Jharkhand NRHM Scam: एनआरएचएम निधि घोटाले में कोल बिजनसमैन प्रमोद सिंह अरेस्ट

पद का दुरुपयोग कर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) निधि के 9.39 करोड़ रुपये के गबन के आरोपित धनबाद के कोल बिजनसमैन प्रमोद कुमार सिंह को ईडी ने अरेस्ट कर लिया है।

Jharkhand NRHM Scam: एनआरएचएम निधि घोटाले में कोल बिजनसमैन प्रमोद सिंह अरेस्ट
  • तीन दिनों की रिमांड पर ED करेगी पूछताछ
  • पद का दुरुपयोग कर एनआरएचएम निधि के 9.39 करोड़ रुपये के गबन का है आरोप
  • 12 समन के बावजूद ईडी के सामने नहीं उपस्थित हुए तो किया गिरफ्तार
  • 1.63 करोड़ की अचल संपत्ति जब्त कर चुकी है ईडी

रांची। पद का दुरुपयोग कर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) निधि के 9.39 करोड़ रुपये के गबन के आरोपित धनबाद के कोल बिजनसमैन प्रमोद कुमार सिंह को ईडी ने अरेस्ट कर लिया है। ईडी ने उसे बुधवार को रांची स्थित पीएमएलए की विशेष कोर्ट में प्रस्तुत किया। ईडी ने प्रमोद कुमार सिंह से सात दिनों तक रिमांड पर पूछताछ की अनुमति मांगी, लेकिन कोर्ट ने सिर्फ तीन दिनों तक पूछताछ की मंजूरी दी है।

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यह है मामला

12 समन के बावजूद ईडी के सामने उपस्थित नहीं होने पर उसकी अरेस्टिंग की गयी है। इससे पूर्व वर्ष 2024 में ईडी ने प्रमोद सिंह की 1.63 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति जब्त की थी। कोल बिजनसमैन प्रमोद कुमार सिंह पूर्व में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) झरिया सह जोड़ापोखर में संविदा आधारित तत्कालीन ब्लाक अकाउंट मैनेजर था। उसपर एनआरएचएम के विभिन्न कार्यक्रमों के एवज में आवंटित फंड के गबन का आरोप था। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) धनबाद ने प्रारंभिक जांच के बाद प्रमोद कुमार सिंह व अन्य के विरुद्ध आठ जून 2016 को एफआइआर दर्ज की थी। इसी एफआइआर के आधार पर पर ईडी ने मनी लांड्रिंग अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था।

ईडी को जांच में मिली गड़बड़ी

ईडी ने जांच में पाया कि प्रमोद कुमार सिंह व स्वर्गीय शशिभूषण प्रसाद ने पद का दुरुपयोग कर एनआरएचएम निधि के 9.39 करोड़ रुपये की निकासी की। ये रुपये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झरिया सह जोड़ापोखर के लिए जिला स्वास्थ्य सोसाइटी ने आवंटित किया था। प्रमोद कुमार सिंह ने पीएचसी झरिया सह जोड़ापोखर धनबाद के दो बैंक अकाउंट व पीएचसी प्रबंधन सोसाइटी जोड़ापोखर के एक बैंक अकाउंट से उक्त धनराशि अवैध रूप से अपने व अपने परिवार तथा सहयोगियों के अकाउंट में ट्रांसफर की थी। यह भी पता चला कि प्रमोद कुमार सिंह ने अपराध की आय से अपने व अपनी वाइफ प्रिया सिंह और अपने सहयोगियों के नाम पर चल-अचल संपत्तियां अर्जित की है। उन संपत्तियों को प्रमोद कुमार सिंह ने पूछताछ में अपना बताया था।

नवंबर 2008 से मार्च 2016 तक पीएचसी झरिया में पोस्टेड था प्रमोद सिंह

प्रमोद कुमार सिंह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झरिया में 17 हजार रुपये मासिक वेतन पर ब्लाक अकाउंट मैनेजर के रूप में कार्यरत था। वहां वह नवंबर 2008 से मार्च 2016 तक पोस्टेड रहा। वर्ष 2008 से 2012 तक उसे सिर्फ कैशबुक व रजिस्टर ही मेंटेन करना था। अप्रैल 2012 में उसे अकाउंट्स से जुड़ा काम मिला। ब्लॉक अकाउंट मैनेजर के रूप में उसे संविदा आधारित कर्मियों को वेतन देना था। इसके अतिरिक्त उसे सीएमओ या जिला स्वास्थ्य सोसाइटी के निर्देश पर लाभार्थियों में धन वितरित करना था। प्रमोद कुमार सिंह को एक अन्य मेडिकल प्रभारी शशि भूषण प्रसाद (अब स्वर्गीय) के साथ संयुक्त रूप से विभिन्न कार्यक्रमों पर एनआरएचएम निधि खर्च करने के लिए अधिकृत किया गया था। ईडी ने प्रमोद कुमार सिंह के विरुद्ध जांच में पर्याप्त सबूत मिलने के बाद छह तलाशी और एक सर्वेक्षण अभियान चलाया था। अभियान के क्रम में गत चार जुलाई को ईडी ने रेड में प्रमोद कुमार सिंह के तीन वाहनों को भी जब्त किया था। इनमें बिना नंबर की टाटा सफारी, एक एससैंगयोंग कार (जेएच10एएन-7777) व फोर्ड फियेस्टा कार (जेएच-10डब्ल्यू-8302) शामिल थी। ईडी ने जांच में पाया था कि तीनों गाड़ियां गबन की राशि से खरीदे गए थे। ईडी ने प्रमोद कुमार सिंह के आवास से 2.17 लाख रुपये जब्त किया था। इसके अलावा उसके बैंक अकाउंट में पड़े चार लाख रुपयों को फ्रीज करवाया था। इस मामले की जांच जारी है।