झारखंड: सस्पेंड एडीजी अनुराग गुप्ता को झारखंड हाई कोर्ट से राहत बरकरार, सरकार प्रतिउत्तर दाखिल करेगी
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट में हार्स ट्रेडिंग मामले में आरोपित सस्पेंड एडीजी अनुराग गुप्ता की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान स्टेट गवर्नमेंट की ओर से समय की मांग की गई। कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई दो नवंबर को निर्धारित की है। हालांकि कोर्ट ने उनकी अंतरिम राहत को बरकरार रखा है।
रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट में हार्स ट्रेडिंग मामले में आरोपित सस्पेंड एडीजी अनुराग गुप्ता की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान स्टेट गवर्नमेंट की ओर से समय की मांग की गई। कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई दो नवंबर को निर्धारित की है।हालांकि कोर्ट ने उनकी अंतरिम राहत को बरकरार रखा है।
पूर्व में कोर्ट ने एडीजी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। एडीजी अनुराग गुप्ता की ओर से इस मामले में पीसी एक्ट जोड़े जाने को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है।याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार उन्हें परेशान करने की मंशा से इस मामले में पीसी एक्ट जोड़ने के लिए आवेदन दिया है। यह घटना वर्ष 2016 की है। एक सीडी के आधार पर चुनाव आयोग के निर्देश पर 29 मार्च 2018 को एफआइआर दर्ज की गई। इसमें बेलेबल सेक्शन लगाई गई थीं। फारेंसिक लैब ने सीडी को पूरी तरह से सही नहीं माना और मूल डिवाइस की मांग की।
फरवरी 2021 में हाई कोर्ट के आदेश के बाद मूल डिवाइस को जांच के लिए फारेंसिक लैब भेजा गया है। लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है। हालांकि इस मामले में स्टेट की ओर से जवाब दाखिल करने पर एडीजी अनुराग गुप्ता की ओर से जवाब दाखिल किया गया था। इस पर प्रतिउत्तर दाखिल करने के लिए राज्य सरकार ने समय मांगा है।
एसीबी कोर्ट ने चार्जशीट दाखिल करने के लिए आइओ को दिया समय
रांची एसीबी की स्पेशल कोर्ट में सोमवार को हार्स ट्रेडिंग मामले में एडीजी अनुराग गुप्ता और एक्स सीएम रघुवर दास के तत्कालीन प्रेस सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ वर्ष 2018 में दर्ज मामले में सुनवाई निर्धारित थी। लेकिन आईओ की ओर से कोर्ट में चार्जशीट दाखिल नहीं की गई। इस मामले में आईओ को जांच पूरी करते हुए क्लोजर रिपोर्ट या पीसी एक्ट के साथ चार्जशीट दाखिल करनी होगी। इसके बाद ही मामले की आगे की सुनवाई एसीबी की स्पेशल कोर्ट में हो सकेगी।
कोर्ट ने पांच जुलाई को स्पष्ट किया था कि जब तक मामले में पीसी एक्ट नहीं लगाया जाता, तब तक आगे की सुनवाई संभव नहीं है। इसके लिए आइओ को दो महीने का समय दिया गया था। इसके बाद भी कोर्ट में न तो चार्जशीट और न ही क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई। इसको देखते हुए कोर्ट ने आईओ को फिर से दो महीने से अधिक का समय दिया है। इस मामले में पीसी एक्ट जोड़ा जाना है।उल्लेखनीय कि वर्ष 2016 के राज्यसभा चुनाव के दौरान एक पॉलिटिकल पार्टी कैंडिडेट के पक्ष में वोट देने के लिए बड़कागांव की तत्कालीन एमएलए निर्मला देवी को प्रलोभन दिया गया था। उनके हसबैंड एक्स मिनिस्टर योगेंद्र साव को भी धमकाया गया। इस घटना को लेकर 29 मार्च 2018 में जगन्नाथपुर पुलिस स्टेशन में अनुराग गुप्ता एवं अजय कुमार के खिलाफ नेम्ड एफआइआर दर्ज कराई गई है।