Jharkhand: विनोद सिंह के व्हाट्सएप चैट ने खोले कई राज! कई ब्यूरोक्रेट्स के लिए किया काम,ED ने कोर्ट को सौंपा एवीडेंस
झारखड की राजधानी रांची का कथित बिजनसमैन सह पावर ब्रोकर विनोद सिंह का वाट्सएप्प चैट आजकल खूब चर्चा में है। आईएएस व आईपीएस अफसरों की पोस्टिंग के लिए भेजे गये मैसेज का चैट वायरल हो रहा है। सोर्सेज ने दावा किया है कि विनोद सिंह कई आईएएस व आईपीएस की पोस्टिंग को लेकर एक्टिव था। ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में वाट्सएप्प चैट के साथ जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें दावा किया है कि विनोद सिंह अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में शामिल था।
- पावर ब्रोकर की मदद से क्रीम पोस्ट हासिल करने वाले IAS-IPS टेंशन में
- संदेह के घेरे में कोल बेल्ट के कई बिजनसमैन
रांची। झारखड की राजधानी रांची का कथित बिजनसमैन सह पावर ब्रोकर विनोद सिंह का वाट्सएप्प चैट आजकल खूब चर्चा में है। आईएएस व आईपीएस अफसरों की पोस्टिंग के लिए भेजे गये मैसेज का चैट वायरल हो रहा है। सोर्सेज ने दावा किया है कि विनोद सिंह कई आईएएस व आईपीएस की पोस्टिंग को लेकर एक्टिव था। ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में वाट्सएप्प चैट के साथ जो रिपोर्ट सौंपी है,उसमें दावा किया है कि विनोद सिंह अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में शामिल था।
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ईडी को पावर ब्रोकर और बिजनसमैन विनोद सिंह के घर से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के एडमिट कार्ड मिले हैं। ईडी नेविनोद सिंह और अन्य के बीच हुए व्हाट्सऐप चैट का प्रिंटआउट कोर्ट को सौंपा है, जो 539 पेज में है। इसी में विनोद सिंह द्वारा हेमंत सोरेन के साथ किये गये चैट का भी डिटेल है। चैट में अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग के अलावा ‘कोलकाता वाले लालाजी’ से मिलने की बात कही गयी है। किसी मामलेमें प्रति माह दो करोड़ रुपये मिलने का भी उल्लेख है। ईडी ने पीएमएलए के स्पेशल जज की कोर्ट दायर हेमंत सोरेन के प्रोडक्शन पिटीशन में इन तथ्यों का उल्लेख किया है। थ्री सोसाइटीज इस चैट की पुष्टि नहीं करता है।
मोबाईल में मिले ऑडियो व वीडियो
हालांकि अभी तक जो वाट्सएप्प चैट सामने आये हैं, वह वर्ष 2020 की है। एकतरफा भेजा गया मैसेज है। इस बात की जांच हो रही है कि उसके चैट में जिन अफसरों के नाम हैं, उनकी पोस्टिंग हुई या नहीं। सोर्सेज ने बताया है कि जांच के दौरान ईडी को विनोद सिंह के मोबाईल में कई ऑडियो-वीडियो मिले हैं, जिसकी जांच की जा रही है। यह जांच की जा रही है कि ऑडियो वीडियो का संबंध किन-किन अफसरों या दूसरे लोगों से है। संभावना है कि इसी के आधार पर ईडी की आगे की कार्रवाई शुरू होगी। पावर ब्रोकर बिनोद सिंह की मदद से क्रीम पोस्ट हासिल करने वाले IAS-IPS टेंशन में हैं। संदेह के घेरे में कोल बेल्ट के कई बिजनसमैन भी आ सकते हैं।
विनोद सिंह के घर मिले थे कई तरह के दस्तावेज
