झारखंड: जामताड़ा के स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी मामले पर सरकार गंभीर दिए जांच के आदेश
झारखंड के स्कूलों (उर्दू स्कूल को छोड़कर) में शुक्रवार को हो रहे अवकाश की जांच होगी। जामताड़ा जिले में एक सौ अधिक स्कूलों में रविरा की जगह जबरन शुक्रवार को अवकाश दिया जा रहा है। इस मामले में एक एमएलए का भी नाम आ रहा है। झारकंड गवर्नमेंट ने मामले में जांच का आदेश दिया है।
- जबरन छुट्टी मामले में एमएलए का नाम सामने आया
- एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो ने एक सप्ताह में जांच करा मांगी रिपोर्ट
रांची। झारखंड के स्कूलों (उर्दू स्कूल को छोड़कर) में शुक्रवार को हो रहे अवकाश की जांच होगी। जामताड़ा जिले में एक सौ अधिक स्कूलों में रविरा की जगह जबरन शुक्रवार को अवकाश दिया जा रहा है। इस मामले में एक एमएलए का भी नाम आ रहा है। झारखंड गवर्नमेंट ने मामले में जांच का आदेश दिया है।
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एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो ने एक सप्ताह में जामताड़ा सहित पूरे स्टेट में इसकी जांच करा कर रिपोर्ट देने को कहा है। उन्होंने कहा , शिक्षक हों या अफसर, इस मामले जो भी जिम्मेदार होंगे, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। एजुकेशन मिनिस्टर ने जामताड़ा के जिला शिक्षा पदाधिकारी, सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों तथा बीआरसी -सीआरसी के पदाधिकारियों को तलब किया है। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा निदेशक दिलीप टोप्पो तथा राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी व अन्य विभागीय पदाधिकारियों की उपस्थिति में जामताड़ा के अफसरों से मामले की जानकारी ली।जामताड़ा के अफसरों ने स्वीकार किया जिले के के कई स्कूलों में ऐसा हुआ है। इसपर मंत्री ने उन्हें फटकार लगाते हुए इसके लिए उन्हें भी जिम्मेदार ठहराया। उन्हों ने कहा कि सभी जिलों से इसकी रिपोर्ट मंगाई जाए। इसमें जो जिम्मेदार हैं, उन्हें शो -काज पूछा जाए। यदि शो-काज का संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए। मंत्री ने कहा कि सादा पन्ना में सिर्फ जानकारी नहीं, पूरी रिपोर्ट उन्हें चाहिए।
स्कूल का नाम बदल गया क्या कर रहे थे अफसर
मिनिस्टर ने जामताड़ा जिले के अफसरों को जिम्मेदार ठहराते हुए पूछा कि वे आखिर स्कूलों का भ्रमण क्यों नहीं कर रहे थे? यदि स्कूलों का नाम बदला गया और उनको इसकी जानकारी थी तो उसपर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा कि आप लोग क्या -क्या करके रखे हैं वह समझ से बाहर है। कोई भी चीज कानून के अनुसार होता है।जामताड़ा के अफसरों ने सपाई दी कि लाकडाउन के समय स्कूल भवनों में लिखे स्कूल के नाम में उर्दू शब्द जोड़ दिया गया। विद्यालय प्रबंधन समिति को भी जिम्मेदार ठहराया। इसपर मिनिस्टर ने सवाल उठाया कि विद्यालय प्रबंध समिति का आदेश चलेगा या विभाग का। उनका कानून नहीं, विभाग का कानून चलेगा।
मंगलवार को अवकाश मांगेगा तो दे देंगे क्या ?
