झारखंड: 25 लाख का इनामी नक्सली विमल यादव ने किया सरेंडर
भाकपा माओवादी का 25 लाख का इनामी नक्सली विमल यादव ने शुक्रवार को पुलिस के समपक्ष सरेंडर कर दिया है। सरेंडर करने के बाद विमल यादव ने कहा कि हमें जिन सिद्धांतों पर संगठन में शामिल कराया गया था, संगठन उन नीतियों से भटक कर सिर्फ पैसों के लिए काम कर रही है।
रांची। भाकपा माओवादी स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य 25 लाख का इनामी नक्सली विमल यादव उर्फ राधेश्याम उर्फ उमेश यादव ने शुक्रवार को सरेंडर कर दिया है। रांची जोनल आईजी ऑफिस में आयोजित कार्यक्रम में विमल यादव ने आईजी ऑपरेशन एवी होमकर, रांची जोनल आईजी पंकज कंबोज, डीआईजी एसटीएफ अनूप बिरथरे, रांची एसएसपी सुरेंद्र झा व सीआरपीएफ के अफसरों की मौजूदगी में सरेंडर किया।
सरेंडर के बाद बिमल ने कहा कि हमें जिन सिद्धांतों पर संगठन में शामिल कराया गया था, संगठन उन नीतियों से भटक कर सिर्फ पैसों के लिए काम कर रही है।संगठन के टॉप लीडर का परिवार एशो आराम से जी रहे हैं। उनके बच्चे अच्छे स्कूलों में पढ़ रहे हैं। लेकिन हम छोटे सदस्यों के परिवार सुरक्षित नहीं हैं। हमारे बच्चों का भविष्य सुरक्षित नहीं हो पा रहा है। विमल यादव ने कहा कि मैंने झारखंड सरकार की समर्थन एवं पुनर्वास नीति पर भरोसा करते हुए समर्पण किया है।
प्रेमिका से प्रेरित होकर किया सरेंडर
बताया जाता है कि बिमल अपनी छत्तीसगढ़ की रहने वाली प्रेमिका से प्रेरित होकर सरेंडर किया है। विमल यादव मूल रूप से बिहार के जहानाबाद का रहने वाला है। बूढ़ा पहाड़ पर एक करोड़ के इनामी अरविंद की मौत के बाद वहां के नक्सलियों का नेतृत्व विमल यादव ने ही संभाल रखा था।
मिथिलेश को जिम्मेदारी मिलते ही संगठन में होने लगा विवाद
माओवादियों के टॉप लीडरशीप जब बूढ़ा पहाड़ की जिम्मेदारी 25 लाख रुपये के इनामी स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य मिथिलेश मेहता को सौंप दी, तो विमल यादव से मिथिलेश मेहता का विवाद शुरू हो गया। इसके बाद से ही विमल यादव को उसकी प्रेमिका सरेंडर के लिए प्रेरित करने लगी। मिथिलेश मेहता से विवाद भी विमल के सरेंडर की वजह बनी।