Jharkhand : नेमरा में होगा दिशोम गुरु शिबु सोरेन का श्राद्धकर्म, गांव में रहकर सीएम हेमंत निभा रहे हैं बेटे का फर्ज
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन अपने पिता दिशोम गुरु शिबु सोरेन के श्राद्धकर्म को पूरा करने नेमरा गांव मे हैं। जानिए पूरी खबर और इसके पीछे की भावनात्मक वजह।

- रामगढ़ जिले के गोला ब्लॉक में है सीएम का गांव नेमरा गांव
- पैतृक गांव में पंचतत्व में विलीन हुए दिशोम गुरु शिबू सोरेन
रांची। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन अपने पैतृक गांव में रहकर पिता शिबू सोरेन का श्राद्धकर्म पूरा करेंगे। गुरुजी का श्राद्धकर्म 10 दिन का होगा। ऐसे में श्राद्धकर्म तक सीएम हेमंत सोरेन नेमरा गांव में ही रहेंगे।
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आज नेमरा में सुबह का सूरज भी उदास था...
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 6, 2025
वीर दिशोम गुरु शिबू सोरेन अमर रहें!
अमर रहें! अमर रहें!
पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे नेमरा गांव में पहाड़ की तराई में बसे आदिवासी समुदाय की रीति-रिवाजों के अनुसार सभी संस्कार पूरे किये जा रहे हैं। सीएम बुधवार को अपने पैतृक गांव रामगढ़ के नेमरा में ग्रामीणों के साथ मिलकर पिता के पारंपरिक अनुष्ठानों तीन नहान, दसकर्म और श्राद्ध पर विस्तृत चर्चा की। तीन नहान (तीन स्नान), दस कर्म (दस दिनों तक चलने वाले अनुष्ठान) और श्राद्ध कर्म की तैयारियों पर विचार-विमर्श किया।
वीर योद्धा दिशोम गुरुजी की अंत्येष्टि के उपरांत होने वाले अनुष्ठान को लेकर गांव के अपने लोगों के साथ तीन नहान, दस कर्म और श्राद्ध कर्म को लेकर विस्तृत चर्चा की।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 6, 2025
वीर दिशोम गुरु शिबू सोरेन अमर रहें! pic.twitter.com/NFzZwsGG7N
ग्रामीणों ने स्थानीय परंपराओं से जुड़े अपने अनुभव साझा किए और सुझाव दिए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन को उनकी सांस्कृतिक विरासत के अनुरूप श्राद्धकर्म पूरे किए जाए। दिशोम गुरु का श्रद्धाकर्म 10 दिन का ही होगा। परंपरा के अनुसार, ऐसी मान्यता है कि जिनकी मृत्यु हो जाती है, वो तीन दिन में हवा में चले जाते हैं, इसलिए उनकी छांव तो हमलोग उनके घर ले जायेंगे।
पारिवारिक सोर्सेज के अनुसार, मुख्यमंत्री ने अंतिम संस्कार से जुड़ी सभी धार्मिक विधि-विधानों में पूर्ण भागीदारी का निर्णय लिया है। हेमंत सोरेन इस दौरान नेमरा में अपने परिवार के साथ समय बितायेंगे। पिता की स्मृतियों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ने का अवसर भी प्राप्त करेंगे.
पिता की विरासत जीवित रखने को हेमंत ने लिया संकल्प
शिबू सोरेन की विरासत को जीवित रखने के लिए हेमंत सोरेन ने उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है। झारखंड आंदोलन के नायक दिशोम गुरु शिबू सोरेन पंचतत्व में विलीन होकर पुरखों की पंक्ति में शामिल हो गये। हेमंत सोरेन अब नेमरा में रहकर शेष पारंपरिक रिवाजों को संपन्न करेंगे। इस दौरान परिवार और समुदाय के लोग एकत्रित होकर शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। उनकी स्मृति में आदिवासी संस्कृति और संघर्ष की विरासत को संजोया जा रहा है।