ईडी ने विगत सात फरवरी को आर्किटेक्ट विनोद सिंह से पूछताछ की थी। इससे पहले ईडी ने विनोद सिंह के घर पर रेड में ईडी को कई तरह के दस्तावेज मिले थे। विनोद सिंह के ठिकानों से जेएससीसी द्वारा ली गयी एग्जामस् में शामिल होने वाले कैंडिडेट्स के एडमिट कार्ड की फोटो कॉपी भी मिली है। उल्लेखनीय है कि ईडी ने तीन दिन पहले राज्य पुलिस को पत्र लिख कर जेएसससी द्वारा ली गयी परीक्षा के पेपर लीक मामले को लेकर दर्ज एफआइआर के बारे में जानकारी मांगी है। अब माना जा रहा है कि ईडी जल्द ही इस मामले की जांच शुरू कर सकती है।
ED ने कोर्ट को सौंपा सबूतों का पुलिंदा
ईडी की कोर्ट ने झारखंड के एक्स सीएम हेमंत सोरेन की रिमांड कोर्ट ने बढ़ा दी है। ईडी ने हेमंत सोरेन की व्हाट्सएप चैट से जुड़े सबूतों का पुलिंदा कोर्ट को सौंपा है। इसके बाद कोर्ट ने पांट दिनों की रिमांड अवधि बढ़ाने का फैसला सुनाया है। बताया जा रहा है कि हेमंत सोरेन की यह व्हाट्सएप चैट बिनोद सिंह के साथ हुई बातचीत की है। इस चैट को सामने रखते हुए हेमंत सोरेन से सवाल-जवाब किये गये हैं।इस चैट को बेहद आपत्तिजनक बताया गया है। इसमें कई संपत्तियों का विवरण शामिल है। ईडी का कहना है कि इन चैट्स में कई संपत्तियों से जुड़ी गोपनीय जानकारी का आदान-प्रदान किया गया है। ट्रांसफर-पोस्टिंग, सरकारी रिकॉर्ड साझा किये गये हैं। इसमें ऐसी जानकारियां भी साझा की गई हैं, जो बड़ी मात्रा में रुपयों के लेन-देन से जुड़ी हुई प्रतीत होती हैं।
ईडी ने हेमंत के करीबी बिनोद सिंह की दूसरे लोगों के साथ हुई व्हाट्सएप चैट को भी कोर्ट के सामने रखा है। बिनोद सिंह की चैट में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ी जानकारी शामिल है। ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में दाखिल रिमांड आवेदन में Hemant Soren व उनके करीबी आर्किटेक्ट विनोद सिंह के बीच वाट्सएप चैट का खुलासा किया है। दोनों के बीच बातचीत से संबंधित 539 पन्ने निकाले गये हैं। इसमें ट्रांसफर-पोस्टिंग सरकारी दस्तावेज का आदान-प्रदान से लेकर और भी कई चीजों को लेकर बातें हुई हैं। रिमांड पर पूछताछ के दौरान हेमंत सोरेन को ED ने उनके व विनोद सिंह के बीच वाट्सएप चैट को भी दिखाया। उक्त चैट में बहुत सी संपत्ति से संबंधित सामग्री है। हेमंत ने उक्त वाट्सएप के प्रिंटआउट पर हस्ताक्षर से इंकार किया।
वाट्सएप चैट में कई गोपनी बातों का था जिक्र
वाट्सएप चैट में केवल विभिन्न संपत्तियों से संबंधित गोपनीय सूचनाओं का आदान-प्रदान ही नहीं था, बल्कि ट्रांसफर-पोस्टिंग, सरकारी दस्तावेज का आदान-प्रदान आदि भी एक-दूसरे से शेयर किया गया था। इसके एवज में बड़ी मात्रा में धन की उगाही की गई और उसका लेन-देन हुआ। विनोद सिंह का वाट्सएप चैट अन्य लोगों से भी था, जो अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग से संबंधित था। विनोद सिंह के वाट्सएप चैट में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग आदि की प्रतियोगिता परीक्षाओं से संबंधित विभिन्न पहचान पत्र भी शेयर किये गये हैं।
विनोद सिंह के वाट्सएप चैट के कुछ अंश
नरेंद्र प्रसाद सिंह, जेल अधीक्षक, जिला जेल चास बोकारो में पदस्थापित थे, उन्होंने केंद्रीय कारा होटवार के लिए इच्छा जताई थी। वहीं, जिला जेल चाईबासा के जेल अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने हजारीबाग सेंट्रल जेल के लिए इच्छा जताई थी। उक्त पेपर के नीचे कुल 0.75 करोड़ रुपये लिखा गया है।
