- कहा- पंकज मिश्रा को नहीं दिया संरक्षण
- प्रेम प्रकाश को नहीं जानता
- CM ने सवालों का जवाब देने के लिए मांगा समय
रांची। झारखंड में एक हजार करोड़ रुपये के इलिगल स्टोन माइनिंग मामले में सीएम हेमंत सोरेन से ईडीने गुरुवार को लगभग नौ घंटे से भी अधिक समय तक पूछताछ की। सीएम सुबह 11:52 पर ईडी ऑफिस पहुंचे और पूछताछ के बाद रात 9.38 बजे बाहर निकले। ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर समेत तीन अफसरों की टीम ने सीएम से सवाल किये।
सीएम ने घर से खाना मंगवाकर खाया
सीएम ने दिन में अपने घर से खाना मंगवाया था। उन्होंने ईडी ऑफिस में ही लंच किया। ईडी ऑफिस में देर शाम कल्पाना सोरेन भी पहुंची थी। पूछताछ समाप्त होने के बाद वह अपने हसबैंड सीएम हेमंत सोरेन के साथ निकल गयी। ईडी ऑफिस के बाहर सीएम के बाई व दुमका एमएलए बसंत सोरेन देर शाम तक जमे रहे।
सीएम के जवाब से ईडी संतुष्ट नहीं
सीएम ने 1000 करोड़ के अवैध खनन सहित विभिन्न मुद्दों पर तीन पन्नों में जो ईडी के प्रश्नों का उत्तर दिया था, उसे ईडी ने एक सिरे से खारिज कर दिया है। ईडी के अनुसार वह 1000 करोड़ के रायल्टी चोरी का नहीं, बल्कि 1000 करोड़ के इलिगल माइनिंग की जांच कर रही है, जो हेमंत सोरेन के सीएम काल में साहिबगंज के क्षेत्र में हुई है। वह भी तब जब सीएम खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री हैं।ईडी ने सीएम को समन करने से पहले ईडी ने अपना होमवर्क पूरा कर लिया था। ईडी की टीम पुख्ता दस्तावेज के साथ सीएम के सामने बैठी, ताकि सीएम को सवालों से घेरने में सफल हो सकें। ईडी ने दिनभर चली पूछताछ में सीएम से उनकी संपत्ति का हिसाब भी मांगा। सीएम ने कहां कितनी चल-अचल संपत्ति बनाई, इसपर भी कई सवाल दागे, जिसका सीएम ने जवाब भी दिया है। बताया जाता है कि ईडी उनके जवाब से संतुष्ट नहीं है।
CM ने सवालों का जवाब देने के लिए मांगा समय
ईडी सोर्सेक के अनुसार सीएम हेमंत ने सभी प्रमुख सवालों का जवाब छोड़ दिया और कहा कि उन्हें तथ्यों को इकट्ठा करने के लिए समय चाहिए। अपनी संपत्तियों, बैंक स्टेटमेंट और निवेश से जुड़े मामले पर सीएम ने कहा कि उन्हें जवाब देने के लिए समय चाहिए। ऐसे में संभावना है कि अगली बार जब ईडी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाएगा तो वह इसका जवाब देंगे। हालाकि अभी तक उनसे पूछताछ का कोई नया कार्यक्रम तय नहीं हुआ है। ईडी ने उनसे ज्यादातर माइंस डिपार्टमेंट से संबंधित सवाल पूछे, जिसमें यह भी शामिल था कि क्या उन्हें साहिबगंज जिले में बड़े पैमाने पर इलिगल माइनिंग की जानकारी थी।
पंकज मिश्रा को इलिगल माइनिंग में मैंने संरक्षण नहीं दिया
सीएम हेमंत ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने इलिगल माइनिंग करने के लिए पंकज मिश्रा को अनुचित संरक्षण दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है कि पंकज मिश्रा ऐसी किसी गतिविधि में शामिल है। यह पूछे जाने पर कि उनका पासबुक और चेक बुक पंकज मिश्रा के आवास पर क्यों पाई गई, उन्होंने कहा कि चुनाव के समय उन्होंने वह दस्तावेज रखा था। ईडी ने पूछा कि क्या पंकज मिश्रा अपने प्रभाव के कारण ज्यूडिशियल कस्टडी से फोन करते थे। उन्होंने इस मामले में किसी तरह का संरक्षण देने से इंकार किया।सीएम ने इस बात से इंकार किया कि उन्होंने स्टोन चिप्स के इलिगल ट्रांसपोर्टिंग के लिए दाहू यादव को इलिगल फेरी सेवा चलाने में संरक्षण दिया था। उन्होंने कहा कि इलिगल माइनिंग में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उन्होंने साहिबगंज डीसी और एसपी को कभी नहीं रोका।
