Jharkhand: मुख्तार गैंग का शार्प शूटर अनुज कन्नौजिया एनकाउंटर में मारा गया, UP पुलिस ने रखा था ढाई लाख का इनाम
उत्तर प्रदेश के मुख्तार अंसारी गैंग का कुख्यात शूटर अनुज कन्नौजिया शनिवार 29 मार्च की राक एनकाउंटर में मारा गया। दो माह से जमशेदपुर के गोविंदपुर में रह रहे ने अनुज कन्नौजिया को यूपी एसटीएफ व झारखंड पुलिस की ज्वाइंट टीम ने ढ़ेर किया है।

- यूपी एसटीएफ व झारखंड पुलिस की ज्वाइंट टीम ने जमशेदपुर में किया ढ़ेर
- दो माह से गोविंदपुर के अमलताश सिटी में छुपा था यूपी का मोस्ट वांटेड
- पुलिस और क्रिमिनल की ओर के बीच चली 70 राउंड गोलियां चली
- यूपी एसटीएफ के डीएसपी को भी एनकाउंटर में लगी गोली
जमशेदपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्तार अंसारी गैंग का कुख्यात शूटर अनुज कन्नौजिया शनिवार 29 मार्च की राक एनकाउंटर में मारा गया। दो माह से जमशेदपुर के गोविंदपुर में रह रहे ने अनुज कन्नौजिया को यूपी एसटीएफ व झारखंड पुलिस की ज्वाइंट टीम ने ढ़ेर किया है।
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दो पिस्टल बरामद, एसटीएफ के सीओ को लगी गोली
एनकाउंटर स्थल से पुलिस ने क्रिमिनल अनुज कन्नौजिया के पास से अत्याधुनिक दो पिस्टल की बरामदगी की है। इनमें एक नाइन एमएम और दूसरा .32 बोर का है।नाइन एमएम का पिस्टल आर्मी और पुलिस अफसर उपयोग करते है। झारखंड पुलिस के साथ ज्वाइंट क्त कार्रवाई में एसटीएफ के सीओ डीके शाही भी गोली लगने से घायल हुए हैं। उनकी हालत खतरे से बाहर बतायी जा रही है। अनुज पर गाजीपुर, मऊ व अन्य जिलों में कई मुकदमे दर्ज थे। उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था, जिसे बीते दिनों डीजीपी ने ढाई लाख रुपये कर दिया था।गोविंदपुर के भूमिहार सदन के पास उत्तर प्रदेश एसटीएफ (गोरखपुर यूनिट) और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने कुख्यात शूटर को घेर लिया। इसके बाद दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई। एनकाउंटर में अनुज कन्नौजिया को पुलिस ने मार गिराया। अनुज पर 2.5 लाख रुपये का इनाम था और पुलिस को कई संगीन मामलों में उसकी तलाश थी। पुलिस ने मौके से हथियार और अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किया है। इसकी जानकारी यूपी एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने दी।
अनुज पर 23 से अधिक मामले
अनुज पर 23 से अधिक मुकदमे दर्ज थे, वह लंबे समय से फरार चल रहा था। यूपी पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुटी थी। आखिरकार शुक्रवार की रात को अनुज को ढूंढने में पुलिस को कामयाबी मिली, लेकिन मुठभेड़ होने के कारण वह मारा गया। शनिवार रात पुलिस उसके ठिकाने पर पहुंची। चारों ओर से पुलिस ने घेराबंदी कर रखा था जैसे ही पुलिस ने क्रिमिनल के ठिकाने पर दस्तक दी। क्रिमिनल ने अंदर से गोलियां चला दी। गोली एसटीएफ के डीएसपी को लगी जवाब में एसटीएफ की ओर से भी गोलियां दागी गई। दोनों ओर से 60 से 70 राउंड गोलियां चली।
माफिया मुख्तार अंसारी गैंग का शार्प शूटर अनुज कन्नौजिया कई वर्षों से फरार था। डीजीपी ऑफिस ने बीते गुरुवार को ही उस पर इनाम की राशि एक लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये की थी। अनुज मऊ के चिरैयाकोट के बहलोलपुर गांव का रहने वाला था और उसके खिलाफ मऊ, आजमगढ़ और गाजीपुर जिलों के थानों में गैंग्स्टर एक्ट, आर्म्स एक्ट, गुंडा एक्ट आदि धाराओं में 23 मुकदमे दर्ज थे। वह पिछले पांच वर्षों से पुलिस को चकमा दे रहा था।पुलिस के अनुसार उसके खिलाफ मऊ जिले के कोतवाली थाने में सबसे ज्यादा छह मुकदमे दर्ज थे। इसके अलावा रानीपुर में पांच, दक्षिण टोला में दो और चिरैयाकोट में तीन मुकदमे दर्ज थे। गाजीपुर और आजमगढ़ में भी उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में कई मुकदमे दर्ज थे।
