Jharkhand: गिरिडीह में लूटे गये पांच करोड़ रुपये में से सवा तीन करोड़ बरामद, पांच क्रिमिनलों को पुलिस ने किया अरेस्ट
झारखंड में गिरिडीह जिला में जमुआ पुलिस स्टेशन एरिया अंतर्गत के बाटी गांव के समीप 21 जून की रात गुजरात की डीवाइ कंपनी के लूटे गये पांच करोड़ रुपये मामले का पुलिस ने खुलासा कर लिया है। पुलिस ने सवा तीन करोड़ केश बरामद कर लूटकांड में शामिल पांच क्रिमिनलों को अलग-अलग जगहों से अरेस्ट किया है।
- जमुआ में 21 जून की रात लूटे गये थे करोड़ों रुपये कैश
- गोविंदपुर, वासेपुर, बरही, इटखोरी,कोलकाता व मुंबई में रेड
- मुंबई भाग निकले तीन आरोपियों को गिरिडीह ले आयी पुलिस
गिरिडीह। झारखंड में गिरिडीह जिला में जमुआ पुलिस स्टेशन एरिया अंतर्गत के बाटी गांव के समीप 21 जून की रात गुजरात की डीवाइ कंपनी के लूटे गये पांच करोड़ रुपये मामले का पुलिस ने खुलासा कर लिया है। पुलिस ने सवा तीन करोड़ केश बरामद कर लूटकांड में शामिल पांच क्रिमिनलों को अलग-अलग जगहों से अरेस्ट किया है।
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पुलिस गिरफ्त में आये क्रिमिनलों में धनबाद जिला के गोविंदपुर पुलिस स्टेशन एरिया अंतर्गत अमरपुर का करीम अंसारी, पलटनटांड़ का विनोद विश्वकर्मा, फकीरडीह का बबन अंसारी और रामनगर का रजनीश सिंह शामिल हैं। हजारीबाग के बरही से भी एक क्रिमिनल को अरेस्ट किया गया है। पुलिस गिरफ्त में आये सभी रिकवरी एजेंट बताये जा रहे हैं। गिरिडीह पुलिस की स्पेशल टीम ने सबसे पहले रजनीश को कस्टडी में लेकर पूछताछ की। रजनीश की निशानदेही पर गिरिडीह पुलिस ने बुधवार को मुंबई में रेड कर करीम, विनोद व बबन को दबोच लिया। पुलिस तीनों को फ्लैट से रांची लेकर आयी।
खोरीमहुआ एसडीपीओ मुकेश कुमार महतो के नेतृत्व में गुरुवार को पुलिस टीम ने अमरपुर में करीम अंसारी के घर से रेड कर कैश बरामद किया। करीम के साढ़ू के कोलकाता स्थित घर व वासेपुर ससुराल में भी रेड की गयी। तीनों जगहों से लगभग एक करोड़ रुपये बरामद किये गये। बरही से पकड़े गये आरोपी की निशानदेही पर चतरा के इटखोरी से 90 लाख रुपये मिले है। शेष रकम कई अन्य जगहों से रेड के दौरान बरामद हुई है। बरामद कैश की गिनती के लिए पुलिस ने दो मशीनों का इस्तेमाल किया है।
हालांकि पुलिस बरामद रकम का खुलासा अभी नहीं कर रही है। एक सीनीयर पुलिस अफसर के अनुसार, लूट के बाद क्रिमिनलों ने पैसे का बंटवारा कर लिया था। सभी कैश लेकर अपने-अपने ठिकाने पर चले गये। इनमें से तीन क्रिमिनल मुंबई भाग गये। इस मामले में गिरिडीह पुलिस को कई और युवकों की तलाश है।
कार में लगी चिप से पुलिस क्रिमिनलों तक पहुंची
