झारखंड: नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन आक्टोपस जारी, सुरक्षा बलों ने बूढ़ा पहाड़ को घेरा
झारखंड में बूढ़ा पहाड़ पर ॉपरेशन आक्टोपस नाम से नक्सलियों के विरुद्ध बड़ा सुरक्षा बलों का बड़ा ऑपरेशन चल रहा है। पुलिस को इस ऑपरेशन में बड़े नक्सली नेताओं के पकड़े जाने से लेकर बड़ी संख्या में आर्म्स की बरामदगी की भी उम्मीद है।
रांची। झारखंड में बूढ़ा पहाड़ पर ॉपरेशन आक्टोपस नाम से नक्सलियों के विरुद्ध बड़ा सुरक्षा बलों का बड़ा ऑपरेशन चल रहा है। पुलिस को इस ऑपरेशन में बड़े नक्सली नेताओं के पकड़े जाने से लेकर बड़ी संख्या में आर्म्स की बरामदगी की भी उम्मीद है।
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बूढ़ा पहाड़ पर
— Jharkhand Police (@JharkhandPolice) September 7, 2022
"ऑपरेशन आक्टोपस"
बूढ़ा पहाड़ पर गढ़वा एसपी अंजनी कुमार झा..
बूढ़ा पहाड़। गढ़वा।
माओवादी के सुरक्षित पनाहगाह बूढ़ा पहाड़ पर सुरक्षा बलों (झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा, झारखंड जगुआर) का संयुक्त अभियान.. pic.twitter.com/rh0AxkoVn9
रसद सप्लाई रोकने के बाद जंगल बाहर निकले थे नक्सली
सुरक्षा बलों ने लातेहार-लोहरदगा बोर्डर पर स्थित बुलबुल जंगल में चले ऑपरेशन डबल बुल में नक्सलियों के रसद भंडार पर कब्जा कर और उनकी सप्लाई रोक दी थी। ऑपरेशन डबल बुल की तर्ज पर ऑपरेशन आक्टोपस चल रहा है। सुरक्षा बलों की ओर से नक्सलियों की रसद सप्लाई रोक दी गई है, इस उम्मीद के साथ कि वे भूख से परेशान जंगल से बाहर निकलेंगे और सुरक्षा बल के हत्थे चढ़ेंगे। बूढ़ा पहाड़ पर हर तरफ से घुसने के रास्ते पर सुरक्षा बल के जवान तैनात हैं। चारों ओर से सुरक्षा बलों की टीम लगातार आगे बढ़ रहे हैं। इस ऑपरेशन छत्तीसगढ़ की बोर्डर पर छत्तीसगढ़ पुलिस का भी सहयोग मिल रहा है। गढ़वा व लातेहार पुलिस के जवानों के अलावा झारखंड जगुआर व सीआरपीएफ तथा कोबरा बटालियन के जवान बूढ़ा पहाड़ के जंगल में नक्सलियों की टोह में लगातार आगे बढ़ रहे हैं।
समुद्री जीव के नाम पर है ऑपरेशन का नाम
आक्टोपस मतलब अष्टबाहु। यह एक समुद्री जीव होता है। यह अपने शिकार को आसानी से पकड़ लेता है। इसकी एक भुजा से शिकार छूट भी गया तो दूसरी भुजा से आसानी से पकड़ सकता है। इसे डेविलफिश भी कहते हैं। झारखंड पुलिस के एक सीनीयर अफसर का कहना है कि इस समुद्री जीव की प्रकृति को देखते हुए ही इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन आक्टोपस दिया गया। यानी नक्सली अगर एक ओर से छूट भी गये तो दूसरी तरफ से उनका पकड़ा जाना निश्चित है।
ऑपरेशन डबल बुल में सुरक्षा बलों को मिले थे तीन दर्जन आर्म्स
ऑपरेशन डबल बुल में सुरक्ष बलों को तीन दर्जन आर्म्स मिले थे। 10 बड़े नक्सली भी पकड़े गये थे। इन नक्सलियों का संबंध बब्बर खालसा इंटरनेशनल नामक आतंकी संगठन से होने की पुष्टि हो चुकी है। अब इसकी जांच एनआइए कर रही है। ऑपरेशन आक्टोपस में भी अब तक एक बंकर ध्वस्त हुआ है। इसमें चाइनिज ग्रेनेड सहित 106 से अधिक अलग-अलग तरह के लैंडमाइंस बरामद हो चुके हैं। माओवादियों का गढ़ बूढ़ा पहाड़ पर कदम-कदम पर लैंडमाइंस होने की आशंका के चलते सुरक्षा में तैनात जवान संभलकर आगे बढ़ रहे हैं।
झंडी पहाड़ पर भी पुलिस ने किया कब्जा
बूढ़ा पहाड़ पर नक्सलियों की घेराबंदी के क्रम में सुरक्षा बलों ने उससे सटे झंडी पहाड़ी पर कब्जा कर लिया है। यह वहां की ऊंची चोटी बताई जा रही है, जहां नक्सली सुरक्षा के ख्याल से पनाह लेते थे। अब झंडी पहाड़ी को नक्सलियों से मुक्त बताया जा रहा है। बूढ़ा पहाड़ पर नये हेलीपैड व सुरक्षा बलों के कैंप बन रहे हैं।पुलिस का गांव-गांव तक पहुंच के रास्ते बनाये जाने पर भी पुलिस का जोर है।
जल्द नक्सल मुक्त होगा बूढ़ा पहाड़
झारखंड पुलिस का दावा है कि बहुत जल्द ही बूढ़ा पहाड़ नक्सलियों से मुक्त हो जायेगा। पुलिस को सूचना है कि लगभग 40 नक्सली बूढ़ा पहाड़ पर हैं। पुलिस को बूढ़ा पहाड़ पर बंकर से भारी मात्रा में विस्फोटक, लैंड माइंस, एक हजार किलोग्राम चावल व पर्याप्त मात्रा में दाल तथा अन्य सामान मिले हैं। पुलिस इस अनाज को पुलिस ग्रामीणों में बांटने का मन बना रही है। पुलिस का मानना है कि नक्सलियों से ये सामान ग्रामीणों से ही लिए थे, इसलिए इसपर ग्रामीणों का ही हक होना चाहिए।