एक लाख रुपये का इनाम बढ़ाकर किया गया था ढाई लाख
अनुज पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस पहले भी कई प्रयास कर चुकी है। सबसे पहले अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन ने उसके ऊपर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। प्रशासन ने उस पर दबाव बढ़ाने के लिए पिछले दिनों आजमगढ़ स्थित उसके घर को बुलडोजर से गिरा दिया गया था। इसके अलावा, उसके परिवार वालों पर भी गैंग्स्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई और जेल भेज दिया गया।
पांच सालों से पुलिस को दे रहा था चकमा
माफिया मुख्तार अंसारी गैंग का शार्प शूटर अनुज कन्नौजिया कई वर्षों से फरार था। डीजीपी कार्यालय ने बीते गुरुवार को ही उस पर इनाम की राशि एक लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये की थी। अनुज मऊ के चिरैयाकोट के बहलोलपुर गांव का रहने वाला था और उसके खिलाफ मऊ, आजमगढ़ और गाजीपुर जिलों के थानों में गैंग्स्टर एक्ट, आर्म्स एक्ट, गुंडा एक्ट आदि धाराओं में 23 मुकदमे दर्ज थे। वह पिछले पांच वर्षों से पुलिस को चकमा दे रहा था।पुलिस के अनुसार उसके खिलाफ मऊ जिले के कोतवाली थाने में सबसे ज्यादा छह मुकदमे दर्ज थे। इसके अलावा रानीपुर में पांच, दक्षिण टोला में दो और चिरैयाकोट में तीन मुकदमे दर्ज थे। गाजीपुर और आजमगढ़ में भी उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में कई मुकदमे दर्ज थे। अनुज पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस पहले भी कई प्रयास कर चुकी है। सबसे पहले अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन ने उसके ऊपर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।प्रशासन ने उस पर दबाव बढ़ाने के लिए पिछले दिनों आजमगढ़ स्थित उसके घर को बुलडोजर से गिरा दिया गया था। इसके अलावा, उसके परिवार वालों पर भी गैंग्स्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई और जेल भेज दिया गया।
हाथों से करता था फायरिंग
यूपी एसटीएफ के डीएसपी डीके शशि ने बताया कि कई जिलों में वांछित अनुज की तलाश लंबे समय से जारी थी। मुखबिर की सूचना और मोबाइल सर्विलांस के जरिए उसकी लोकेशन का पता चला, जिसके बाद यह ऑपरेशन शुरू हुआ।डीएसपी डीके शशि ने एनकाउंटर के बाद घटना का पूरा ब्योरा शेयर किया। उन्होंने कहा कि अनुज कनौजिया कोई साधारण अपराधी नहीं था। वह कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी का भरोसेमंद शूटर था, जिसके खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हत्या, लूट और रंगदारी जैसे संगीन मुकदमे दर्ज थे। उसकी हरकतों ने पुलिस के लिए चुनौती खड़ी कर रखी थी। काफी दिनों से हम उसकी तलाश में जुटे थे। उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में एक मुखबिर ने सूचना दी कि अनुज जमशेदपुर में कहीं छिपा हुआ है।हमने तुरंत उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उसके मोबाइल को सर्विलांस पर डाल दिया। तकनीकी जांच से उसकी सटीक लोकेशन का पता चला।वह गोविंदपुर थाना क्षेत्र के अमलतास सिटी में शरण लिए हुए था। इसके बाद हमने झारखंड एटीएस के साथ मिलकर एक संयुक्त अभियान की योजना बनायी।
पुलिस रेड और सरेंडर का मौका
डीएसपी शशि के अनुसार, शनिवार देर रात लगभग 10:30 बजे दोनों राज्यों की पुलिस टीम ने अमलतास सिटी के उस ठिकाने को घेर लिया, जहां अनुज छिपा था। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद उसे जिंदा पकड़ना था।इसलिए हमने पहले इलाके की घेराबंदी की और फिर उसे आत्मसमर्पण करने का मौका दिया। हमने जोर-जोर से आवाज लगाई कि वह हथियार डाल दें और बाहर आ जाए, लेकिन उसने हमारी एक न सुनी।शशि ने बताया कि अनुज ने न सिर्फ सरेंडर से इनकार किया, बल्कि पुलिस पर हमला बोल दिया। उसने अचानक गोलियां चलानी शुरू कर दी। उसकी फायरिंग इतनी तेज थी कि हमें तुरंत जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। हमने उसे बार-बार समझाने की कोशिश की, लेकिन वह रुकने को तैयार नहीं था।
