झारखंड: रांची में जालसाजी, बेच दी गई आर्मी की जमीन... अफसरों सहित 10 लोगों पर FIR दर्ज करने का आदेश

झारखंड की राजधानी  रांची के बड़गाईं अंचल के मोरहाबादी मौजा की 4.55 एकड़ आर्मी की कब्जे वाली रैयती जमीन की फर्जी तरीके से खरीद-बिक्री करने का खुलासा हुआ है। मामले में बरियातू पुलिस स्टेशन को FIR दर्ज करने का आदेश दिया गया है। यह आदेश ज्यूडशियल मजिस्ट्रेट अशोक कुमार की कोर्ट ने दिया है।

झारखंड: रांची में जालसाजी, बेच दी गई आर्मी की जमीन... अफसरों सहित 10 लोगों पर FIR दर्ज करने का आदेश

रांची। झारखंड की राजधानी  रांची के बड़गाईं अंचल के मोरहाबादी मौजा की 4.55 एकड़ आर्मी की कब्जे वाली रैयती जमीन की फर्जी तरीके से खरीद-बिक्री करने का खुलासा हुआ है। मामले में बरियातू पुलिस स्टेशन को FIR दर्ज करने का आदेश दिया गया है। यह आदेश ज्यूडशियल मजिस्ट्रेट अशोक कुमार की कोर्ट ने दिया है। 

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कोर्ट ने रांची के दो रजिस्ट्रार घासी राम पिगुआ व वैभव मनी त्रिपाठी, नगर आयुक्त मुकेश कुमार, बड़गाईं के सीओ मनोज कुमार, फर्जी रैयत प्रदीप बागची, खरीदार जगतबंधु टी-इस्टेट के डायरेक्टर दिलीप कुमार घोष, जयप्रकाश नारायण सिन्हा, मेसर्स गोयल बिल्डर्स अपर बाजार के निदेशक, मोहम्मद जैकुल्लाह और मानवेंद्र प्रसाद के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। इन लोगों जान बूझकर फर्जीवाड़ा कर दूसरे की जमीन की खरीद-बिक्री का आरोप है। दिलीप कुमार घोष ने सात करोड़ रुपये में प्रदीप बागची नामक कथित रैयत से सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन खरीदी थी। सोर्सेज का कहना है कि दिलीप कुमार घोष पहले मिहिजाम वनस्पति लिमिटेड के एमडी थे। मिहिजाम वनस्पति लिमिटेड के एमडी अमित अग्रवाल के ठिकाने पर दो साल पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट रेड की थी।अमित अग्रवाल के करीबी रवि केजरीवाल से ईडी ने दो दिन पहले ही पूछताछ की है।

कमिश्नर की रिपोर्ट में जमीन का असली मालिक जयंत करनाड

आर्मी के कब्जे वाली जमीन पर विवाद होने के बाद पूरे मामले की जांच दक्षिणी छोटानागपुर के प्रमंडलीय आयुक्त उप निदेशक कल्याण से कराई थी। उन्होंने पिछले वर्ष 20 दिसंबर 2021 को जांच रिपोर्ट आयुक्त को सौंपी थी। जांच रिपोर्ट के अनुसार उक्त जमीन से संबंधित खतियान प्रमोद नाथ दास गुप्ता वल्द बाबु प्रताप नाथ दास गुप्ता के नाम पर है। वर्तमान में उक्त भूमि पर आर्मी का दखल-कब्जा है। खतियानी रैयद प्रमोद नाथ दास गुप्ता की एकमात्र पुत्री सरस्वती दास गुप्ता थी, जिनके हसबैंड मुंजेश्वर लक्ष्मण राव थे। उनके एक पुत्र बी. मुंजेश्वर मुकुंद राव व पुत्री मालती करनाड हुईं। पुत्र बी. मुंजेश्वर मुकुंद राव को कोई संतान नहीं था। जबकि, मालती करनाड को एक बेटा जयंत करनाड हुए। मालती करनाड की मृत्यु के बाद वही उस भुखंड 4.55 एकड़ के एक मात्र उत्तराधिकारी हुए। कोर्ट में भी इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि आर्मी के कब्जे वाली जमीन के असली मालिक जयंत करनाड हैं। आयुक्त की रिपोर्ट में इसका उल्लेख है कि वर्ष 1967 से 2017 तक विभिन्न न्यायालयों ने खतियानी रैयत के वंशजों को उक्त भूमि का मालिक स्वीकार किया है।

प्रदीप बागची के दावे गलत, फर्जीवाड़े की पुष्टि

आयुक्त की रिपोर्ट के अनुसार आर्मी के कब्जे वाली जयंत करनाड की जमीन पर प्रदीप बागची नामक व्यक्ति ने दावा ठोका। गलत तरीके से दिलीप कुमार घोष को गलत दस्तावेज पर रजिस्ट्री कर दी। इस फर्जीवाड़े में सरकारी अफशरों की भी मिलीभगत है। आयुक्त कार्यालय की रिपोर्ट में पंजी-टू के रैयत जयंत करनाड ने वर्ष 2019 में 13 रैयतों को निबंधित दस्तावेज से बिक्री की थी, जिनके दाखिल खारिज को बड़गाइ अंचल ने यह कहते हुए अस्वीकृत किया कि उक्त जमीन पर उनका कब्जा नहीं, आर्मी का कब्जा है। दूसरे कथित रैयत प्रदीप बागची ने वर्ष 2021 में आनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से पोजेशन सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, बिजली बिल देकर रांची नगर निगम से होल्डिंग करवा लिया गया।नगर निगम ने भी बिना भौतिक सत्यापन के होल्डिंग कायम किया। आयुक्त कार्यालय ने अफशरों की भूमिका पर भी सवाल उठाया था और अपने निष्कर्ष में प्रदीप बागची के निबंधित दस्तावेज पर सवाल उठाते हुए कपटपूर्ण निबंधित कराने के आरोपों को सही पाया था।