झारखंड: नेवी जवान सूरज दूबे मडर्डर केस की जांच में तेजी, महाराष्ट्र पुलिस पहुंची पलामू,  माता-पिता, भाई-बहन से की पूछताछ

महाराष्ट्र के पालघर में जिंदा जलाकर मार दिये गये पलामू निवासी नौसैनिक सूरज कुमार दुबे मर्डर केस की जांच में तेजी आ गयी है। मुंबई पुलिस टीम पलामू पहुंचकर सूरज की मां कालिंदी देवी, भाई नीरज दुबे व बहन आरती तिवारी का बयान लिया। सूरज के पिता मिथिलेश दुबे से पूछताछ की। 

झारखंड: नेवी जवान सूरज दूबे मडर्डर केस की जांच में तेजी, महाराष्ट्र पुलिस पहुंची पलामू,  माता-पिता, भाई-बहन से की पूछताछ
  • चेन्नै से अगवा कर पालघर में जलाया गया था जिंदा 

पलामू। महाराष्ट्र के पालघर में जिंदा जलाकर मार दिये गये पलामू निवासी नौसैनिक सूरज कुमार दुबे मर्डर केस की जांच में तेजी आ गयी है। मुंबई पुलिस स्टेशन पुलिस की टीम मंगलवार को पलामू पहुंची। पुलिस टीम ने सूरज की मां कालिंदी देवी, भाई नीरज दुबे व बहन आरती तिवारी का बयान लिया। सूरज के पिता मिथिलेश दुबे से पूछताछ की। 
महाराष्ट्र पुलिस सूरज के बैंक अकाउंट और शेयर ट्रेडिंग अकाउंट खंगाल रही है। पालघर पुलिस ने इस मामले की तह तक जाने के लिए 10 पुलिस अफसरों के लीडरशीप में 10-10 लोगों की अलग-अलग टीमें बनाकर जांच शुरू की है। पुलिस इस मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रही है। पालघर जिले के एसएसपी दत्तात्रेय शिंदे स्वयं इस मामले की जांच में रुचि ले रहे हैं।

पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि किडनैपर सूरज को चेन्नई से पालघर किस रास्ते लाये थे। नौसैनिक के मोबाइल डिटेल भी खंगाले जा रहे हैं। पुलिस ने चेन्नई एयरपोर्ट से सीसीटीवी फुटेज भी हासिल कर ली हैं। इस फुटेज में सूरज दुबे टहलते नजर आ रहे हैं। पुलिस सोर्सेज से मिली जानकारी के अनुसार सूरज कुमार दुबे पर लगभग 22 लाख रुपये का कर्ज था। पालघर पुलिस का कहना है कि हम उसके सभी बैंक अकाउंट्स के लेन-देन की बारीकी से जांच कर रहे हैं। अब तक मिली जानकारियों से दिख रहा है कि सूरज ने शेयर मार्केट में काफी इन्वेस्ट किया था।
मर्डर केस की जांच के लिए बनी हाइ लेवल कमेटी

डिफेंस मिनिस्टरी नौसैनिक सूरज कुमार दुबे को चेन्नई से किडनैप करने  के बाद पालघर में जिंदा जलाये जाने के मामले की जांच के लिए हाइ लेवल कमेटी गठित की है। पुलिस जांच से मोबाइल नंबर ट्रैक करने पर उनका लास्ट लोकेशन मेट्रो स्टेशन मीनमबक्कम चेन्नई 60016 दिखा। वहीं अन्य लोकल इंक्वायरी में पता चला कि श्रीधर नामक टैक्सी ड्राइवर ने सूरज दुबे को एनएसजी कैंप ओटेरी पुलिस स्टेशन के पास छोड़ा था। इसके तीन दिन बाद महाराष्ट्र के पालघर जिले अंतर्गत वेलजीपाड़ा जंगल में सूरज दुबे लगभग 90 प्रतिशत से ज्यादा जली अवस्था में मिले। बाद में मुंबई के नेवी हॉस्पीटल में इलाज के दौरान  उनकी मौत हो गई।
सूरज ने पुलिस को दिये बयान में किडनैप की बात कही थी
सूरज ने मौत से पूर्व पुलिस को दिए बयान में बताया था कि 30 जनवरी को चेन्नई हवाई अड्डे के बाहर लगभग 11बजे अज्ञात तीन सशस्त्र लोगों ने सफेद एसयूवी गाडी से उन्हें अगवा कर कथित तौर पर 10 लाख की फिरौती मांगी थी। सूरज ने पैसे देने में असमर्थता जताई। इसके बाद अपहर्ताओं ने तीन दिनों तक उन्हे बंदी बनाकर रखा। इसके बाद जली हुई अवस्था में वे महाराष्ट्र के पालघर स्थित जंगल से में मिले।

स्टॉक व शेयर में लाखों इन्वेस्ट किया था सूरज, 23 लाख लोन

पालघर एसपी दत्तात्रेय शिंदे ने कहा कि है सूरज दुबे तीन मोबाइल का इस्तेमाल करता रहा है। इसमें से एक विशेष रूप से स्टॉक और शेयरों में काम करने के लिए रखा था, इससे उसका परिवार भी अनजान था। दूबे ने आठ लाख रुपये का पर्सनल लोन ले रखा था। उसने अपने सहकर्मी से साढ़े पांच लाख रुपये का कर्ज लिया था। 15 जनवरी को उसकी सगाई के बाद उसके भावी ससुराल वालों से नौ लाख रुपये का मिला था। इस तरह उसपर कुल 23 लाख रुपये के कर्ज थे।

एसपी ने बताया कि मृतक सूरज कुमार दुबे की मोबाइल कॉल डिटेल्स की जांच में एक नंबर से 13 कॉल किय जाने का पता चला है। सूरज दुबे ने 31 जनवरी की रात को अपने दो फोन स्विच ऑफ कर दिये थे। इसमें लास्ट लोकेशन चेन्नई एयरपोर्ट के आसपास मिला है। उसके चचेरे भाई चंद्रदेव दुबे ने इस दौरान उसके तीसरे चालू मोबाइल पर कॉल किया था, लेकिन दुबे ने कोई जवाब नहीं दिया। पुलिस ने जांच के क्रम में दो शेयर-ट्रेडिंग फर्मों से संपर्क किया है। हालांकि उनके पिता मिथिलेश दुबे ने दावा किया है कि उन्हें अपने बेटे के शेयर मार्केट में इन्वेस्ट व बड़े लोन की कोई जानकारी नहीं है।

पालघर के एसपी ने कहा कि पुलिस टीम पहले ही जांच करने के लिए चेन्नई पहुंच चुकी है। हमें उम्मीद है कि मामले को जल्द से जल्द सुलझा लिया जायेगा। दुबे के बैंक ऑफ इंडिया के दो शेयर-ट्रेडिंग फर्मों को ट्रांसफर की गई राशि के साथ कुल 392 रुपये का बचत शेष है। सूरज वर्ष  2013 में नेवी ज्वाइन किये थे।  ओडिशा में आईएनएस चिल्का में एक प्रारंभिक कार्यकाल के बाद, उन्हें मुंबई ट्रांसफर कर दिया गया था। वर्ष 2019 में तमिलनाडु में आईएनएस अग्रणी में तैनात किया गया था।