मैं प्रेम प्रकाश को नहीं जानता
ईडी की पूछताछ में हेमंत सोरेन ने इस बात से इनकार किया कि वह प्रेम प्रकाश को जानते हैं। उन्होंने कहा कि वह प्रेम प्रकाश से कभी नहीं मिले। जब उनसे पूछा गया कि उनके दो सिक्युरिटी गार्ड प्रेम प्रकाश की ड्यूटी करते पाये गये तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में झारखंड के डीजीपी से पूछा जाना चाहिए। ईडी ने पूछा कि जब वह राज्य के सीएम थे, तब उन्होंने रांची में अपने नाम माइनिंग लीज कैसे प्राप्त किया। हेमंत सोरेन ने कहा कि चूंकि मामला उप-न्यायिक है, इसलिए वह जवाब नहीं देंगे। मैंने सचिव खनन विभाग को चलाने के लिए पूजा सिंघल को नियुक्त किया था न कि पैसे जुटाने के लिए ईडी ने उनसे मनरेगा घोटाला मामले में जेल में बंद तत्कालीन खनन सचिव पूजा सिंघल के आचरण के बारे में भी पूछा। हेमंत सोरेन ने कहा कि उन्होंने पूजा सिंघल को सचिव के पद पर विभाग चलाने के लिए लगाया न कि पैसे जुटाने के लिए।
ईडी ने हेमंत सोरेन से बेहिसाब संपत्ति पर मांगा जवाब, डॉक्यूमेंट प्रोवाइड कराने को कहा
ईडी की टीम ने सीएम हेमंत सोरेन से बेहिसाब संपत्तियों के बारे में भी जानकारी हासिल करने की कोशिश की। बेहिसाब संपत्ति के बारे में पूछने पर हेमंत सोरेन टालमटोल करते रहे, जिसके बाद ईडी की टीम ने सीएम हेमंत सोरेन से अपनी संपत्तियों के डॉक्यूमेंट प्रोवाइड कराने को कहा है।
पंकज मिश्रा जेएमएम लीडर व उनके विधायक प्रतिनिधि
ईडी ने पूछताछ के दौरान सीएम हेमंत सोरेन से पंकज मिश्रा को लेकर भी कई सवाल किये। इसके जवाब में सीएम ने कहा कि पंकज मिश्रा पार्टी के कार्यकर्ता और विधायक प्रतिनिधि रहे हैं। हालांकि जब उनसे पूछा गया कि पंकज मिश्रा के अवैध कारोबार और संपत्ति की जानकारी है तो सीएम इसका जवाब नहीं दे सके। ईडी ने यह जानने का भी प्रयास किया कि क्या वे पंकज मिश्रा के गैरकानूनी धंधे से भी पहले से अवगत थे। झारखंड में इलिगल और मनी लाउंड्रिंग से जुड़े मामले को लेकर ईडी ने हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए सवालों की एक लंबी सूची तैयार की थी।सीएम हेमंत सोरेन के पास विभिन्न विभागों के साथ खनन विभाग का भी प्रभार है। ईडी ने इलिगल माइनिंग और उसकी मनी लाउंड्रिंग से साक्ष्य जुटाए हैं। ईडी की रेड में पंकज मिश्रा के ठिकाने से सीएम के हस्ताक्षर वाले चेकबुक और पासबूक पंकज मिले थे।
रेड में जब्त दस्तावेज लाया गया ईडी ऑफिस
ईडी द्वारा विगत सात माह से राज्य के विभिन्न जिले में रेड में जब्त किये गये दस्तावेज को भी ईडी ऑफिस लाया गया। दोपहर लगभग दो बजे दो स्टाफ सारे दस्तावेज को लेकर ईडी ऑफिस पहुंचे। जानकारी के अनुसार ईडी के अधिकारी ने सीएम से पूछताछ के दौरान दस्तावेज को दिखाकर जवाब मांगा गया। हालांकि सीएम की ओर से कोई संतोषजनक जवाब ईडी को नही मिल सका।
सीएम दुबारा पूछताछ कर सकती है ईडी
