झारखंड: ड्यूटी के बाद प्राइवेट हॉस्पिटल, नर्सिंग होम में प्रैक्टिस कर सकेंगे गवर्नमेंट डॉक्टर
झारखंड के गवर्नमेट डॉक्टर्स को ड्यूटी के बाद प्राइवेट हॉस्पिटल, नर्सिंग होम एवं डायग्नोस्टिक सेंटरों में निजी प्रैक्टिस की छूट बरकरार रहेगी। वैसे डॉक्टर जिन्हें नन प्रैक्टिस एलाउंस (एनपीए) नहीं मिलता है उन्हें ही यह छूट मिलेगी।
- नन प्रैक्टिस एलाउंस नहीं मिलने वालों को ही मिलेगी यह छूट
- डाक्टरों की हेल्थ मिनिस्टर से बातचीत सफल
रांची। झारखंड के गवर्नमेट डॉक्टर्स को ड्यूटी के बाद प्राइवेट हॉस्पिटल, नर्सिंग होम एवं डायग्नोस्टिक सेंटरों में निजी प्रैक्टिस की छूट बरकरार रहेगी। वैसे डॉक्टर जिन्हें नन प्रैक्टिस एलाउंस (एनपीए) नहीं मिलता है उन्हें ही यह छूट मिलेगी।
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हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता के साथ शनिवार को डोरंडा स्थित योजना भवन के सभागार हुई आइएमए, झारखंड तथा झासा के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में इसपर सहमति बनी। बैठक में निजी प्रैक्टिस से छूट से संबंधित नोटिफिकेशन के उस प्रावधान पर पुनर्विचार करने का आश्वासन भी मिला, जिसमें कहा गया है कि गवर्नमेंट डॉक्टर प्राइवेट हॉस्पिटल में केवल आउटडोर प्रैक्टिस कर सकते हैं इनडोर नहीं।
कुछ शर्तों के साथ चार हॉस्पिटल में कर सकेंगे इलाज
बैठक में इसपर भी सहमति बनी कि आयुष्मान भारत योजना के तहत गवर्नमेंट डॉक्टर कुछ शर्तों के साथ अधिकतम चार अस्पतालों में इलाज कर सकेंगे। इसमें डिपार्टमेंट यह सुनिश्चित कर लेगा कि उक्त डॉक्टर गवर्नमेंट हॉस्पिटल में ड्यूटी के बाद ही प्राइवेट हॉस्पिटल में आयुष्मान भारत के तहत इलाज करता हो। साथ ही वह गवर्नमेंट हॉस्पिटल में पूरी ईमानदारी के साथ सेवा देता हो। झारखंड आरोग्य सोसाइटी द्वारा प्रैक्टिस करने से संबंधित जो पत्र है उसे और स्पष्ट किया जाएगा। बैठक में क्लिनिकल इंस्टैब्लिसमेंट एक्ट के कुछ प्रविधानों में संशोधन पर भी चर्चा हुई। इसमें कहा गया कि आइएमए और झासा दूसरे राज्यों में लागू कानून का अध्ययन कर आवश्यक सुझाव दे। राज्य सरकार उसपर विचार करेगी। यह भी कहा गया कि हरियाणा की तर्ज पर 50 बेड से कम बेड वाले हॉस्पिटलको इससे छूट देने पर विचार किया जायेगा। बैठक में आयुष्मान भारत के तहत अस्पतालों के बकाया का मामला भी उठा। इसमें अस्पतालों की सूची देने को कहा गया ताकि उनका शीघ्र भुगतान हो।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह व अन्य पदाधिकारी के साथ आइएमए के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह, सचिव डा. प्रदीप कुमार, झासा के डा. विमलेश सिंह व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
डॉक्टर्स ने दिया था 15 दिनों का अल्टीमेटम
प्राइवेट हॉस्पिटल में प्राइवेट प्रैक्टिस करने की रोक हटाने को लेकर आइएमए और झासा ने राज्य सरकार को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया था। रोक नहीं हटाने पर सामूहिक हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी।
मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट पर सीएम करेंगे विमर्श
हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करेगी। इससे संबंधित प्रोपोजल पर सीएम ने विमर्श के लिए बुलाया है। उन्होंने कहा कि जनहित को ध्यान में रखकर ही यह कानून लागू किया जायेगा।