हजारीबाग के रूपेश पांडेय मर्डर केस : झारखंड हाई कोर्ट ने पूछा-क्यों नहीं इस मामले की जांच CBI को सौंप दी जाए
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट में हजारीबाग में भीड़ द्वारा रूपेश पांडेय की मर्डर मामले की सीबीआइ जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्टेट गवर्नमेंट से जवाब मांगा है। अदालत ने पूछा है कि क्यों नहीं इस मामले की जांच सीबीआइ सौंप दी जाए? इस मामले में अगली सुनवाई 16 जून को होगी।
- स्टेट गवर्नमेंट से मांगा जवाब
रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट में हजारीबाग में भीड़ द्वारा रूपेश पांडेय की मर्डर मामले की सीबीआइ जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्टेट गवर्नमेंट से जवाब मांगा है। अदालत ने पूछा है कि क्यों नहीं इस मामले की जांच सीबीआइ सौंप दी जाए? इस मामले में अगली सुनवाई 16 जून को होगी।
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रूपेश की मां उर्मिला देवी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से पुलिस जांच सही दिशा में नहीं हो रही है। इस मामले में आरोपितों को बचाया जा रहा है। इस मामले में वैसे लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है, जो शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे। घटना के दो दिनों बाद मुस्लिम पक्ष की ओर से FIR दर्ज कराई गई है, जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है। दो दिनों बाद ऐसी FIR को स्वीकार करना ही पुलिस की मंशा पर सवाल खड़े कर रही है। अभी तक इस मामले के कई आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। इसलिए इसकी निष्पक्ष जांच के लिए मामला सीबीआइ को सौंप देना चाहिए।
हाई कोर्ट ने स्टेट गवर्नमेंट से पूछा है कि क्यों नहीं इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी जाए। इस दौरान प्रार्थी की ओर से सीनीयर एडवोकेट एके कश्यप, अजीत कुमार, अनिल कुमार और प्रभात कुमार सि्न्हा ने हाई कोर्ट में पक्ष रखा। अधिवक्ता परिषद की ओर से सभी अधिवक्ता निश्शुल्क प्रार्थी का पक्ष कोर्ट में रख रहे हैं। राज्य सरकार के जवाब के बाद ही हाईकोर्ट इस पर कोई आदेश जारी कर सकता है।
फ्लैश बैक
हजारीबाग जिले के बरही में छह फरवरी की शाम सरस्वती मूर्ति विसर्जन को दौरान हुई हिंसा में उन्मादी भीड़ ने रूपेश पांडेय की मर्डर कर दी थी।इसके बाद आक्रोशित लोगों ने जीटी रोड को जाम कर दिया था। इतना ही नहीं एक समुदाय के लोगों के वाहनों में आग भी लगा दी गई थी। देखते ही देखते यह मामला सांप्रदायिक रूप ले लिया था। झारखंड सरकार को पहली बार पांच जिलों में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाना पड़ा था। वहीं, बीजेपी ने इस हत्याकांड के विरोध में जिलों में प्रदर्शन शुरू कर दिया था। दिल्ली से भाजपा नेता कपिल मिश्रा भी रूपेश पांडेय के स्वजन से मिलने के लिए रांची पहुंच गये थे। लेकिन पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देते हुए कपल मिश्रा को रांची एयरपोर्ट पर ही रोक लिया था।
सीएम ने रूपेश की मां को दी है नौकरी
मामला तूल पकड़ते देख सीएमहेमंत सोरेन ने रूपेश पांडेय की मां उर्मिला देवी को नियुक्ति पत्र और ₹500000 की सहायता राशि दी थी। उन्होंने वादा किया था कि मामले की जांच होगी और दोषी किसी सूरत में बख्शे नहीं जायेंगे। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था।