- पैर से दिव्यांग बनकर पहुंचा था हॉस्पिटल
- मर्डरकर पैदल भागा शाहिद अंसारी
- शेख भिखारी मेडिकल कालेज के कैदी वॉर्ड की है घटना
हजारीबाग। झारखंड के हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल के कैदी वॉर्ड में उम्रकैद की सजा काट रहे शाहिद अंसारी ने रविवार की देर रात कैदी पुलिस हवलदार चोहन हेंब्रम की मर्डर कर दी। हवलगार की मर्डर के बाद शाहिद फरार हो गया है। कैदी अपने पैर पर ठीक से खड़ा होने में लाचार का बहाना बना हॉस्पिटल आया था। उसने जवान के सिर पर लोहे के रॉड से वार किया, जिसमें चोहन की मौके पर ही मौत हो गई।
बताया जाता है कि पहले कैदी ने बगल के बेड पर सोए पुलिस जवान चोहन हेंब्रेम का गला दबाया और उसके बाद पानी गर्म करने वाली रॉड से सिर पर मारकर मर्डर कर दी। मर्डर के बाद उसने उसकी जेब से हथकड़ी की चाबी निकाली और अपना हाथ खोलने के बाद वह कैदी वॉर्ड के बाहर गेट में हथकड़ी लगाकर फरार हो गया। एसपी अरविंद कुमार सिंह समेत अन्य पुलिस अफसर हॉस्पिटल पहुंचकर सीसीटीवी फुटेज को खंगाला। वहां तैनात अन्य जवानों से जानकारी ली जा रही है। पुलिस जवान चोहन हेंब्रेम गिरिडीह के पिंडाटांड का रहने वाला था।
तीन पुलिस जवान रात की ड्यूटी पर था तैनात
बताया जाता है किशेख भिखारी मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल के कैदी वार्ड में एक ही कैदी एडिट था। तीन पुलिस जवान की ड्यूटी थी। तीनों जवान आठ-आठ घंटे की ड्यूटी कर रहे थे। चोहनहेंब्रम रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे की ड्यूटी पर था। सुबह जब जवान पहुंचे तो बाहर गेट पर हथकड़ी देखी और जब अंदर का नजारा देखा, आवाक रह गये। कैदी वॉर्ड के रूम में बाथरूम के समक्ष चारो और खून पसरा था। बताया जा रहा है कि उसने गला दबाया और जब जवान बेसुध हो गया, तो उसे खींच कर नीचे उतारा। फिर उसको खींच कर पीछे ले गया। वहीं रॉड से मारकर हत्या कर दी। जिससे इस बात को किसी को भनक भी नहीं लगा कि जवान की मर्डर देर रात हो चुकी है।
पांच मर्डर के आरोप में सजा काट रहा था शाहिद, बीमारी का ड्रामा रच पहुंचा था हॉस्पिटल
पांच-पांच मर्डर व रेप के आरोप में उम्र कैद की सजा काट रहा शाहिद अंसारी जय प्रकाश सेंट्रल जेल हजारीबाग में बंद था। पैर से दिव्यांग बनकर शाहिद शेख भिखारी मेडिकल कालेज हॉस्पिटल पहुंचा था। हॉस्पिटल में पुलिस जवान की मर्डर कर वह पैदल ह भाग निकला। अब इस मामले में जेल प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। जेल में बुजुर्ग कैदी बीमार पड़े हैं। लेकिन उन्हें हॉस्पिटल में रेफर नहीं किया जाता है। प्रक्रिया के आड़ में कई ऐसे कैदी दम तोड़ देते हैं। लेकिन उनको रिम्स, एम्स कहीं रेफर नहीं किया जाता है। लेकिन आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी (शाहिद अंसारी) को रेफर किया गया। आखिर 14 दिनों के लिए उसे किस परिस्थिति में रेफर किया गया था। वह 25 जुलाई को हजारीबाग मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के कैदी वार्ड में एडमिट हुआ था। लेकिन जेल प्रशासन ने उसकी सुध नहीं ली। उसकी सुरक्षा में तैनात हवलदार पुलिस वर्दी की बजाय हथियार के साथ टी शर्ट और पायजामा पहनेहुए थे। सुरक्षा के लिए उनको पिस्टल मिली थी। लेकिन अपराधी शातिर और खूंखार था। इसलिए उनको हथियार चलाने का मौका तक नहीं मिला।
धनबाद जेल से हजारीबाग सेंट्रल जेल शिफ्ट किया था शाहिद
शाहिद अंसारी उम्रकैद की सजा काट रहा था। उसे धनबाद जेल से हजारीबाग सेंट्रल जेल शिफ्ट किया गया था। उसपर मर्डर और पॉक्सो का मामला दर्ज है। उसपर धनबाद के सुदामडीह में पॉक्सो और पाथरडीह में मर्डर के वारदात को अंजाम देनेका आरोप है। कहा जा रहा है कि 25 जुलाई को शाहिद अंसारी को जेपी सेंट्रल जेल हजारीबाग से हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के कैदी वार्ड मेंइलाज के लिए लाया गया था। डॉक्टर के अनुसार उसने ड्रॉप फुट की शिकायत की थी। अपना पैर वह हमेशा उठा कर रखता था। उसेएमआरआई के लिए रिम्स भेजा जाना था। मेडिकल बोर्ड ने शनिवार को यह फैसला लिया था।
चासनाला का रहने वाला है शाहिद
कैदी शाहिद शरीर के दाहिने हिस्से में झुनझुनी की शिकायत करता था। अपना पैर वह उठा कर रखता था। एम्स में इलाज करने के लिए भी उसने आवेदन दिया था। लेकिन इसका आवेदन अस्वीकार करते हुए हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इलाज के लिए भेजा गया था। पिछले 14 दिनों से वह इलाज के नाम पर एडमिट था। शाहिद अंसारी के ऊपर दो मामला धनबाद मेंचल रहा था। सुदामाडीह पुलिस स्टेशन में केस संख्या 40/17 के तहत धारा 341, 323, 354, 356डी, 306, रेप समेत पॉक्सो का मामला दर्ज है। वहीं शाहिद अंसारी पर पाथरहीह पुलिस स्टेशन में कांड संख्या 40/18 के तहत धारा 302, 201, 382 के तहत मामला दर्ज है। कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई है। शाहिद अंसारी मूल रूप से धनबाद का रहने वाला है। उसकी उम्र लगभग 41 वर्ष है।