पुलिस पर बम से हमले की कोशिश
एनकाउंटर के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ। डीएसपी शशि ने कहा कि अनुज ने सिर्फ गोलियां ही नहीं चलाई, बल्कि उसने पुलिस पर बम से हमला करने की कोशिश भी की।वह अपने ठिकाने से एक बम निकालकर लाया और उसे फेंकने की तैयारी में था। लेकिन हमारी टीम की सतर्कता के चलते वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सका। बम फेंकने से पहले ही हमने उसे निशाना बना लिया।
घंटे भर चली एनकाउंटर
डीएसपी शशि ने कहा कि दोनों तरफ से करीब एक घंटे तक गोलीबारी चली। अनुज अपनी पोजीशन बदल-बदलकर फायरिंग कर रहा था, लेकिन हमारी टीम ने उसे चारों ओर से घेर रखा था। आखिरकार, हमारी जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। उन्होंने यह भी बताया कि एनकाउंटर के बाद जब पुलिस ने उसके ठिकाने की तलाशी ली, तो वहां से एक बम बरामद हुआ। यह बम इस बात का सबूत है कि अनुज किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था। उसकी मौत से एक खतरनाक साजिश नाकाम हो गयी।डीएसपी डीके शशि ने इस ऑपरेशन को पुलिस की मेहनत और समन्वय का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि मुखबिर की सूचना से लेकर सर्विलांस और फिर संयुक्त अभियान तक, हर कदम पर हमने सावधानी बरती। झारखंड एटीएस का सहयोग इस मिशन को कामयाब बनाने में अहम रहा।
आतंक का पर्याय था अनुज
अनुज कनौजिया का नाम एक समय मऊ और गाजीपुर के इलाकों में दहशत का दूसरा नाम बन गया था। उसकी खूंखार हरकतों ने लोगों में इस कदर भय पैदा कर दिया था कि दुकानदार अपने बोर्ड से नंबर तक मिटवा देते थे, ताकि उसकी नजर न पड़े।यूपी एसटीएफ (गोरखपुर) के डीएसपी डीके शशि ने बताया कि यह अपराधी अपने खतरनाक कारनामों के लिए कुख्यात था। उसके खिलाफ 23 संगीन मामले दर्ज थे, जिनमें हत्या, लूट और रंगदारी जैसे अपराध शामिल थे।मऊ के कोतवाली थाने में सबसे ज्यादा छह मुकदमे, रानीपुर में पांच, चिरैयाकोट में तीन और गाजीपुर के दुल्लहपुर में भी तीन मामले दर्ज थे।
मुख्तार का भरोसेमंद शूटर
अनुज ने उत्तर प्रदेश से लेकर झारखंड तक अपने अपराधों का जाल बिछाया था। पुलिस को पांच साल तक चकमा देने के बाद उस पर इनाम की राशि एक लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर दी गई थी। बीते गुरुवार को ही यह राशि ढाई गुना बढ़ाई गई थी।
जेल में है अनुज की वाइफ
अनुज का आपराधिक साम्राज्य सिर्फ उस तक सीमित नहीं था। उसकी गैंगस्टर पत्नी रीना भी अवैध धंधों में संलिप्त थी। 2023 में रंगदारी के एक मामले में उसे रांची से गिरफ्तार किया गया था और अब वह मऊ जेल में अपने दो बच्चों के साथ बंद है। वहीं, 2021 में आजमगढ़ में अनुज का घर बुलडोजर से ढहाया गया था और उसकी संपत्ति को कोर्ट के आदेश पर कुर्क किया गया था। उसके परिजनों पर भी गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हुई थी।
नंबर बदलकर मांगता था रंगदारी
अनुज कन्नौजिया ने जमशेदपुर में नया ठिकाना बना रखा था। वह हमेशा गोविंदपुर और परसुडीह में आना-जाना करता था। फरारी काटता था। 15 मार्च 2023 को जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र के बारीगोड़ा में यूपी एसटीएफ ने छापेमारी कर अनुज कन्नौजिया की वाइफ रानी व शिव रतन को गिरफ्तार किया था।शिवरतन पर आरोप था कि वह अनुज को मोबाइल सिम उपलब्ध कराता था। वहीं अनुज रंगदारी की रकम को शिवरतन को भेजता था। मोबाइल फोन नंबर बदल-बदलकर अनुज कन्नौजिया मऊ जिले के कारोबारियों से रंगदारी की मांग करता था। अपराध को अंजाम देता था।
