Jharkhand:इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की बेनामी संपत्ति मामले में बड़ा एक्शन, रांची में 1400 एकड़ से ज्यादा जमीन जब्त

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट झारखंड की राजधानी राांची के ने बुंडू अनुमंडल क्षेत्र में तैमारा गांव के समीप कोड़दा स्थित दशम फाल के पास 1400 एकड़ से अधिक भूमि को गुरुवार को अस्थायी रूप से जब्त की है।

Jharkhand:इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की बेनामी संपत्ति मामले में बड़ा एक्शन, रांची में 1400 एकड़ से ज्यादा जमीन जब्त
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट।
  • रांची के बुंडू अनुमंडल के तैमारा गांव के समीप दशम फाल के पास है यह जमीन
  • कोसी कंसल्टेंट के नाम पर खरीदी गई थी जमीन
  • बिजनसमैनपवन बजाज से जुड़ी बताई जा रही है जमीन
  • इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सक्षम प्राधिकार की सहमति के बाद स्थायी रूप से जब्त की जायेगी जमीन

रांची। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट झारखंड की राजधानी राांची के ने बुंडू अनुमंडल क्षेत्र में तैमारा गांव के समीप कोड़दा स्थित दशम फाल के पास 1400 एकड़ से अधिक भूमि को गुरुवार को अस्थायी रूप से जब्त की है। जमीन जब्त करने की यह कार्रवाई इनकम टैक्स डिपार्टमेंट  की बेनामी संपत्ति इकाई ने की है। इससे संबंधित आदेश आयकर विभाग के पटना स्थित बिहार-झारखंड हेडक्वार्टर ने जारी किया है।

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वर्ष 2021 में पवन बजाज के ठिकानों पर की गई थी कार्रवाई
यह जमीन कोसी कंसल्टेंट के नाम पर खरीदी गई थी। यह कंपनी झारखंड के बिजनसमैन पवन बजाज की कंपनी शाकंबरी कंस्ट्रक्शन कंपनी की सहयोगी कंपनी बताई जा रही है। यह भी पढ़ें: ने वर्ष 2021 में पवन बजाज के ठिकानों पर रेड की थी, जिसमें करोड़ों की टैक्स चोरी का मामला सामने आया था। रेड में उक्त जमीन से संबंधित दस्तावेज मिले थे। हालांकि, जांच में इस जमीन का मालिकाना हक किसी दूसरे के नाम पर मिला।  इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने जब इस जमीन के कागजात की तह को खंगाला तो बेनामी संपत्ति से जुड़ा मामला सामने आया। इसके बाद ही इसकी अस्थाई रूप से जब्ती की गयी है।

बिहार-झारखंड की अब तक की सबसे बड़ा एक्शन
अस्थायी रूप से जब्ती का यह मामला नियमानुसार  इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सक्षम प्राधिकार के यहां सुनवाई के लिए जायेगा। सक्षम प्राधिकार की सहमति के बाद ही इसकी स्थायी रूप से जब्ती होगी। यह बिहार-झारखंड में अब तक की सबसे बड़ी जब्ती बताई जा रही है। इस जमीन की कीमत अरबों में आंकी जा रही है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कोसी कसल्टेंट के माध्यम से हुई जमीन व फ्लैट की खरीद-बिक्री की जानकारी जुटानी शुरू की थी। जिसके बाद उक्त जमीन की जानकारी मिली थी। उक्त जमीन गैरमजरूआ, रैयती व वन भूमि की है, जिसकी रजिस्ट्री गलत तरीके से हुई थी।