07 जून 2020 का चैट : विनोद सिंह ने लिखा है कहीं का डीसी बना देना, नो रिलेशन, प्योर कमर्शियल।
07 जून 2020 का चैट : विनोद सिंह ने लिखा भाई शशि रंजन आइएएस, आइजी जेल, सुडा डायरेक्टर, इसको भी डीसी हजारीबाग या बोकारो आदि।
07 जून 2020 का चैट : विनोद सिंह ने लिखा भाई अभी तक जितना भी रिकमेंडेशन किया है, किसी से एक रुपया भी नहीं लिया है। काम होने के बाद फोर स्योर। जैसा आदेश होगा आपका। लेकिन आग्रह है कृप्या कुछ केस कंसिडर कर लेना। आइ वीश हम भी छोटा सा सिस्टम का पार्ट होते।
26 जून 2020 : विनोद सिंह ने लिखा मोहम्मद हैदर अली, संयुक्त सचिव निदेशक डीआरडीए गुमला, डीडीसी लातेहार में पोस्टिंग के लिए इच्छा जताई।
12 जून 2020 : विनोद सिंह ने लिखा, भाई यदि संभव हो तो कोलकाता वाले लाला जी से रविवार को एक बार मिल लो। बाकी आप पर है। कब से करना है या नहीं करना है, एक बार समझ लेता। बड़ा पार्टी है। इसकी मुझे जानकारी देना।
12 जून 2020 : विनोद सिंह ने लिखा उसका बायोडाटा दूसरे मोबाइल से भेजा था, तुम देखे हो।
12 जून 2020 : भाई दो करोड़ प्रत्येक माह।
जमीन घोटाले की जांच सेपेपर लीक तक पहुंची ईडी
ईडी ने एक्स सीएम हेमंत सोरेन के लिए पीएमएलए कोर्ट को दिए रिमांड पीटिशन में आर्किटेक्ट विनोद सिंह के व्हाट्सएप चैट का हवाला दिया है। विनोद सिंह के पास जेएसएससी परीक्षा में शामिल होनेवाले कई अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड भी मिले हैं। ईडी जेएसएससी पेपर लीक में एडमिट कार्ड के विनोद सिंह के पास से मिलनेको काफी गंभीर मान रही है। विनोद सिंह के व्हाट्सएप चैट सेकई गोपनीय सूचनाएं खास कर संपत्तियों की खरीद, ट्रांसफर-पोस्टिंग, सरकारी रिकार्ड के आदान- प्रदान की जानकारी भी मिली है। विनोद सिंह के मोबाइल सेभी कई लोगों से बातचीत का चैट मिला, जिसमें ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर गंभीर बातें सामनेआयी है। ईडी ने कोर्ट को यह जानकारी दी हैकि उनके पास 539 पन्नों के चैट साक्ष्य हैं।
ईडी ने विनोद सिंह के पास मिलेचैट कोर्ट को सौंपे हैं। एक पेज में दो अफसरों को होटवार व हजारीबाग में पोस्टिंग दिलाने को लिखा गया था। इसी तरह एक आईएएस का नाम लिखकर उसके पदस्थापन के बारे में लिखा गया है। ट्रांसफर-पोस्टिंग के कई व्हाट्सएप चैट का जिक्र ईडी नेकिया है। वहीं बंगाल के चर्चित कोयला माफिया अनूप मांझी उर्फ लाला से भी मुलाकात के लिए विनोद सिंह ने चैट में लिखा है। ईडी ने लिखा हैकि जमीन घोटाले की जांच में हेमंत सोरेन सहयोग नहीं कर रहे हैं। ईडी ने दावा किया है कि एजेंसी को उनकी कई अन्य संपत्तियों की भी जानकारी मिली है। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि इस मामले में कई अन्य लोगों को भी समन किया गया है, जिसके साथ आगे की पूछताछ में हेमंत सोरेन का आमना-सामना कराया जयेगा। केस के आरोपी बड़र्गाईं अंचल के पूर्व राजस्व उपनिरीक्षक से मिले तथ्यों से भी हेमंत सोरेन से जानकारी ली जायेगी।
'आपत्तिजनक' WhatsApp चैट्स, उगल रहा बड़े राज