ईडी सोर्सेज के अनुसार गुरुवार को सीएम से लंबी पूछताछ के बाद उन्हें आगे भी फिर पूछताछ के लिए तलब किया जा सकता है। ईडी सीएम के खिलाफ उसे मिले सबूतों के आधार पर पूछताछ करेगा. इसमें धन की हेराफेरी से सम्बंधित कड़ियां जुड़ने पर तलब किया जा सकता है। ईडी ने पूर्व में सीएम के बरहेट विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, सस्पेंड आइएएस अफसर पूजा सिंघल, ब्यूरोक्रैट्स के करीबी प्रेम प्रकाश व अमित अग्रवाल, पंकज मिश्रा सहयोगी बच्चू यादव को अरेस्ट कर लंबी पूछताछ की है। पूछताछ में इस बात के सबूत मिल चुके हैं कि इस सिंडिकेट ने साहिबगंज में लगभग 1000 करोड़ रुपये का इलिगल माइनिंग किया है। पूर्व में छापेमारी में पंकज मिश्रा के यहां से सीएम हेमंत सोरेन के पासबुक व हस्ताक्षरित चेक भी मिले थे। वहीं, चार्टर्ड अकाउंटेंट जे. जयपुरियार के यहां से भी बैंकिंग लेन-देन से संबंधित दस्तावेज मिले थे, जिसके आधार पर भी सीएमसे सवाल पूछे गए। हेमंत सोरेन से ईडी की पूछताछ रात 10 बजे तक चली।
बीजेपी ने रवि केजरीवाल के जरिए फंसाने के लिए बयान दिलाया
ईडी ऑफिस में पूछताछ के लिए जाने से पहले सीएम हेमंत सोरेन ने इसे लेकर ईडी को पत्र भी लिखा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी विरोधी बीजेपी ने रवि केजरीवाल के जरिए इलिगल माइनिंग में फंसाने के लिए बयान दिलाया है। रवि केजरीवाल झारखंड मुक्ति मोर्चा का सदस्य था। वर्ष 2020 में पार्टी से निकाले जाने के पहले वह कोषाध्यक्ष के पद पर था। पार्टी से निकाले जाने के बाद उसके खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बकौल हेमंत, तभी से वह उनका जानी दुश्मन है।हेमंत सोरेन ने पत्र में उल्ले किया है कि उन्हें आश्चर्य नहीं होगा कि व्यक्तिगत प्रतिशोध के लिए उसने मेरे खिलाफ गलत आरोप लगाये होंगे। हेमंत सोरेन ने ईडी से कहा है कि वह निष्पक्ष तौर पर उनसे जांच करे। उन्होंने संविधान को अक्षुण्ण रखने की शपथ ली है। वे इस देश के इमानदार नागरिक के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन एवं कानून का पालन के लिए ईडी द्वारा जारी समन का अनुपालन करेंगे।
चार पन्नों का तैयार किया जवाब
सीएम हेमंत सोरेन ईडी के रांची स्थित जोनल कार्यालय में तीन पन्नों का जवाब लेकर गये थे। उन्होंने ईडी के सहायक निदेशक देवव्रत झा को संबोधित करते हुए अपना पक्ष प्रस्तुत किया है। उन्होंने पत्र की शुरूआत मे जिक्र किया है कि उनकी सरकार अवैध खनन को समाप्त करने के लिए कृत संकल्प है। इस दिशा में किसी भी एजेंसी की इमानदार जांच का वे स्वागत करते हैं। उनके मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद पत्थर खनन से मिलने वाली रायल्टी मे उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले दो वर्षों मे रायल्टी 270 करोड़ से बढ़कर 360 करोड़ हुई है। लगभग 20 प्रतिशत पत्थर खनन साहिबगंज से होता है। ईडी के स्टेटमेंट से प्रतीत होता है कि 1000 करोड़ का अवैध खनन होता है।
बिना तथ्यों के आरोप लगाना ईडी को शोभा नहीं देता