पुलिस सोर्सेज के अनुसार, क्रेटा कार में लगी चिप ने पुलिस इन्विस्टीगेशन को आगे बढ़ाया। पुलिस ने हजारीबाग जिले के बरही और धनबाद जिले के गोविंदपुर में रेड कर दो लोगों को दबोचा। इन दोनों से हुई पूछताछ में मुंबई में छिपे तीन अन्य क्रिमिनलों की जानकारी मिली। तीनों को मुंबई से अरेस्ट किया गया। इनकी निशानदेही पर पुलिस ने कोलकाता, गोविंदपुर और वासेपुर में रेड कर कैश बरामद किये।
रिकवरी एजेंटों के सिंडिकेट ने दिया घटना को अंजाम
पांच करोड़ की लूटपाट की घटना को बहुत ही सुनियोजित तरीके से रिकवरी एजेंटों के एक सिंडिकेट ने अंजाम दिया था। सिंडिकेट में शामिल क्रिमिनलों की क्राइम हिस्ट्री रही है। यह सिंडिकेट जीटी रोड पर कई घटनाओं को अलग-अलग तरीके से अंजाम देता रहा है। कभी रिकवरी एजेंट बन वाहनों को रोक लूटपाट करता। कई बार सिंडिकेट के लोग अफसर बनकर वाहनों को रोकते और राशि की वसूली करते हैं।
डेढ़ माह पहले क्रेटा में लगाया था चिप
बताया जाता है कि जिस क्रेटा कार से पांच करोड़ रुपये की लूट हुई, उसमें दो चिप लगी थी। एक चिप कंपनी की थी, जबकि दूसरी रिकवरी एजेंट के सिंडिकेट ने लगा रखी थी। डेढ़ माह पहले यह कार जीटी रोड से गुजर रही थी, उस समय रिकवरी एजेंट के इस सिंडिकेट ने बरही के पास रोक लिया था। सेल्स टैक्स अफसर बनकर इस सिंडिकेट ने सात लाख रुपये की वसूली की थी। उसी दौरान सिंडिकेट के लोगों ने कार में अपना एक जीपीएस लगा दिया था। चिप लगाने के बाद लगातार इस कार पर निगरानी रखी जा रही थी। सिंडिकेट के लोगों को जानकारी मिली कि क्रेटा से बड़ी रकम ले जायी जा रही है, तो चिप के जरिए निगरानी रखते हुए सीधे उसे जमुआ के बाटी के पास रोक कार को अपने कब्जे में ले लिया।जिस समय घटना को अंजाम दिया गया, उस जीपीएस के लोकेशन के आसपास कोई अन्य वाहन नहीं था। सिंडिकेट के लोगों को पहले से ही यह जानकारी थी कि क्रेटा से कंपनी के कैश की ढुलाई होती है। इसलिए कार में सिंडिकेट ने स्थायी रूप से अपना जीपीएस चिप गोपनीय तरीके से लगा दिया था।
पटना से कोलकाता भेजी जा रही थी पांच करोड़ कैश
पटना से 21 जून की रात कोलकाता जाने के क्रम में क्रिमिनलों ने जमुआ बाटी के पास क्रेटा कार के अंडरग्राउंड सेफ में रखे पांच करोड़ रुपये कैश लूट लिये थे। यह राशि गुजरात की डीवाई कंपनी की थी कंपनी की पटना ब्रांच से पांच करोड़ रुपये लेकर कार कोलकाता के लिए रवाना हुई थी। रकम को डीवाई कंपनी की कोलकाता ब्रांच तक पहुंचाने की जिम्मेदारी मयूर सिंह जडेजा और जगत सिंह सोलंकी को दी गयी थी।