ईडी ने एक्स सीएम हेमंत सोरेन के रिमांड आवेदन में बताया है कि बड़गाईं अंचल स्थित बरियातू की प्रतिबंधित श्रेणी की जिस 8.5 एकड़ जमीन पर अवैध तरीके से कब्जे की कोशिश मामले में हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया है, उसपर हेमंत सोरेन का कब्जा था। इसकी पुष्टि हो चुकी है। पिछले वर्ष 20 अप्रैल को ईडी ने बड़गाईं सीओ, राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, सर्किल अमीन व अन्य की उपस्थिति में उक्त जमीन का सर्वे किया था। सबने ईडी को बताया कि उक्त जमीन हेमंत सोरेन की है। जमीन पर पक्का दीवार बना हुआ था। ईडी के मुताबिक केयरटेकर संतोष मुंडा ने बताया कि दो-तीन बार हेमंत सोरेन व उनकी पत्नी कल्पना सोरेन उक्त जमीन पर आ चुके हैं।
जमीन पर कब्जा करने वालों को सहयोग करता था भानु प्रताप
ईडी ने कोर्ट को बताया है कि भानु प्रताप प्रसाद हेमंत सोरेन के साथ मिलकर बड़गाईं अंचल की 8.5 एकड़ जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा करने में सहयोगी था। इसकी पुष्टि उसके मोबाइल से बरामद दस्तावेज से हुई, जिसका भौतिक सत्यापन भी करवाया जा चुका है। भानु प्रताप प्रसाद ने उन सभी रजिस्टर, पंजी टू को अपने आवास में इसलिए छुपाया ताकि उस रजिस्टर में छेड़छाड़ किया जा सके। भानु प्रताप प्रसाद जमीन पर कब्जा करने वाले लोगों को सहयोग भी करता था। भानु प्रताप प्रसाद के मोबाइल से बरामद दस्तावेज से यह साबित हुआ है कि उक्त जमीन का भी जाली कागजात बनाकर हेमंत सोरेन के नाम पर उक्त जमीन को स्थानांतरित करने व मालिकाना हक दिलाने की कोशिश हो रही थी।
हेमंत ने भानु प्रताप को मूल दस्तावेज को छुपाने में सहयोग किया,'सबूत मिटाने की कोशिश की...'
अनुसंधान के दौरान हेमंत सोरेन से अपना मोबाइल जमा करने के लिए कहा गया ताकि उनके व विनोद सिंह के बीच बातचीत को निकाला जा सके, लेकिन उन्होंने अपना मोबाइल जमा करने से मना किया।ईडी ने रिमांड आवेदन में कोर्ट को बताया कि पहले समन के बाद ही हेमंत सोरेन ने अपने पावर का गलत उपयोग किया और इस केस से संबंधित साक्ष्य को नष्ट करने की कोशिश की।ईडी ने हेमंत सोरेन को आठ अगस्त 2023 को पहला समन किया गया था और उन्हें 14 अगस्त को उपस्थित होने के लिए कहा गया था।16 अगस्त को अंचलाधिकारी बड़गाईं को राज कुमार पाहन ने एक आवेदन दिया कि जमीन उनके कब्जे में है, लेकिन कुछ लोगों ने अवैध तरीक से उक्त जमीन की जमाबंदी करा ली है। उन्होंने आवश्यक कार्रवाई के लिए लिखा था।इसके बाद प्रक्रिया शुरू हुई और अंतिम रूप से 29 जनवरी 2024 को एसएआर कोर्ट ने अंतिम रूप से राजकुमार पाहन को उक्त जमीन का मालिकाना हक दे दिया। उस वक्त ईडी की दिल्ली में छापेमारी चल रही थी।
हेमंत के दिल्ली आवास से मिली थी भानु प्रताप प्रसाद की चार्जशीट
ईडी ने कोर्ट को बताया है कि रिमांड के दौरान हेमंत सोरेन से संबंधित कई अन्य संपत्तियों को अनुसंधान में समाहित किया गया है, जिसपर उन्होंने सही सूचना नहीं दी है। यह बरियातू की 8.5 एकड़ जमीन के अतिरिक्त है, जिसपर उनका कब्जा है। भानु प्रताप प्रसाद रिमांड पर हैं। पूछताछ में आने वाले तथ्यों से हेमंत सोरेन का सामना कराया जा रहा है।