पांच साल से फरार था अनुज कन्नौजिया
अनुज कन्नौजिया मऊ जिले के चिरैयाकोट के बहलोलपुर का रहने वाला है। उस पर यूपी के मऊ, आजमगढ़ और गाजीपुर जिलों के थानों में कई गंभीर मामले दर्ज हैं। वह पिछले पांच सालों से पुलिस को चकमा दे रहा है।
आजमगढ़ में घर पर चल चुका है बुलडोजर
अनुज कनौजिया पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस पहले भी कई प्रयास कर चुकी है। आजमगढ़ में स्थित उसके घर को बुलडोजर से गिरा दिया गया था। इसके अलावा, उसके परिवार वालों पर भी गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी और जेल भेज दिया गया था।
60-70 राउंड गोलियों से थर्राया इलाका
उत्तर प्रदेश एसटीएफ और झारखंड पुलिस द्वारा किए गए संयुक्त ऑपरेशन में कुख्यात अपराधी अनुज कनौजिया के मारे जाने के बाद अमलतास सिटी में सन्नाटा पसरा है। पुलिस अब जमीन माफिया चिंटू उर्फ शशि शेखर पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। चिंटू ने ही अनुज को शरण दे रखा था।दोनों हाथों से एक साथ पिस्टल चलाने में माहिर अनुज पिछले दो महीने से गोविंदपुर पुलिस स्टेशन एरिया के अमलतास सिटी में जमीन माफिया चिंटू उर्फ शशि शेखर के आउटहाउस में छिपा था। एनकाउंटर स्थल से बम भी बरामद हुआ, जिसने इलाके में सनसनी फैला दी। गोविंदपुर पुलिस स्टेशन एरिया में अमलतास सिटी के 20 कट्ठा के विशाल भूखंड पर बने आउटहाउस में अनुज कनौजिया ने शरण ली थी। चारों ओर 10 फीट ऊंची बाउंड्रीवाल और उस पर लगे सीसीटीवी कैमरों से घिरा यह ठिकाना किसी किले से कम नहीं था। लोकल जमीन माफिया चिंटू उर्फ शशि शेखर का यह अड्डा देर रात तक शराबखोरी और अय्याशी का गढ़ बना हुआ था।
यूपी और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने शनिवार रात लगभग 10:30 बजे इस ठिकाने को चुपचाप घेर लिया। अनुज के ड्राइवर को पहले ही दोबच लिया गया था।पुलिस ने उसे दरवाजा खटखटाने और अनुज को बाहर आने के लिए मनाने को कहा। ड्राइवर ने आग्रह किया, दरवाजा खोल दो, पुलिस कुछ नहीं करेगी, लेकिन अनुज ने न सिर्फ दरवाजा खोलने से इनकार किया, बल्कि पुलिस को ललकारते हुए गोलियां बरसानी शुरू कर दी।अनुज ने बाउंड्री पर लगे सीसीटीवी कैमरों का सहारा लेकर अपनी स्थिति बदल-बदलकर पुलिस को चकमा देने की कोशिश की। लेकिन जब पुलिस को उसकी चाल का पता चला, तो जवानों ने सभी कैमरों को तोड़ डाला। इसके बाद चारदीवारी पर चढ़कर ताबड़तोड़ जवाबी फायरिंग शुरू की गयी। दोनों ओर से लगभग एक घंटे तक गोलीबारी चली। लगभग 60-70 राउंड गोलियों की गूंज से पूरा इलाका थर्रा उठा। एनकाउंटर के दौरान यूपी एसटीएफ के डीएसपी डीके शशि की बांह में गोली लगी।साथी जवानों ने उन्हें फायरिंग के बीच से निकालकर तुरंत टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) पहुंचाया, जहां उनकी हालत स्थिर बतायी जा रही है।
अनुज कनौजिया को शरण देने वाले चिंटू से मिला क्लू
यूपी STF और झारखंड ATS की टीम ने एक सरायकेला में सरफुद्दीन नाम के एक शख्स के ठिकाने पर रेड किया। ATS और STF की टीम एनकाउंटर में मारे गये अनुज कनौजिया के AK-47 को खोजने के लिए रेड कर रही है। हालांकि रेड में पुलिस को कुछ भी नहीं मिला है। सरफुद्दीन भी फरार चल रहा है। अनुज कनौजिया को यूपी STF और ATS की संयुक्त टीम ने एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके बाद उसके पनाहगार शशि शेखर उर्फ चिंटू सिंह और राहुल सिंह राजपूत को अरेस्ट कर लिया था। पुलिस की पूछताछ में राहुल सिंह ने खुलासा किया था कि अनुज कनौजिया का AK-47 सरफुद्दीन के पास है। अनुज कनौजिया के पास ऑटोमैटिक पिस्टल सहित कई हाइटेक हथियार हैं। इन दोनों से मिले इनपुट पर ATS और STF की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है।