Jharkhand: चाईबासा में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच एनकाउंटर, जगुआर के सब इंस्पेक्टर व कांस्टेबल हुए शहीद
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के कोल्हान जंगल में 14 अगस्त की देर रात नक्सलियों व सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया। इस दौरान हुई एनकाउंटर में झारखंड जगुआर के पुलिस सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी व कांस्टेबल गौतम कुमार शहीद हे गये हैं। यह एनकाउंटर सोमवार की देर शाम लगभग 7:00 बजे टोंटो पुलिस स्टेशन एरिया अंतर्गत कोल्हान रिजर्व वन क्षेत्र के तुमबाहाका और सरजमबुरू के रास्ते में हुई है।
चाईबासा। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के कोल्हान जंगल में 14 अगस्त की देर रात नक्सलियों व सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया। इस दौरान हुई एनकाउंटर में झारखंड जगुआर के पुलिस सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी व कांस्टेबल गौतम कुमार शहीद हे गये हैं। यह एनकाउंटर सोमवार की देर शाम लगभग 7:00 बजे टोंटो पुलिस स्टेशन एरिया अंतर्गत कोल्हान रिजर्व वन क्षेत्र के तुमबाहाका और सरजमबुरू के रास्ते में हुई है।
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बताया जाता है कि नक्सल प्रभावित तुम्बाहाका में सीआरपीएफ का नया कैंप स्थापित हुआ है। इस कैंप से कुछ दूरी पर झारखंड जगुआर का भी कैंप है। सीआरपीएफ व झारखंड जगुआर के जवान एक कैंप से दूसरे कैंप में खाना भेज रहे थे। इसी दौरान नक्सलियों ने जंगल के रास्ते में घात लगा कर झारखंड जगुआर के जवानों पर हमला बोल दिया। इसमें दो जवान शहीद हो गये। इनमें अमित तिवारी, सब इंस्पेक्टर (2012 बैच) और गौतम कुमार, हवलदार है। एसआई को मुठभेड़ में सात-आठ गोली लगी है, जबकि कांस्टेबल को दो से तीन गोलियां लगी हैं। शहीद एसआई पलामू के रहने वाले थे। तीन दिन पहले ही उन्हें बेटा हुआ था। वह नक्सल ऑपरेैशन खत्म होने के बाद छुट्टी लेकर घर जाने की तैयारी कर रहे थे। जबकि सिपाही गौतम कुमार बिहार में आरा जिले के रहने वाले हैं। उनकी अनुकंपा पर बहाली हुई थी। दोनों बलिदानी जवानों के शव चॉपर के माध्यम से रांची लाकर शोक सलामी दी गयी।
एक घंटे तक चली एनकाउंटर
कहा जा रहा है कि पहले से घात लगाकर बैठे एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के दस्ते ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई। जवान अपने आप को बचाने के लिए जंगलों की आड़ में छुप गए। कुछ जवानों ने भी अपनी पोजीशन लेते हुए जवाबी फायरिंग की। लगभग एक घंटे चली एनकाउंटर के बाद नक्सली मौके से भाग निकले। तुम्बाहाका क्षेत्र नक्सलियों का गढ़ व सुरक्षित जोन माना जाता है। लेकिन पुलिस नक्सलियों के गढ़ में घुस कर अपना डेरा जमा चुकी है। इससे नक्सलियों में भारी आक्रोश है। पिछले दिनों पुलिस ने नक्सलियों का बड़ा बंकर व कैंप ध्वस्त किया था। सीआरपीएफ 60 वीं बटालियन का एक जवान एनकाउंटर में शहीद हो गया था।
11 अगस्त को मिसिर बेसरा के दस्ते के साथ हुई थी एनकाउंटर
सीआरपीएफ के अन्य कैंप से देर रात अतिरिक्त फोर्स एनकाउंटर स्थल भेजी गई। इसके बाद रात में ही पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। ऑपरेशन के दौरान झारखंड जगुआर के दो जवानों का शव जंगल में बरामद हुआ। तीन जवान सुरक्षित मिल गये।
नवजात बेटे का चेहरा देखे बगैर शहीद हो गए पुलिस सब इंस्पेक्टर अमित कुमार तिवारी, जल्दी घर जाने की थी तैयारी
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर पश्चिमी सिंहभूम जिले के कोल्हान जंगल में नक्सलियों के साथ एनकाउंटर में शहीद 2012 बैच के सब इंस्पेक्टर अमित कुमार तिवारी पलामू के रेहला पुलिस स्टेशन एरिया के तोलरा के रहने वाले थे। अमित कुमार तिवारी काफी मिलनसार प्रवृत्ति के थे। इलाके में उनकी एक मददगार छवि भी थी। तीन दिन पहले पुत्र रत्न की हुई थी प्राप्तिअमित के शहीद होने की खबर आने पर तोलरा गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है।अमित कुमार तिवारी को तीन दिन पहले ही पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी। वह अपने नवजात पुत्र का चेहरा देखे बगैर शहीद हो गये। अमित कुमार तिवारी के पिता देवेंद्र कुमार तिवारी पेशे से किसान हैं। जबकि चाचा निरंजन कुमार तिवारी भी चाईबासा में पुलिस इंस्पेक्टर हैं। वह धनबाद जिले में भी रह चुके हैं।
खूंटी के तोरपा, कर्रा थाना में थानदार रहे थे अमित
अमित कुमार तिवारी की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा तोलरा, रेहला से हुई। उच्च शिक्षा जीएलए काॅलेज मेदिनीनगर से की। 2012 बैच के सब इंसपेक्टर बनने के बाद उनकी पोस्टिंग अति उग्रवाद प्रभावित खूंटी जिला में हुई, जहां पीएलएफआई के गढ़ कर्रा, तोरपा में थाना प्रभारी के पद पर कार्य किया। इसके बाद पाकुड़ के मुफस्सिल में थाना प्रभारी रहे। बीते कुछ महीने पहले उनकी जगुआर में प्रतिनियुक्ति हुई थी। नक्सल विरोधी अभियान में अनुभव होने के कारण उनको जगुआर में आने के बाद में चाईबासा में नक्सल विरोधी अभियान लगाया गया था।
एनकाउंटर शहीद हुए भोजपुर के सपूत गौतम कुमार
पश्चिमी सिंहभूम टोंटा पुलिस स्टेशन एरिया के तुम्बा जंगल में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच एनकाउंटर में शहीद पुलिस हवलदार बिहार के भोजपुर जिले शाहपुर पुलिस स्टेशन एरिया के रंडाडीह गांव के निवासी थे। वर्तमान में गौतम कुमार झारखंड के जगुआर (एसटीएफ) में हवलदार थे। गौतम के शहीद की सूचना मिलते ही घर में कोहराम मच गया। सगे-संबंधियों की घर पर भीड़ जुट गई। सभी इस घटना से मर्माहत हैं।
पिता की मौत के बाद गौतम की अनुकंपा पर हुई थी नौकरी
शहीद गौतम पांच भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। जवान के पिता ज्वाला पासवान भी झारखंड पुलिस में कार्यरत थे, लेकिन बीमारी के कारण वर्ष 2013 में उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद गौतम की नौकरी अनुकंपा के आधार पर बाल सिपाही के पद पर वर्ष 2015 में हुई थी। शहीद गौतम की एक बहन रिंकु कुमारी हैं। भाई युगराज पासवान, गुलशन पासवान व मोहित पासवान है। शहीद हवलदार गौतम की अभी शादी नहीं हुई थी। हालांकि, रिश्ते को लेकर बातचीत चल रही थी।