झारखंड : समरेश सिंह का राजकीय सम्मान के साथ आज चंदनकियारी में होगा अंतिम संस्कार
झारखंड के पहले साइंस एंड टेक्नलॉजी मिनिस्टर विधायक समरेश सिंह (81) का राजकीय सम्मान के साथ शुक्रवार को चंदनकियारी के देवलटांड़ में अंतिम संस्कार होगा।81 वर्षीयसमरेश ने गुरुवार सुबह 06:30 बजे उन्होंने शहर के सेक्टर चार स्थित आवास पर अंतिम सांस ली।
- धनबाद, बोकारो, गिरिडीह समेत पूरे झारखंड में जाने जाते थे ‘दादा’ के नाम से
बोकारो। झारखंड के पहले साइंस एंड टेक्नलॉजी मिनिस्टर विधायक समरेश सिंह (81) का राजकीय सम्मान के साथ शुक्रवार को चंदनकियारी के देवलटांड़ में अंतिम संस्कार होगा।81 वर्षीयसमरेश ने गुरुवार सुबह 06:30 बजे उन्होंने शहर के सेक्टर चार स्थित आवास पर अंतिम सांस ली।
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अटल बिहारी वाजपेयी ने वषर् 1984 में पिंड्राजोरा की सभा में समरेश सिंह वीर कह कर संबोधित किया था। समरेश सिंह तबसे वीर समरेश के नाम से विख्यात हो गये। 50 वर्षों से अधिक समय तक राजनीति में सक्रिय समरेश सिंह धनबाद, बोकारो, गिरिडीह समेत पूरे झारखंड में ‘दादा’ के नाम से जाने जाते थे। दादा की पहचान बिहार-झारखंड के कद्दावर नेता के रूप में थी।
समरेश दा पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. 12 नवंबर को सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें बोकारो जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद बेहतर इलाज के लिए मेदांता हॉस्पिटल रेफर किये गये। वहां कुछ दिनों तक हालत स्थिर रही। मेदांता हगॉस्पिटल में 16 दिनों तक इलाज चला. 29 नवंबर को स्थिति बेहतर देख उन्हें हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गयी थी। समरेश दा मंगलवार को ही बोकारो स्थित अपने आवास आये थे।
स्टूडेंट लीडर के रूप में शुरू किया पॉलिटिकल कैरियर
स्टूडेंट लीडर के रूप में शुरू किया पॉलिटिकल कैरियर शुरू करने वाले समरेश सिंह बोकारो से पांच बार एमएलए रहे। वह झारखंड के पहले साइंस एंड टेक्नलॉजी मिनिस्टर रहे। उन्होंने धनबाद और गिरिडीह से पांच बार लोकसभा का चुनाव लड़ा. हालांकि एकबार भी सफलता नहीं मिली। वनांचल आंदोलन के जरिये उन्होंने अलग राज्य के लिए लंबे समय तक आंदोलन चलाया। बीजेपी के शुरुआती दिनों में वह धनबाद-बोकारो में काफी सक्रिय हुआ करते थे। अटल बिहारी वाजपेयी को अपना राजनीतिक गुरु बताते थे। दादा के कई शागिर्द आज राजनीति में अपनी अच्छी-खासी पहचान रखते हैं।
सेक्टर चार से निकलेगी अंतिम यात्रा
बोकारो सेक्टर चार स्थित आवास से समरेश सिंह का पार्थिव शरीर पैतृक आवास देवलटांड़ ले जाया जायेगा। अंतिम यात्रा उन जगहों से गुजरेगी, जहां दादा अक्सर जाया करते थे। अंतिम यात्रा सेक्टर चार से निकल कर सेक्टर नौ की कालीबाड़ी व सेक्टर आठ जायेगी। वहां से नवनाथ मंदिर-सेक्टर नौ, बसंती मोड़ होते हुए गांधी चौक आयेगी। वहां से काली मंदिर, सेक्टर दो व राम मंदिर, सेक्टर एक जायेगी। इसके बाद चास बाजार होते हुए देवलटांड़ गांव स्थित पैतृक आवास जायेगी। वहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जायेगी।
हेमंत ,बाबूलाल व रघुवर समेत अन्य नेताओं ने जताया शोक
झारखंड के सीएम एक्स मिनिस्टर व बोकारो के एक्स एमएलए आदरणीय समरेश सिंह जी के निधन की खबर से आहत हूं। परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिजनों को दुख की घड़ी सहन करने की शक्ति दे। आदरणीय समरेश जी के पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जायेगी।एक्स सीएम बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि समरेश सिंह जैसा हिम्मती व आंदोलनकारी नेता न हुआ है और न होगा। संघर्ष का दूसरा नाम ही समरेश सिंह है। उन्होंने कभी भी समझौते की राजनीति नहीं की। जीवन के अंतिम समय में भी संघर्ष किया। नेता भाषणों में तो बड़ी-बड़ी बात करते हैं, लेकिन हिम्मत का काम सिर्फ समरेश सिंह ही करते थे।एक्स सीएम रघुवर दास ने कहा है कि समरेश सिंह जी के निधन की दुखद सूचना मिली। उनके निधन से झारखंड के राजनीतिक जगत में जो शून्यता आयी है, उसकी भरपाई संभव नहीं है। ईश्वर उनके परिवारजनों को दुख सहने की शक्ति व दिवंगत आत्मा को शांति दें।. ॐ शांति।