हेमंत सोरेन ने पत्र में अवैध खनन के आरोपों को लेकर सिलसिलेवार जवाब दिया है। उऩ्होंने ईडी को नसीहत दी है कि बगैर तथ्यों के आरोप लगाना शोभा नहीं देता। जानकारी दी है कि खनन विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो वर्षों में पूरे झारखंड में लगभग नौ करोड़ मेट्रिक टन पत्थर का खनन हुआ है। इसमें 60 प्रतिशत बोल्डर, 35 प्रतिशत स्टोन चिप्स एवं पांच स्टोन डस्ट है। इसमें करीब 20 प्रतिशत पत्थर का खनन साहिबगंज जिला में हुआ है।राज्य को 95 रुपये प्रति मेट्रिक टन रायल्टी बोल्डर पर, 175 रुपये प्रति मेट्रिक टन रायल्टी स्टोन चिप्स पर एवं 18 रुपये मेट्रिक टन स्टोन डस्ट पर रायल्टी प्राप्त होता है। इस प्रकार भारित औसत के आधार पर राज्य को 120 रुपये प्रति मेट्रिक टन रायल्टी पत्थर खनन से प्राप्त होता है। दो वर्षों में 1000 करोड़ रुपये के रायल्टी के नुकसान के लिए करीब आठ करोड़ मेट्रिक टन पत्थर का अवैध खनन साहिबगंज जिले में करनी की आवश्यकता होगी जो उस जिले में हुए वैध खनन का चार गुणा होता है। दो वर्षों में आठ करोड़ मेट्रिक टन पत्थर के परिवहन के लिए 20000 से अधिक रेलने रेक या 33 लाख से अधिक ट्रक की आवश्यकता होगी, क्योंकि एक रेलवे रेक की क्षमता 4000 मेट्रिक टन एवं एक ट्रक की क्षमता 25 मेट्रिक टन की होती है। रेलवे बगैर माइनिंग या मिनरल चालान के लोडिंग की अनुमति नहीं देता। ऐसा प्रतीत होता है कि आपने एक भी रेलवे रेक बगैर चालान के नहीं पाया है। अभी तक एक भी रेलवे स्टाफ व अफसर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
6500 रेक का इलिगल स्टोन ट्रांसपोर्टिंग असंभव
ईडी का आरोप है कि पिछले दो वर्षों में 6500 रेक साहिबगंज जिले से पत्थर खनन के लिए उपयोग किए गए हैं। यह असंभव है। यदि इतने का परिवहन भी होता है तो ये आठ करोड़ मेट्रिक टन अवैध पत्थर का परिवहन नहीं कर सकते, जिससे 1000 करोड़ की रायल्टी प्राप्त हो सके। इसके अतिरिक्त दो वर्षों में आठ करोड़ मेट्रिक टन अवैध पत्थर परिवहन के लिए प्रतिदिन 4500 ट्रक की आवश्यकता होगी। पूरे साहिबगंज जिले में 800 ट्रक निबंधित एवं चालू अवस्था में हैं। ईडी का कहना है कि साहिबगंज में कुछ घाट है जहां जहाज के माध्यम से अवैध रुप से खनन किए गए पत्थर का अवैध परिवहन होता है। उपलब्ध सभी रेलवे रेक, ट्रक और जहाज मिलकर भी आठ करोड़ मेट्रिक टन का परिवहन नहीं कर सकते जिससे राज्य को 1000 करोड़ रुपये रायल्टी का पिछले दो वर्षों में नुकसान हो सके।
ईडी के आधारहीन आरोप से झारखंड की छवि हुई धूमिल
हेमंत सोरेन ने ईडी को दिये गये लिखित जवाब में कहा है कि बगैर तथ्य के आरोप लगाने से राज्य की छवि धूमिल हुई है। ईडी का दावा है कि 1000 करोड़ का अवैध पत्थर खनन हुआ है। यह आरोप लगाने के पहले उनके द्वारा उठाए गए तथ्यों को ईडी ने संज्ञान नहीं लिया है। ईडी ने बगैर तथ्यों एवं आंकड़ों का सत्यापन किए 1000 करोड़ रुपये का अवैध खनन का सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने आशा जताई है कि ईडी तथ्यहीन आरोप लगाने से परहेज करेगी। एक साल से जांच की जा रही है। 50 से अधिक रेड हो चुकी है।
ईडी ने पहली बार एक नवंबर को भेजा था समन
ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन को पहली बार एक नवंबर को समन भेजा था। तब उन्हें तीन नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था। सीएम ने तीन सप्ताह का समय मांगा था। इसके बाद ईडी ने नौ नवंबर को दूसरा समन भेज कर 17 नवंबर को हाजिर होने का निर्देश दिया। सीएम ने 16 नवंबर को हाजिर होने का अनुरोध किया। ईडी ने उनकी मांग को नामंजूर करते हुए 17 नवंबर को ही हाजिर होने को कहा।
सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा की हो चुकी है गिरफ्तारी