जगरनाथ महतो ने अफसरों को फटाकर लगाते हुए कहा कि कुछ लोग बजरंग बली की पूजा के लिए मंगलवार को अवकाश मांगेगा तो दे देंगे क्या ? फिर स्कूलों में शुक्रवार को अवकाश क्यों दिया जा रहा था ? यह मामला विभाग के सामने पहले क्यों नहीं आया ?अफसरों ने मिनिस्टर को बताया कि कि जामताड़ा में आठ ही उर्दू स्कूल हैं, जिनमें शुक्रवार को अवकाश स्वीकृत है। वर्ष 2021 में शुक्रवार के अवकाश को खत्म कर रविवार को कर दिया गया था , लेकिन बाद में शुद्धि पत्र निकालकर शुक्रवार को अवकाश किया गया। मिनिस्टर ने कहा कि उर्दू स्कूलों में शुक्रवार को अवकाश हो सकता है, लेकिन गैर उर्दू स्कूलों में शुक्रवार को अवकाश क्यों होगा ? फिर क ई सामान्य स्कूल को उर्दू स्कूल कैसे घोषित कर नाम बदल देगा ? विभाग को यह बर्दाश्त नहीं हो गा। मिनिस्टर ने पूछा कि जामताड़ा में कितने सामान्य स्कूलों में शुक्रवार को अवकाश दिया जा रहा है, इसपर अफसरों ने गोल-मटोल जबाव देते 49 स्कूलों में ऐसा होने की बात स्वीकार की । हालांकि वहां सौ से अधिक स्कूलों में ऐसा हो रहा है।
एमएलए के प्रेशर में शुक्रवार को दिया जाने लगा अवकाश !
जामताड़ा के स्कूलों के नाम बदले जाने तथा वहां शुक्रवार को अवकाश दिये जाने के मामले में एख एमएलए का नाम भी आ रहा है। सोर्सेज का कहना है कि एजुकेशन मिनिस्टर द्वारा तलब किये गये जामताड़ा के एक अफसर ने उनके सामने स्वीकार किया कि कुछ लोकल लोगों के दबाव के कारण वे कुछ नहीं कर पा रहे थे। एमएलए का भी प्रेशर था। हा लां कि उसने एमएलए का नाम नहीं लिया। इसपर मिनिस्टर ने उससे पूछा कि यदि कोई दबाव डालकर गलत काम करेगा तो कैसे करने देंगे। इस मामले को डीसी - एसपी के सामने क्यों नहीं लाया गया।
जामताड़ा के जिला शिक्षा पदाधिकारी की लापरवाही उजागर
जामताड़ा में सौ से अधिक स्कूलों में शुक्रवार को अवकाश दिए जाने तथा स्कूलों के नाम में उर्दू शब्द को जोड़ने के पूरे मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी अभय शंकर की लापरवाही और उदासीनता सामने आ रही है। ब्लॉक के अफसरों द्वारा उन्हें बार-बार इसकी जानकारी दी जा रही थी, लेकिन उन्होंने न तो इसकी जानकारी विभा गीय पदाधिकारियों को दी या नही स्वयं कोई कार्रवाई की। मिनिस्टर की बैठक में एक प्रखंड समन्वयक पूरा दस्तावेज लेकर आया था कि उसने कब-कब इसकी जानकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी थी। निरीक्षण में जानकारी मिलने पर उन्होंने संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों या प्रभारी शिक्षकों को शो -काज भी पूछा था। इसकी प्रतिलिपि जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी दी थी , लेकिन वे चुप बैठे रहे। एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो के समक्ष ही प्रखंड समन्वयक ने कहा कि गुरु गोष्ठी में भी इसकी जानकरी जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी गई थी वहीं , मिनिस्टर के समक्ष जिला शिक्षा पदाधिकारी उसी समन्वयक को बार-बार जवाब देने को कह रहे थे।
फ्लैश बैक
बताया जाता है कि जामताड़ा जिले के कई स्कूलों में स्थानीय मुस्लिमों के दबाव में रविवार को होने वाला साप्ताहिक अवकाश बदलकर शुक्रवार को कर दिया गया था।, जामताड़ा के करमाटांड और नारायणपुर गांवों के प्राथमिक विद्यालयों में साप्ताहिक अवकाश का दिन बदल दिया गया है। इन स्कूपरसेंट फीसदी छात्र मुस्लिम परिवारों से आते हैं। शुक्रवार को स्कूल बंद करने की एक मुख्य वजह यह है कि मुसलमान शुक्रवार की नमाज अदा करते हैं। इन स्कूलों के नोटिस बोर्ड पर साप्ताहिक अवकाश में बदलाव का भी उल्लेख है।
स्कूलों के नाम के आगे जोड़ दिया था 'उर्दू'
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 1,084 प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं, जिनमें से केवल 15 विद्यालय उर्दू विद्याललोकल स्थानीय लोगों के दबाव के कारण दर्जनों अन्य स्कूलों को भी कथित तौर पर उर्दू स्कूल बना दिया गया था। इन स्कूलों के नाम के आगे 'उर्दू' शब्द जोड़ दिया गया था।