बताया जाता है कि जमुआ में सफेद स्कॉर्पियो और एसयूवी कार सवार क्रिमिनलों ने पांच करोड़ कैश लूट लिये थे। मामले को लेकर गुजरात के पाटन जिला अंतर्गत सांतलपुर निवासी मयूर सिंह जड़ेजा के आवेदन पर 21 जून को जमुआ एफआइआर दर्ज की गई। पुलिस सब इंस्पेक्टर नितेश कुमार पांडेय को केस का आइओ बनाया गया है। पुलिस की एसआइटी 15 दिनों से लगातार रेड कर रही है। पुलिस 21 जून की तड़के घटनास्थल के आसपास एक्टिव मोबाइल के लोकेशन के आधार पर कई लोगों को कस्टडी में लिया गया। पुलिस टीम ने हजारीबाग के बरही से एक व्यक्ति को सोमवार की देर रात उठाया है। पुलिस मंगलवार की सुबह धनबाद के गोविंदपुर रामनगर निवासी रिकवरी एजेंट राजेश उर्फ रजनीश को कस्टडी में लिया है। इस रेड में एसआइटी के डीएसपी मुकेश कुमार महतो व अन्य पुलिस अफसर शामिल थे।
यह है मामला
पुलिस कंपलेन में कार ड्राइवर मयूर सिंह का कहना है कि वह गुजरात में एक टेक्नीशियन के रूप में कार्यरत है। उसकी पहचान गोविंद सिंह सोलंकी नामक व्यक्ति से हुई। उसने अच्छा काम दिलाने का भरोसा दिलाया। बाद में गोविंद सिंह ने उसे गुजरात से दिल्ली और फिर दिल्ली से कानपुर जाने को कहा। वह कानपुर पहुंचा तो वहां करण भाई नामक व्यक्ति ने उसे रिसीव किया। तीन दिन वहां रुकने के बाद उसकी मुलाकात गुजरात के ही जगत सिंह जडेजा उर्फ जगत भाई से करवायी गयी। जगत सिंह उसे क्रेटा वाहन (आरजे 45 सीयू /9964) में बैठा कर पटना लाया।बकौल मयूर सिंह पटना में उसे बताया गया कि उक्त क्रेटा से पांच करोड़ रुपया पटना से कोलकाता ले जाना है। पटना की डीवाई कंपनी से पांच करोड़ रुपये कैश लेकर गाड़ी के अंदर बने एक बॉक्स में डाल दिया गया। वे लोग कोलकाता के लिए 20 जून की रात लगभग नौ बजे रवाना हुए।
मयूर सिंह चला रहा था कार
मयूर ने पुलिस को बताया है कि पटना से कोलकाता जाने के क्रम में वह और जगत सिंह 21 जून की रात लगभग 1.30 बजे जमुआ में टिकामगहा गांव के पास स्थित एक पेट्रोल पंप में तेल भरवाया। यहां से आगे बढ़े ही थे कि बाटी गांव के पास एक स्कॉर्पियो ने ओवरटेक कर गाड़ी रुकवायी। स्कॉर्पियो से पांच लोग उतरे और क्रेटा का दरवाजा खुलवा चाबी ले ली। हम दोनों को स्कॉर्पियो पर जबरन बैठने को कहा। इस दौरान दोनों के साथ मारपीट भी की। जब दोनों स्कॉर्पियो पर बैठ गये तो क्रिमिनलों में से एक उनकी क्रेटा वाहन की ड्राइविंग सीट पर बैठ गया। उसे ले गया। स्कॉर्पियो के साथ एक एसयूवी भी था। दोनों को स्कॉर्पियो से कच्ची रास्ते होते हुए इधर-उधर घुमाने के बाद उतार कर चलते बने।
मयूर सिंह ने पुलिस को दिये गये आवेदन में कहा है कि वे दोनों इधर-उधर भटकते रहे और सुबह पांच बजे सड़क पर पहुंचे। पास में ही एक होटल के पास उन्हें अपनी कार क्रेटा कार दिखी। कार केपास पहुंचा तो देखा कि कार के फर्श के निचले हिस्से में बने बॉक्स टूटा हुआ था। बॉक्स में से रकम गायब कर दी थी। उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पूर्व ग्रामीणों ने जमुआ पुलिस को लावारिस हालत में सड़क के किनारे खड़े लावारिस क्रेटा की सूचना दी थी।