झारखंड: अपनी ही गवर्नमेंट के खिलाफ JMM MLA लोबिन हेम्ब्रम ने शुरू किया जनसंपर्क यात्रा, घर छोड़कर निकले

जेएमएम के बोरियो एमएलए लोबिन हेम्ब्रम 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय व नियोजन नीति बनाने के लिए सरकार पर दवाब बनाने के उद्देश्य से मंगलवार को घर छोड़कर निकल गये। लोबिन गोड्डा जिले के नूनाजोर स्थित अपने घर से दिन10 बजे वह अपने समर्थकों के साथ रवाना हुए।

झारखंड: अपनी ही गवर्नमेंट के खिलाफ JMM MLA लोबिन हेम्ब्रम ने शुरू किया जनसंपर्क यात्रा, घर छोड़कर निकले
  • 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय व नियोजन नीति बनाने
  • एसपीटी एवं सीएनटी एक्ट को सख्ती से लागू करने की मांग
साहिबगंज। जेएमएम के बोरियो एमएलए लोबिन हेम्ब्रम 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय व नियोजन नीति बनाने के लिए सरकार पर दवाब बनाने के उद्देश्य से मंगलवार को घर छोड़कर निकल गये। लोबिन गोड्डा जिले के नूनाजोर स्थित अपने घर से दिन10 बजे  अपने समर्थकों के साथ रवाना हुए।
नूनाजोरसे वह बोरियो पहुंचे, जहां कार्यकर्ताओं से भेंट मुलाकात की। पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। आगामी यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं। यहां से लोबिन बरहेट के भोगनाडीह पहुंचे। सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद वहां की मिट्टी से तिलक कर उनके वंशजों से मिलें। पाकुड़ में भी सभा को संबोधित किया इसके बाद रांची जायेंगे। इसके बाद का कार्यक्रम अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन 15 अप्रैल को घाटशिला में होनेवाले महाजुटान में वह शामिल होंगे।लोबिन पूरे एक माह तक राज्य के विभिन्न जिलों की यात्रा करेंगे। इसके बाद अपने घर लौटेंगे। 
राज्य सरकार में बहारियों का बोलबाला : लोबिन
को गोकुलपुर आम बगान में बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार में बहारियों का बोलबाला है। यहां के आदिवासी और मूलवासियों को हर हाल में अपना हक और अधिकार चाहिए। इसके लिए मैं घर से बाहर निकल चुका है।आगे की रणनीति तय होगी। लोबिन ने कहा कि आज अपने ही राज्य और सरकार से हमें अपना अधिकार भीख की तरह मांगना पड़ रहा है।  
उल्लेखनीय है कि इससे पहले स्‍थानीय व नियोजन नीति की मांग को लेकर लोबिन ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल कर सरकार को पशोपेश में डाल दिया था। अब झामुमो छोड़ चुके सिल्‍ली के एक्स एमएलए अमित महतो ने धनबाद-बोकारो में लोगों को अपने साथ मिलाकर स्‍थानीय नीति की मांग तेज कर दी है।
यह सत्ता परिवर्तन नहीं झारखंड के आदिवासियों और मूलवासियों के अधिकार की लड़ाई
पाकुड़ गोकुलपुर आम बगान में केकेएम कालेज आदिवासी छात्रसंघ के आह्वान पर आयोजित खतियान महाजनआंदोलन कार्यक्रम कोसंबोधित करते हुए लोबिन हेब्रम ने कहा कि यह सत्ता परिवर्तन नहीं झारखंड के आदिवासियों और मूलवासियों के अधिकार की लड़ाई है। जब तक हमें अपना हर और अधिकार नहीं मिलेगा तबतक हम चुप नहीं बैठेंगे। वर्तमान राज्य सरकार में बहारियों की चल रही है।  लोबिन ने कहा कि चुनाव के समय सभी सभा में हेमंत सोरेन यह घोषणा करते फिर रहे थे कि जब उनकी सरकार बनेगी तो सबसे पहले 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति और नियोजन नीति बनाई जायेगी। सत्ता मिलने के बाद सरकार इससे मुकर रही है। जिस दिन विधानसभा में हेमंत सोरेन ने यह कह दिया कि 1932 के आधार पर नियोजन नीति नहीं बन सकती। यह कोर्ट में खारिज हो जायेगा। उसी दिन यह समझ में आ गया कि यह सरकार अपने चुनावी वादे से मुकर रही है। हेमंत सोरेन ने जनता से वादा खिलाफी की है। इतना ही नहीं चुनाव में समय सरकार ने पांच लाख बेरोजगारों को नौकरी देने का वादा किया था। सीएनटी और एसपीटी एक्ट को सख्ती से लागू करने की बात कही थी लेकिन सरकार ने कुछ भी नहीं किया है। 
 
पांच मई को झारखंड बंद 
लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि आज वे अपने घर से निकल चुके हैं। जब तक ये सरकार उनकी बातों को नहीं मानती। 1932 खतियान के आधार पर नियोजन नीति की घोषणा नहीं करती वे घर वापस नहीं लौटेंगे। अलग अलग जगहों पर कार्यक्रम कर लोगों को बतायेंगे कि सरकार कैसे अपने वादे से मुकर रही है। उन्होंने आगे कहा यदि सरकार अप्रैल में नियोजन नीति की घोषणा नहीं करती है तो पांच मई को झारखंड बंद किया जायेगा।
 
नैतिकता और सिद्धांत की  पाठ न पढ़ाएं स्टीफन 
लोबिन ने स्टीफन मरांडी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्टीफन मरांडी अपने गिरेबां में झांके। इसे पहले उनसे एक डुगडुगिया पार्टी बनाया था फिर जाकर वे कांग्रेस में शामिल हुए। कांग्रेस में जब सम्मान नहीं मिला तो झामुमो में ठौर ठिकान तलाशा। आज हमें ही नैतिकता और सिद्धांत की पाठ पढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुरुजी शिबू सोरेन हमारे गुरु हैं। उनकी अंगुली पकड़कर ही हमनें राजनीति सीखी है। उन्होंने ही आदिवासियों और मूलवासियों के हक के लिए लड़ने की सीख दी है। गुरुजी हमारे दिल में हैं।