ईडी ने इलिगल माइनिंग मामले में सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को 19 जुलाई को ही गिरफ्तार कर लिया था। वह ज्यूडिशियल कस्टडी में रिम्स में इलाजरत हैं। इस मामले में बच्चू यादव और प्रेमप्रकाश को भी जेल भेजा जा चुका है। पंकज मिश्रा पर अवैध खनन व अवैध तरीके से गंगा नदी में स्टीमर चलवा कर नाजायज तरीके से पैसा कमाने और उसे जायज करार देने के लिए लाउंड्रिंग करने का आरोप है. ईडी इस मामले में प्रेस सलाहकार अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ पिंटू से भी पूछताछ कर चुकी है। ईडी इस मामले में कुल आठ बार रेड कर चुकी है। कुल 32 लोगों के ठिकाने पर हुई रेड में 5.34 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं। ईडी को 37 बैंक खातों में जमा 11.88 करोड़ रुपये मिले थे।
कब क्या हुआ
आठ मार्च 2022: टेंडर घोटाले में ईडी ने ईसीआईआर दर्ज कर जांच शुरू की।
चार जून 2022: ईडी ने टेंडर घोटाले की जांच को टेकओवर किया।
चार जून 2022: प्रेम प्रकाश के ठिकाने पर ईडी की छापेमारी और पूछताछ के लिए बुलाया।
आठ जुलाई 2022 : ईडी ने साहिबगंज में एक साथ 18 ठिकानों पर छापेमारी की।
नौ जुलाई 2022 : ईडी ने पंकज मिश्रा समेत कई लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा।
15 जुलाई 2022: ईडी ने प्रेस रिलीज जारी कर जब्त राशि की जानकारी दी।
19 जुलाई 2022: ईडी ऑफिस में पूछताछ के लिए हाजिर हुए थे पंकज मिश्रा।
19 जुलाई 2022: आठ घंटे की पूछताछ के बाद पंकज मिश्रा गिरफ्तार।
20 जुलाई 2022: ईडी ने पंकज मिश्रा को कोर्ट में पेश कर 6 दिनों का रिमांड लिया।
24 जुलाई 2022: दोबारा साहिबगंज पहुंची ईडी की टीम. पांच दिनों तक अवैध खनन और फेरी सेवा से जुड़े दस्तावेज जांचे।
25 जुलाई 2022 : ईडी ने मालवाहक जहाज सीज किया. यह जहाज अवैध रूप से गंगा में चल रहा था और एक मामला दर्ज किया।
26 जुलाई 2022: ईडी ने पंकज मिश्रा को दोबारा 6 दिनों के रिमांड पर लिया।
26 जुलाई 2022: ईडी ने सीएम के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद को पूछताछ के लिए समन भेजा।
एक अगस्त 2022: सीएम के प्रेस सलाहकार अभिषेक पिंटू ने ईडी से 15 दिनों का समय मांगा।
तीन अगस्त 2022: सीएम के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस पहुंचे।
पांच अगस्त: पिंटू से फिर पूछताछ की गई।
चार अगस्त 2022: पंकज मिश्रा के करीबी बच्चू यादव को ईडी ने गिरफ्तार किया।
पांच अगस्त 2022: बच्चू यादव को ईडी ने 6 दिनों के रिमांड पर लेकर पूछताछ की।
24 अगस्त 2022: प्रेम प्रकाश के 17 ठिकानों पर ईडी का छापा, दो एके 47 बरामद।
25 अगस्त 2022: प्रेम प्रकाश को ईडी ने किया गिरफ्तार, रिमांड पर लिया।
21 सितंबर 2022: ईडी ने चार्जशीट में झारखंड में 1000 करोड़ रुपये से अधिक का अवैध खनन होने का आरोप लगाया।
22 अक्टूबर 2022: बाहुबली दाहू यादव-सुनील यादव के खिलाफ ईडी ने कोर्ट से गैर जमानती वारंट हासिल किया।
एक नवंबर 2022: ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन को समन जारी किया।
तीन नवंबर 2022: सीएम ने ईडी से तीन सप्ताह का समय मांगा।
नौ नवंबर 2022: ईडी ने सीएम को दूसरा समन जारी कर 17 नवंबर को उपस्थित होने को कहा।
15 नवंबर 2022: सीएम के अपील को ईडी ने किया खारिज।
17 नवंबर 2022: ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए हाजिर हुए सीएम हेमंत सोरेन।