टेटने भी इस रवैये को गलत बताते हुए इस पूरे प्रकरण पर अपना मंतव्य दिल्ली भेज दिया है।
रांची। बीजेपी लीडरशीप ने धनबाद एमएलए राज सिन्हा द्वारा विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र महतो के पैर पकड़ने के मामले में को गंभीरता से लिया है। बीजेपी की सेंट्रल कमेटी ने इस विषय पर झारखंड कमेटीसे रिपोर्ट मांगी है। स्टेटने भी इस रवैये को गलत बताते हुए इस पूरे प्रकरण पर अपना मंतव्य दिल्ली भेज दिया है।
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झारखंड विधानसभा के मानसून में अपने चार साथी एमएलए का निलंबन वापस लेने के लिए बीजेपी एमएलए स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो के चैंबर के गेर पर धरने पर बैठ गये थे।जमकर नारेबाजी हुई। यहां बगैर अनुमति के फोटोग्राफी करने की यहां इजाजत नहीं थी, लेकिन मीडियाकर्मियों का जमावड़ा लग गया। स्पीकर जब अपने चैंबर से बाहर निकलने लगे तो बीजेपी एमएलए ने हाथ जोड़कर उनसे गुहार लगाई कि वे चार एमएलए का निलंबन वापस लें। धनबाद एमएलए राज सिन्हा ने स्पीकर के पांव पकड़ लिया। इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर ने निलंबित चारों एमएलए भानु प्रताप शाही, ढुल्लू महतो, जयप्रकाश पटेल और रणधीर सिंह को निलंबन मुक्त कर दिया। यह घटना मीडिया की सुर्खियां बनी थी। पार्टी एमएलए का कहनाहै कि धरना में स्पीकर का पैर पकड़ने की कोई योजना नहीं थी। बीजेपी लीडरशीप का मानना है कि एमएलए ने अपनी गरिमा का ध्यान नहीं रखा, उन्होंने पार्टी की छवि धूमिल की है।
स्पीकर के पांव पकड़ने से लोगों में गया गलत संदेश
बीजेपी में इस बात को लेकर विवाद है कि एमएलए राज सिन्हा ने स्पीकर के पांव क्यों पकड़े, जब इसकी रणनीति नहीं बनी थी। एमएलए को सिर्फ इतना निर्देश दिया गया था कि वे हाथ जोड़कर स्पीकर से गुहार लगायेंगे ताकि जनता में संदेश दिया जा सके। पांव पकड़ने से उल्टा संदेश गया। बीजेपी की किरकिरी हुई। पॉलिटितल गलियारे में चर्चा हो गयी कि पहले एमएलए ने हंगामा मचाया। जब कार्रवाई हुई तो वे पांव पकड़कर माफी मांग रहे हैं।
मामला गंभीर है, सेंट्रल लीडपशीप को भेज दी है रिपोर्ट: दीपक प्रकाश
झारखंड बीजेपी प्रसिडेंट दीपक प्रकाश ने कहा है कि यह मामला गंभीर है। सेंट्रल लीडरशीप द्वारा उनसे रिपोर्ट मांगी गई थी, जिसे उन्होंने भेज दिया है। अब उनको ही इस पर निर्णय लेना है।