झारखंड:बाबूलाल मरांडी दलबदल मामला, अब मेरिट पर होगी सुनवाई, स्पीकर ने प्रारंभिक आपत्ति को किया खारिज

क पहलुओं पर होगी चर्चा रांची। बाबूलाल मरांडी के जेविएम से बीजेपी में शामिल होने से संबंधित दलबदल मामले पर स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने सुनवाई की। बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दलबदल को लेकर चार शिकायतों पर सुनवाई हुई है। स्पीकर ने बाबूलाल मरांडी की आपत्ति को खारिज करते हुए कहा कि दलबदल के मुद्दे पर सुनवाई होगी।अब इस मामले में संवैधानिक पहलुओं पर चर्चा होगी।

झारखंड:बाबूलाल मरांडी दलबदल मामला, अब मेरिट पर होगी सुनवाई, स्पीकर ने प्रारंभिक आपत्ति को किया खारिज
  • संवैधानिक पहलुओं पर होगी चर्चा

रांची। बाबूलाल मरांडी के जेविएम से बीजेपी में शामिल होने से संबंधित दलबदल मामले पर स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने सुनवाई की। बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दलबदल को लेकर चार शिकायतों पर सुनवाई हुई है। स्पीकर ने बाबूलाल मरांडी की आपत्ति को खारिज करते हुए कहा कि दलबदल के मुद्दे पर सुनवाई होगी।अब इस मामले में संवैधानिक पहलुओं पर चर्चा होगी।

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चार एमएलए की याचिका पर हो रही है सुनवाई

यह बाबूलाल के लिए परेशानी की वजह बन सकता है। क्योंकि अब स्पीकर इस मसले पर सुनवाई करेंगे कि उनकी सदस्यता रहेगी या नहीं।जेविएम से बीजेपी में शामिल होने वाले श्री मरांडी के खिलाफ स्पीकर श्री महतो को एक्स एमएलए राजकुमार यादव, जेएमएम एमएलए भूषण तिर्की, कांग्रेस एमएलए दीपिका पांडेय व एमएलए प्रदीप यादव व कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने याचिका दी है। स्पीकर इसी के आलोक में सुनवाई कर रहे हैं.
10वीं अनुसूची का हुआ उल्लंघन 
इससे पूर्व स्पीकर श्री महतो ने छह मई को सुनवाई की थी़। झारखंड में बदलते राजनीतिक हालात के बीच स्पीकर श्री महतो का न्यायाधिकरण सक्रिय हुआ है़। ऐसे में लोगों की निगाह स्पीकर के न्यायाधिकरण पर भी होगी़। श्री मरांडी के खिलाफ दायर शिकायत में कहा गया है कि उन्होंने 10वीं अनुसूची का उल्लंघन किया है।
अब मेरिट पर होगी सुनवाई
संविधान की 10 वीं अनुसूची के तहत बाबूलाल मरांडी पर चल रहे दल बदल मामले पर स्पीकर रविंद्रनाथ महतो ने बुधवार को प्रारंभिक आपत्ति को खारिज कर दिया है। सुनवाई के दौरान बाबूलाल मरांडी के अधिवक्ता आर एन सहाय ने कहा कि याचिका 10 महीने विलंब से दायर किया गया है, यह गलत है। ऐसे में कोई भी दल बदल मामले में विधायकों को परेशान कर सकता है।. उन्होंने इस याचिका को खारिज करने की मांग न्यायाधिकरण से की। एमएलए दीपिका पांडेय सिंह, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने कहा कि संविधान में कहीं इस बात का उल्लेख नहीं है कि 10 महीने के बाद याचिका दायर नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि विलंब के लिए इस तरह की दलील दी जा रही है। अब इस मामले में ज्यादा विलंब नहीं करते हुए केस के मेरिट पर सुनवाई की जाय। दोनों पक्षों की बात को सुनने के बाद स्पीकर ने चारों याचिका का प्रपोसेड इशू स्वीकार कर लिया है। अब इस मामले पर सीधे तौर पर बाबूलाल की सदस्यता रहेगी या जायेगी, इसपर सुनवाई होगी।
बीजेपी में झाविमो का विलय मान्य नहीं
बीजेपी में झाविमो का विलय मान्य नहीं है. इसके साथ ही झाविमो से जीतनेवाले तीन एमएलए में वह अकेले बीजेपी में शामिल हुए हैं। यह संख्या दो तिहाई नहीं है़।ऐसे में श्री मरांडी की सदस्यता खत्म की जाये़ मामले में श्री मरांडी के पक्ष में दलील दी जा रही है कि इससे संबंधित मामला हाइकोर्ट में चल रहा है़।ऐसे में स्पीकर के न्यायाधिकरण में सुनवाई नहीं हो। यह दो संस्थाओं के टकराव का मामला न बन जाये़।